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- Holashtak will start from March 14, Do not do auspicious work
दैनिक भास्कर हिंदी: 14 मार्च से शुरू हुए होलाष्टक, इन दिनों में भूलकर भी न करें ये शुभ काम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। होलाष्टक 14 मार्च 2019 से प्रारंभ हो गए हैं जो 20 मार्च 2019 यानि होलिकादहन तक चलेंगे। होलाष्टकों में किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य करना निषेध होता है। होलाष्टक समाप्त होने के बाद भी ज्योतिषीय दृष्टि से भद्रा की छाया रहेगी। साथ ही चैत्र कृष्ण पक्ष भी प्रारंभ हो जाएगा। परिणामस्वरूप विवाहों के शुद्ध मुहूर्त पर विराम यथावत लगा रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इन 8 दिनों में किसी भी शुभ कार्य का आरम्भ नहीं किया जाता है।
भारतीय मुहूर्त विज्ञान व ज्योतिष शास्त्र प्रत्येक कार्य के लिए शुभ मुहूर्तों का शोधन कर उसे करने की अनुमति देता है। कोई भी कार्य यदि शुभ मुहूर्त में किया जाता है तो वह उत्तम फल प्रदान करने वाला होता है। इस धर्म धुरी से भारतीय भूमि में प्रत्येक कार्य को सुसंस्कृत समय में किया जाता है, अर्थात् ऐसा समय जो उस कार्य की पूर्णता के लिए उपयुक्त हो।
हिन्दू नववर्ष का नया संवत चैत्र नवरात्र के साथ छह अप्रैल को प्रारंभ हो जाएगा। इस संवत के समय बिना सुझाए विवाह भी किए जाते हैं। वैसे नए वर्ष का विवाह कलेंडर 15 अप्रैल से आरम्भ होगा जो जुलाई तक रहेगा। जिस प्रकार सूर्य और चंद्र ग्रहण में गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर निकलने की मनाही रहती है। उसी प्रकार होलाष्टक में भी गर्भवती स्त्रियों को नदी नाले पार करने की मनाही रहती है।
ये शुभ कार्य हैं वर्जित
इस प्रकार होलाष्टक को ज्योतिष की दृष्टि से एक होलाष्टक दोष माना जाता है, जिसमें विवाह, गर्भाधान, गृह प्रवेश, निर्माण,पुंसवन, नामकरण, मुण्डन विद्यारम्भ, गृह प्रवेश व निर्माण, गृह शान्ति, हवन यज्ञ कर्म, स्नान, तेल मर्दन आदि शुभ कार्य वर्जित हैं। ऐसा ज्योतिष शास्त्र का कथन है। अर्थात् इन दिनों में किए गए कार्यों से कष्ट, अनेक पीड़ाओं की आशंका रहती है तथा विवाह आदि संबंध विच्छेद और कलह,विकारादी के शिकार हो जाते हैं या फिर अकाल मृत्यु या रोग शारिरिक कष्ट होने की आशंका बढ़ जाती है। लेकिन होलाष्टक में फागोत्सव की बहुत धूम रहेगी।
होलाष्टक समाप्त होने पर रंगों का त्यौहार धूमधाम के साथ खेला जाता है। वैसै तो रंगों का त्यौहार भारत के अलावा दूसरे देशों में भी रंगों में सराबोर होकर मनाया जाता है, लेकिन देश के कुछ हिस्सों में इसकी छटा देखते ही बनती है। ब्रजमंडल की लट्ठमार होली का रंग कुछ अलग ही होता है। इसके साथ ही मथुरा, वृंदावन, बरसाना आदि जगहों पर रंगों के साथ फूलों का होली का भी विशेष महत्व है। ब्रज मंडल में भगवान श्रीकृष्ण को आराध्य मानकर होली का भव्य आयोजन किया जाता है, जिसमें भाग लेने देश-दुनिया के लोग मथुरा पहुंचते हैं।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।