मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2023: साल की आखिरी पूर्णिमा में इस विधि से करें पूजा, जानें महत्व

साल की आखिरी पूर्णिमा में इस विधि से करें पूजा, जानें महत्व
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमावस्या की तरह ही हर माह में पूर्णिमा आती है और इस अलग अलग ​तिथि के अनुसार, इस महत्व भी अलग होता है। वहीं मार्गशीष माह के आखिर में आने वाली पूर्णिमा तिथि को अगहन पूर्णिमा और मार्गशीष पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। साथ ही इसे स्नान दान पूर्णिमा भी कहा गया है। इस वर्ष यह पूर्णिमा 26 दिसंबर मंगलवार को पड़ रही है। बता दें कि, अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, यह इस साल की आखिरी पूर्णिमा है। चूंकि, मार्गशीर्ष मास को भगवान श्रीकृष्ण का सबसे प्रिय मास माना गया है। इसलिए इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विशेष महत्व होता है।

ऐसी मान्यता है कि, इस दिन पवित्र नदी सरोवरों में स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस दिन पूजा और व्रत रखने से जीवन में आने वाली कई परेशानियों से मुक्ति दिलाता है। वहीं भगवान सत्यानारायण की पूजा भी इस दिन की जाती है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा सुनना और पढ़ना शुभ माना गया है।

पूजा-विधि

माता अन्नपूर्णा देवी अन्न की देवी हैं। पूर्णिमा के इस अवसर पर रसोई घर को साफ किया जाना चाहिए। यही नहीं पूरे घर में गंगा जल छिड़क कर घर को शुद्ध करना चाहिए। इस दिन घर के चूल्हे की पूजा करनी चाहिए। इस दिन अन्नपूर्णा जयंती के दिन माता पार्वती तथा भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चहिए। माता अन्नपूर्णा की पूजा करने से घर में कभी अन्न और जल की कमी नहीं होती है।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   26 Dec 2023 4:58 PM GMT

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