पिंक बॉल टेस्ट के लिए मानसिक समायोजन की जरूरत

- पेसर ने कहा कि वह अपने अनुभव का उपयोग करने की कोशिश करते हैं
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। भारतीय उपकप्तान जसप्रीत बुमराह ने कहा कि क्रिकेटरों को पिंक बॉल टेस्ट से पहले कुछ मानसिक समायोजन करने की जरूरत है, लेकिन कोई निर्धारित मानदंड नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने पहले भी अलग-अलग परिस्थितियों में डे-नाइट मैच खेले हैं। शनिवार से यहां शुरू होने वाला दूसरा भारत-श्रीलंका टेस्ट पिंक बॉल का मैच होगा और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ ने पहले ही 100 प्रतिशत दर्शकों की अनुमति दे दी है।
कोलकाता में बांग्लादेश (नवंबर 2019) और अहमदाबाद में इंग्लैंड के खिलाफ मैच (फरवरी 2021) के बाद यह घर में भारत का तीसरा डे-नाइट पिंक बॉल टेस्ट होगा। भारत ने ये दोनों टेस्ट तीन दिन के अंदर जीते थे।
बुमराह ने उल्लेख किया कि उन्होंने गुलाबी गेंद से बहुत अधिक नहीं खेला है और अभी भी सीख रहे हैं कि डे-नाइट टेस्ट मैचों में कैसे खेला जाए। बुमराह ने कहा, पिंक बॉल टेस्ट के लिए आवश्यक विशिष्ट तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर बुमराह ने कहा, यह सब व्यक्ति पर निर्भर करता है। पेशेवर क्रिकेटरों के रूप में, हमें जितनी जल्दी हो सके समायोजित करने की आवश्यकता है। फिल्डिंग करते समय गुलाबी गेंद अलग दिखती है।
पेसर ने कहा कि वह अपने अनुभव का उपयोग करने की कोशिश करते हैं और उन चीजों पर काम करते हैं जो उनके नियंत्रण में हैं।उन्होंने कहा, इसलिए आपने जो भी थोड़ा अनुभव इकट्ठा किया है और जो फीडबैक लिया है, आप उन चीजों पर काम करते हैं जो हमारे नियंत्रण में हैं।
भारत ने मोहाली में पहले टेस्ट में तीन स्पिनर और दो तेज गेंदबाजों को मौका दिया था। लेकिन खेल की अलग-अलग परिस्थितियों को देखते हुए गुलाबी गेंद के मैच के लिए टीम की रणनीति में बदलाव हो सकता है।
आईएएनएस
Created On :   11 March 2022 3:01 PM IST