बैसाखी 2020: जानें क्यों मनाया जाता है ये त्यौहार? क्या है इसका महत्व

Baisakhi 2020: Learn why this festival is celebrated? what is its importance
बैसाखी 2020: जानें क्यों मनाया जाता है ये त्यौहार? क्या है इसका महत्व
बैसाखी 2020: जानें क्यों मनाया जाता है ये त्यौहार? क्या है इसका महत्व

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बैसाखी सिखों का पवित्र त्योहार है। बैसाखी के समय विशाखा नक्षत्र होता है, यही वजह है कि इस महीने को बैसाखी कहते हैं। इस वर्ष यह त्यौहार 13 अप्रैल 2020 यानी कि आज मनाया जा रहा है। इस त्यौहार को खास तौर पर पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है। इसके अलावा भी पूरे उत्तर भारत में बैसाखी मनाई जाती है। इस दिन गुरुद्वारों में विशेष भजन कीर्तन होते हैं। लेकिन इस बार कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण सभी धार्मिक स्थल बंद हैं। ऐसे में धर्मगुरू ने इस पर्व को सभी से घरों में ही रहकर मनाने की अपील की है। 

यहां बता दें कि इस दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है इसलिए इसे मेष संक्रांति भी कहते हैं। वहीं बैसाखी कृषि पर्व के तौर पर भी मनाया जाता है, क्योंकि इस दौरान पंजाब में रबी की फसल पककर तैयार हो जाती है। आइए जानते हैं इस पर्व का महत्व और इससे जुड़ी खास बातें... 

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खालसा पंथ की स्थापना
बैसाखी से जुड़ी कई कहानियां हैं। साल 1699 में सिखों के 10वें और अंतिम गुरु गोबिंद सिंह ने बैसाखी के दिन ही आनंदपुर साहिब में खालसा पंत की नींव रखी थी। इस दौरान खालसा पंथ की स्‍थापना का मकसद लोगों को तत्‍कालीन मुगल शासकों के अत्‍याचारों से मुक्‍त करना था।

बैसाखी को इन नामों से जाना जाता है 
असम में इस पर्व को बिहू कहा जाता है, इस दौरान यहां फसल काटकर इसे मनाया जाता है। बंगाल में भी इसे पोइला बैसाख कहते हैं। पोइला बैसाख बंगालियों का नया साल होता है। केरल में इस पर्व को विशु कहा जाता है।

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हिन्दू धर्म में महत्व
यह त्यौहार सिर्फ सिखों के लिए ही नहीं हिंदुओं के लिए भी खास महत्व रखता है। हिंदू धर्म के अनुसार हजारों सालों पहले गंगा इसी दिन धरती पर उतरी थीं। यही वजह है कि इस दिन धार्मिक नदियों में नहाया जाता है। इस दिन गंगा किनारे जाकर मां गंगा की आरती करना शुभ माना जाता है। 

Created On :   13 April 2020 3:14 AM GMT

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