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- Akshay Navami: This worship will bring health, children and happiness
दैनिक भास्कर हिंदी: अक्षय नवमी: इस पूजा से होगी आरोग्य, संतान और सुख की प्राप्ति

डिजिटल डेस्क। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को 'आंवला नवमी' या 'अक्षय नवमी' कहते हैं। पूरे उत्तर व मध्य भारत में इस नवमी का विशेष महत्व है। इस बार यह 05 नवंबर यानी कि आज मंगलवार को मनाई जा रही है। इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य, आरोग्य, संतान और सुख की प्राप्ति के लिए आंवले के वृक्ष की पूजा करती हैं।
मान्यता
मान्यता है कि आंवला पेड़ की पूजा कर 108 बार परिक्रमा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पूजा- अर्चना के बाद खीर, पूड़ी, सब्जी, मिष्ठान्न आदि का भोग लगाया जाता है। कई धर्मप्रेमी तो आंवला पूजन के बाद पेड़ की छांव में ब्राह्मण भोज भी कराते हैं। इस दिन महिलाएं भी अक्षत, पुष्प, चंदन आदि से पूजा-अर्चना कर पीला धागा लपेट कर वृक्ष की परिक्रमा करती हैं। धर्मशास्त्र के अनुसार इस दिन स्नान, दान, यात्रा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
पूजन विधि
प्रात:काल स्नान कर आंवले के वृक्ष की पूजा की करें। पूजा करने के लिए आंवले के वृक्ष की पूर्व दिशा की ओर उन्मुख होकर षोडशोपचार पूजन करें। दाहिने हाथ में जल, चावल, पुष्प आदि लेकर व्रत का संकल्प करें। संकल्प के बाद आंवले के वृक्ष के नीचे पूर्व दिशा की ओर मुख कर ॐ धात्र्यै नम: मंत्र से आह्वानादि षोडशोपचार पूजन करके आंवले के वृक्ष की जड़ में दूध की धारा गिराते हुए पितरों का तर्पण करें। इसके बाद आंवले के वृक्ष के तने में कच्चे सूत्र लपेटें। फिर कर्पूर या घृतपूर्ण दीप से आंवले के वृक्ष की आरती करें।
विष्णु का स्वरूप है आंवला
शास्त्रों के अनुसार आंवला, पीपल, वटवृक्ष, शमी, आम और कदम्ब के वृक्षों को चारों पुरुषार्थ दिलाने वाला कहा गया है। इनके समीप जप-तप पूजा-पाठ करने से इंसान के सभी पाप मिट जाते हैं। पद्म पुराण में भगवान शिव ने कार्तिकेय से कहा है 'आंवला वृक्ष साक्षात् विष्णु का ही स्वरूप है। यह विष्णु प्रिय है और इसके स्मरण मात्र से गोदान के बराबर फल मिलता है।'
माता लक्ष्मी से संबंध
आंवला वृक्ष की पूजा और इस वृक्ष के नीचे भोजन करने की प्रथा को चालू करने वाली माता लक्ष्मी मानी जाती है। इस संदर्भ में कथा है कि एक बार माता लक्ष्मी पृथ्वी भ्रमण करने आईं। मार्ग में भगवान विष्णु एवं शिव की पूजा एक साथ करने की इच्छा हुई। लक्ष्मी जी ने विचार किया कि एक साथ विष्णु एवं शिव की आंवले के वृक्ष को विष्णु और शिव का प्रतीक चिह्न मानकर माता लक्ष्मी ने आंवले के वृक्ष की पूजा की।
पूजा से प्रसन्न होकर विष्णु और शिव प्रकट हुए। लक्ष्मी माता ने आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर विष्णु और भगवान शिव को भोजन करवाया। इसके बाद स्वयं भोजन किया। जिस दिन यह घटना हुई थी उस दिन कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि थी। इसी समय से यह परंपरा चली आ रही है। इस दिन अगर आंवले की पूजा करना और आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन बनाना और खाना संभव न हो तो इस दिन आंवला जरूर खाना चाहिए।
कैसे उत्पन्न हुआ आंवला...?
पुराणों में दिया गया है कि जब सम्पूर्ण पृथ्वी जलमग्न हो गई थी और इस पर जीवन नहीं था, तब ब्रम्हा जी कमल पुष्प पर विराजमान होकर निराकार परब्रम्हा की तपस्या कर रहे थे। उस समय ब्रम्हा जी के नेत्रों से परमब्रह्म ईश्वर के प्रेम अनुराग में टपके आंसू और ब्रम्हा जी के इन्ही आंसूओं से आंवले का वृक्ष उत्पन्न हुआ, जिससे इस बहुगुणी चमत्कारी औषधीय फल की प्राप्ति हुई।
आयुर्वेद और विज्ञान में भी आंवले का महत्व बताया गया है और आचार्य चरक ने तो आंवले को एक अमृत फल कहा है, जो कई रोगों को नष्ट करने में सफल पाया गया है। साथ ही विज्ञान के अनुसार भी आंवले में विटामिन सी की बहुतायता होती है। जो कि इसे उबालने के बाद भी इसमें पूर्ण रूप से बना रहता है। यह आपके शरीर में रक्तकोषाणुओं के निर्माण को बढ़ाता है, जिस कारण शरीर स्वस्थ बना रहता है।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।