निर्भया को मिले न्याय का उत्सव

Nirbhaya gets celebration of justice
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हाईलाइट
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नई दिल्ली, 20 मार्च (आईएएनएस)। जैसे-जैसे रात ढलती गई, तिहाड़ जेल के बाहर रोमांच और कौतूहल से भरे लोगों की भीड़ बढ़ती गई। पल-पल का ये इंतजार बता रहा था कि भारत के सबसे बड़े आपराधिक मामलों में से एक-निर्भया सामूहिक बलात्कार के मामले में न्याय के लिए सात साल और तीन महीने के लंबे इंतजार के बाद पूरा देश इंसाफ पाने के लिए किस कदर बेताब है।

अखिरकार फांसी की तीन बार तारीखें बदलने के बाद 20 मार्च, 2020 शुक्रवार को चारों दोषियों को फांसी दे दी गई।

रात 2 बजे सुप्रीम कोर्ट ने भी अपराधियों के लिए फांसी से बचने के अंतिम दरवाजे भी बंद कर दिए। इसके बाद तिहाड़ के बाहर भावनाओं की लहर ऐसी थी कि कोरोनोवायरस के प्रकोप के बाद बड़ी संख्या में लोग निर्भया के साथ अपनी एकजुटता दिखाने के लिए जेल के बाहर इकट्ठा होने से खुद को नहीं रोक पाए।

दिल्ली के हरि नगर के रहने वाले रविंदर सिंह बख्शी ने कहा, मेरी पत्नी ने मुझे कोरोनोवायरस के प्रकोप के बीच बाहर नहीं निकलने की सलाह दी, लेकिन मैं ये खुशी मनाने से खुद को रोक नहीं सका, क्योंकि मेरी बहन को आज न्याय मिल रहा है।

पीड़िता के साथ एकजुटता दिखाने के लिए मध्य प्रदेश से आई एक महिला ने कहा कि मैं न्याय मिलने के इस दृश्य को अपनी आंखों से देखने के लिए यहां आई हूं।

न्याय मिलने की खुशी तब और जाहिर हुई, जब भीड़ ने फांसी के निर्धारित समय के 60 सेकंड पहले उलटी गिनती शुरू कर दी।

भीड़ ने अंतिम उलटी गिनती के लिए जोर से चिल्लाकर न्यायपालिका के लिए धन्यवाद भी कहा। तिहाड़ जेल परिसर के बाहर इसके लिए पोस्टर भी लगे थे।

जब फांसी का समय निकल गया, तब लोगों को लगा कि जेल से कोई फांसी की सूचना देने बाहर आएगा, लेकिन जब कोई जेल अधिकारी नहीं आया तो लोगों को मीडिया के माध्यम से पता चला। अंतत: चारों दोषियों को फांसी होने की खबर सुन भीड़ में खुशी फूट पड़ी।

बाद में, तिहाड़ जेल के महानिदेशक, संदीप गोयल ने पुष्टि की, चार दोषियों - विनय, अक्षय, मुकेश और पवन को सुबह 5.30 बजे एक साथ फांसी दी गई। चारों को सुबह 6.10 बजे मृत घोषित कर दिया गया।

द्वारका में निर्भया के घर पर भी सभी ने राहत की सांस ली। निर्भया की मां, आशा देवी ने कहा, आज मेरी बेटी को न्याय मिला है, मैं संतुष्ट हूं।

उधर फांसी के बाद तिहाड़ में, पवन जल्लाद ने कहा, मैं चारों को फांसी देने के बाद खुश महसूस कर रहा हूं। मैंने इस पल का काफी इंतजार किया था।

स्थानीय निवासी मीना शर्मा ने झंडा लहराते हुए कहा, जैसे ही यह खबर मिली कि दोषियों को फांसी दी गई है, हम निर्भया को श्रद्धांजलि देने के लिए तिरंगे के साथ सड़कों पर उतर आए।

शुरू से ही इस मामले से जुड़ी रहीं सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना ने कहा, यह राष्ट्र के इतिहास में एक बड़ा दिन है। चारों को दी गई फांसी दुनिया को एक संदेश देगी कि ऐसी हरकतें नहीं की जानी चाहिए।

Created On :   20 March 2020 6:30 AM GMT

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