सावन के तीसरे सोमवार पर भगवान शिव के तीन स्वरुपों की पूजा की जाती है। ज्योतिषों के अनुसार इस सृष्टि में तीन गुण हैं सत, रज और तम इन तीन गुणों को मिलाकर ही सृष्टि का निर्माण हुआ है। इस पर स्वयं भगवान शिव संचालन करते हैं। भगवान शिव केनीलकंठ, नटराज व मृत्युंजय इन तीन स्वरुपों की विशेष आराधना करना चाहिए। शिवजी अपने इन्हीं स्वरुपों के जरिए पूर्ण सृष्टि का भरण-पोषण करते हैं। इसलिए शिव भक्तों के लिए ये सोमवार विशेष लाभकारी माना गया है। इस अवधि में विवाह योग्य लड़कियां इच्छित वर पाने के लिए सावन के सोमवार का व्रत रखती है, इसमें भगवान शंकर के अलावा शिव परिवार अर्थात माता पार्वती, कार्तिकेय , नन्दी और गणेश जी की भी पूजा की जाती है।
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- On the third Monday of Savan, know its importance
दैनिक भास्कर हिंदी: आज सावन का तीसरा सोमवार, जानिए इसका महत्व

डिजिटल डेस्क । सावन के महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने और अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए सोमवार के दिन का विशेष महत्व होता है। इसलिए सोमवार के दिन श्रद्धालु शिवालयों में जाकर भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। आज उज्जैन के दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में भी सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रही। हर कोई भगवान महाकाल की एक झलक पाने को उत्सुक दिखा। शिव भक्तों की संख्या को देखते हुए आज उनके गर्भगृह में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। आज महाकाल राजा नगर भ्रमण पर निकलेंगे उनके दर्शन को देश विदेश से हजारों की संख्या में लोग आए है।


भगवान शिव का दूसरा नाम मृत्युंजय भी है। जब किसी भी तरह के कर्मकांड और पूजा-आराधना से कष्टों का निवारण न हो पाए, तो ऐसे में महामृत्युंजय मंत्र का जाप एक ऐसा अमोघ बाण है जो सभी कष्टों से छुटकारा दिलाकर जीवन सुखमय बनाता है। मृत्युंजय शिव मृत्यु को जीतने वाले हैं। शिव के साधक को न तो मृत्यु का भय रहता है, न रोग का और न ही शोक का। शिव तत्व उनके मन को भक्ति और शक्ति का सामर्थय देता है। शिव तत्व का ध्यान महामृत्युंजय मंत्र के से किया जाता है। इस मंत्र के जाप से भगवान शिव की कृपा बनी रहती है। शास्त्रों में इस मंत्र को कई कष्टों का निवारक बताया गया है।

धर्म ग्रंथों के अनुसार श्रावण मास मनुष्यों के लिए फलदायी ही नहीं अपितु पशु पक्षियों में भी एक नव चेतना का संचार करता है। जब प्रकृति अपने पुरे चरम सीमा पर होती है तो साधारण व्यक्ति को भी कवि हृदय बना देती है | सावन माह में मौसम का परिवर्तन होने लगता है। हरियाली और पुष्पित फूलों से धरती का श्रृंगार होता है। परन्तु धार्मिक परिदृश्य से सावन मास भगवान शिव को ही समर्पित रहता है। स्कंद पुराण के अनुसार जब सनत कुमार ने भगवान शिव से पूछा कि आपको श्रावण मास इतना प्रिय क्यों है? तब शिवजी ने बताया कि देवी सती ने भगवान शिव को हर जन्म में अपने पति के रूप में पाने का प्रण लिया था, लेकिन अपने पिता दक्ष प्रजापति के द्वारा भगवान शिव को अपमानित करने के कारण देवी सती ने योगशक्ति से शरीर त्याग दिया। इसके पश्चात उन्होंने दूसरे जन्म में पार्वती नाम से राजा हिमालय और रानी नैना के घर जन्म लिया। उन्होंने युवावस्था में श्रावण महीने में ही निराहार रहकर कठोर व्रत द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न कर उनसे विवाह किया।

सावन का तीसरा सोमवार बहुत ही विशेष होता है क्योंकि शिवजी और तीन की संख्या का गहरा संबंध है। सावन का तीसरा सोमवार साधना और भक्ति के लिए उत्तम माना गया है। श्रद्धालु, इस दिन महाकाल भगवान शिव के मंत्रों का जाप करके मंत्र सिद्घि प्राप्त कर सकते हैं। माना जाता है कि साध्य योग में भगवान शिव की पूजा करने से कठिन से कठिन कार्य भी आसान हो जाते हैं। सावन के तीसरे सोमवार को नीलकंठ महादेव, भूतेश्वर महादेव, पातालेश्वर महादेव, भूतनाथ महादेव, पशुपतिनाथ मंदिर, एकादश रुद्र मंदिर, मारू मंदिर, हर्ष पहाड़ी स्थित शिव मंदिर में शिव की विशेष पूजा की जाती है।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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