सावन में शिव जी को चढ़ाएं बेल के पेड़ की जड़ , महादेव के साथ महालक्ष्मी मां भी होंगी प्रसन्न, जानिए अर्पण का सही तरीका

Offer the root of the bael tree to Shiva in Sawan, Mahalakshmi Ma will be pleased with Mahadev
सावन में शिव जी को चढ़ाएं बेल के पेड़ की जड़ , महादेव के साथ महालक्ष्मी मां भी होंगी प्रसन्न, जानिए अर्पण का सही तरीका
धर्म सावन में शिव जी को चढ़ाएं बेल के पेड़ की जड़ , महादेव के साथ महालक्ष्मी मां भी होंगी प्रसन्न, जानिए अर्पण का सही तरीका

डिजिटल डेस्क, भोपाल। सावन का महिना 12 अगस्त को समाप्त होने जा रहा है। सावन का चौथा सोमवार 8 अगस्त को है। शिवभक्तों ने भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भागवान को खूब बेलपत्र चढ़ाए हैं। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि बेलपत्र शिव जी को बहुत प्रिय है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक सावन के महिने में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से एक करोड़ कन्यादान के बराबर फल मिलता है। इसी के साथ धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक महादेव को प्रसन्न करने के लिए बेल का फल और बेलपत्र का बहुत महत्व बताया गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि बेलपत्र की जड़ का भी खास महत्व होता है। सावन खत्म होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में आप भी भगवान शंकर को बेलपत्र की जड़ को चढ़ाकर उसका लाभ उठा सकते हैं। तो आइये जानते है बेलपत्र वृक्ष की विशेषताएं। 

सावन में बेलपत्र की जड़ का महत्व:

बेल के पेड़ को श्रीवृक्ष के नाम से जाना जाता है। बेल के पेड़ की जड़ में मां लक्ष्मी का वास होता है। सावन के महिने में जो भी इस पेड़ की पूजा करता है उस पर महादेव के साथ  लक्ष्मी जी की भी कृपा होती हैं। 

सावन के महिने में बेलपत्र के पेड़ की जड़ को पूजने से महादेव और मा लक्ष्मी के साथ समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं।

अगर आप सावन के महिने में शिवलिंग पर बेलपत्र की जड़ अर्पित करने से आप की आय में वृद्धि होती है। 

शास्त्रों के अनुसार बेलपत्र की जड़ को घर ले आएं और एक लाल कपड़े में बांधकर अपने धन रखने के स्थान पर पर रख दें। कहा जाता है ऐसा करने से घर में बरकत होती है और धन आगमन होता है। 

सावन में बेलपत्र वृक्ष के पास जाकर किसी जरूरतमंद को घी, अन्न मिठाई का दान करने से दरिद्रता कभी नहीं आती है। 

अगर आप बेल के पड़े की जड़ को मस्तिष्क पर लगाते हैं तो आप को समस्त तीर्थ यात्रा जैसे फल मिल जाता है। 


डिसक्लेमरः ये जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर बताई गई है। भास्कर हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Created On :   2 Aug 2022 8:30 AM GMT

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