हस्तरेखा शास्त्र : मणिबंध रेखा से जानिए अपनी आयु
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हस्तरेखा शास्त्र में हथेली की हर एक लाइन का विशेष महत्व होता है। हमारी हथेली की हर एक लाइन हमारे जीवन, भाग्य आयु आदि से जुड़ी होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इंसान के हाथ ही रेखाएं समय-समय पर बदलती हैं और यह बदलाव वर्तमान हालातों में हो रहे परिवर्तनों को दर्शाता है, जिसके आधार पर आपके फ्यूचर की नींव पड़ती है। हमारी हथेली जिस स्थान से प्रारंभ होती है वहां पर रेखा होती है जिसे मणिबंध रेखा कहा जाता है। आज हम आपको इसी रेखा के बारे में बताएंगे।
हमारी हथेली जिस स्थान से प्रारंभ होती है, वहां आड़ी स्थिति में कुछ रेखाएं होती हैं, इन रेखाओं को मणिबंध रेखा कहा जाता है। हथेली का ये हिस्सा भी व्यक्ति की उम्र और भाग्य से जुड़ी कई बातें बता देता है। हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार मणिबंध देखकर व्यक्ति की संभावित उम्र भी मालूम की जा सकती है।
हाथ की सभी रेखाओं का सामुद्रिक शास्त्र में कुछ ना कुछ महत्व बताया गया है। हाथ की कलाई पर बनी मणिबंध रेखाओं का भी भविष्यकथन में अहम स्थान है।
कहां होती है मणिबंध रेखा
- यह हाथ की कलाई पर शुरुआत में बनी होती है।
- यह किसी की कलाई पर तीन तो किसी की कलाई पर दो या चार भी होती हैं।
- यह रेखा आयु, स्वास्थ्य और संतान आदि की भविष्यवाणी करती है।
कैसे पढ़ें मणिबंध रेखा
- मणिबंध रेखाएं आयु से जोड़कर भी देखी जाती हैं।
- सामुद्रिक शास्त्र और अन्य शास्त्रों के अनुसार एक मणिबंध रेखा 25 वर्ष की आयु को दर्शाती है।
- इसी तरह दो हो तो जातक की आयु 50, तीन हो तो 75 और अगर चार मणिबंध रेखा हो तो जातक बेहद सफल, संपन्न और दीर्घायु होता है।
- मणिबंध रेखा से अगर कोई रेखा निकलकर चन्द्र पर्वत की तरफ जाए तो जीवन में विदेश यात्रा के योग बनते हैं।
- दो या चार मणिबंध रेखाओं का होना जातक के जीवन प्रथम संतान कन्या के होने का संकेत देती हैं।
- विषम जैसे एक और तीन मणिबंध रेखाएं प्रथम संतान के पुत्र होने का संकेत देती हैं।
Created On :   19 May 2018 5:14 AM GMT