मोर पंख में निवास करते हैं नवग्रह, शांति के लिए करें ये पूजा

Easy TIPS, Use Mor Pankh Or Peacock Feather in the Navgrah Pooja
मोर पंख में निवास करते हैं नवग्रह, शांति के लिए करें ये पूजा
मोर पंख में निवास करते हैं नवग्रह, शांति के लिए करें ये पूजा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष व हिंदू धर्म शास्त्रों में मोर पंख का अत्यधिक महत्व है। मोर पंख को यदि विधिवत घर लाया जाए और उसे सुनिश्चित स्थान पर रखा जाए तो वास्तु दोष समाप्त होते हैं। मोर पंख नवग्रहों को शांत करने वाला भी है। इसका जितना महत्व भगवान कृष्ण के पूजन में है उतना ही शिव और पार्वती पूजन में भी है। 

 

कहा जाता है कि एक बार संध्या नामक राक्षस के वध के लिए सभी ग्रह और देवता मोर पंख में जाकर छिप गए गए थे। जिससे मोर अत्यधिक शक्तिशाली हो गया और उस राक्षस का वध कर दिया। इसका उल्लेख पक्षी शास्त्र में भी मिलता है। मोर मुरगन स्वामी का वाहन है। जिसकी वजह साउथ में इसका अत्यधिक महत्व है जो विशेष अवसरों पर देखने मिलता है। यदि आप ग्रह दोष को दूर करना चाहते हैं तो मोर पंख को अपने घर या पाॅकेट में अवश्य रखें। यहां हम आपको नवग्रहों को शांत करने मोर पंख के कुछ सरल उपाय बताने जा रहे हैं...


-अगर आप शनि दोष से परेशान हैं तो शनिवार को मोर पंख के नीचे काला धागा बांधकर एक पंख के साथ थाली में तीन सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कर शनि मंत्र का जाप करें। प्रसाद में शनि की प्रिय वस्तु अर्पित की जा सकती हैं। 

-चंद्र की शांति के लिए मोर पंख के नीचे सफेद धागा बांधें और थाली में आठ सुपारियां रखकर पूजन करें। इसके बाद चंद्र अर्थात सोम को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्र का जाप करें। 

-मंगल ग्रह को शांत करना आसान नही। इसके लिए अलग पूजन होता है, किंतु मोर पंख में लाल धागा बांधकर सात सुपारियों का उपाय आपको राहत अवश्य प्रदान करेगा। 

-गंगाजल छिड़कते हुए एक थाली में छः सुपारियां रखें और हरे रंग के धागे से बंधे मोर पंख को थाली में रखकर पूजन करें। बुध मंत्र और प्रसाद में मीठी रोटी रखी जा सकती है। यह उपाय बुध की शांति के लिए है। 

-गुरूवार को पांच मोर पंख लाएं और पंख के नीचे पीला धागा बांधकर पांच सुपारियों के साथ पूजन करें। गंगाजल छिड़कना ना भूलें। अब 21 बार बृहस्पति मंत्र का जाप कर बेसन का प्रसाद अर्पित करें। 

-गुलाबी रंग का धागा शुक्रवार को मोर पंख के नीचे बांधें। अब चार सुपारियां लेकर गंगाजल छिड़कें व 21 बार ॐ शुक्राय नमः मंत्र का जाप करें। प्रसाद में मीठे गुड़ चने रखना ना भूलें। 

-रविवार का दिन सूर्यदेव का माना गया है। अर्थात मोर पंख में मैरुन धागे को बंाधकर एक थाली में नौ सुपारियां रखें और गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार सूर्य मंत्र का जाप करें। प्रसाद में नारियल ही पर्याप्त हैं। 

-इसी प्रकार राहू के लिए भूरे रंग का धागा और 2 सुपारियां एवं केतु के लिए स्लेटी रंग का धागा एवं एक सुपारी को थाली में रखकर पूजन करें। प्रसाद में नारियल और मीठा रखा जा सकता है।

Created On :   11 Nov 2017 3:22 AM GMT

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