व्रत: आज है महीने का पहला प्रदोष व्रत, जानें पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त

आज है महीने का पहला प्रदोष व्रत, जानें पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त
इस व्रत को करने से सभी पाप धुल जाते हैं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भगवान शिव का प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त कई व्रत रखते हैं। विशेष तौर पर सोमवार को शिवालय में विधि विधान से पूजा की जाती है। वहीं हर महीने की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत आता है। इस व्रत को सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला माना जाता है। इस माह का पहला प्रदोष आज यानि कि 11 अक्टूबर को है और इसे बुध प्रदोष कहा गया है।

बता दें कि, हर महीने मान्यतानुसार 2 प्रदोष व्रत पड़ते हैं जिनमें से एक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर। ऐसा माना जाता है कि, इस व्रत को करने से सभी पाप धुल जाते हैं और जीवन में आने वाले हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं मुहूर्त और पूजा विधि...

व्रत की विधि

प्रदोष व्रत के दिन व्रती को प्रात:काल उठकर नित्य क्रम से निवृत हो स्नान कर शिव जी का पूजन करना चाहिए। पूरे दिन मन ही मन “ॐ नम: शिवाय ” का जप करें। पूरे दिन निराहार रहें।

त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त से तीन घड़ी पूर्व, शिव जी का पूजन करना चाहिए। प्रदोष व्रत की पूजा संध्या को 4:30 बजे से लेकर 7:00 बजे के मध्य की जाती है। इस दिन व्रती को चाहिए कि संध्या में पुन्हा स्नान कर स्वच्छ श्वेत वस्त्र धारण कर लें। पूजा स्थल अथवा पूजा गृह को शुद्ध कर लें। चाहे तो शिव मंदिर में भी जा कर पूजा कर सकते हैं।

पांच रंगों से रंगोली बनाकर मंडप तैयार करें। पूजन की सभी सामग्री एकत्रित कर लें। कलश अथवा लोटे में शुद्ध जल भर लें। कुश के आसन पर बैठ कर शिव जी की पूजा विधि-विधान से करें। “ॐ नम: शिवाय” बोलते हुए शिव जी को जल अर्पित करें। इसके बाद दोनों हाथ जो‌ड़कर शिव जी का ध्यान करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   11 Oct 2023 12:22 PM GMT

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