व्रत: पितरों को मोक्ष दिलाती है फाल्गुनी अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Phalguni Amavasya provides salvation to fathers, know auspicious time
व्रत: पितरों को मोक्ष दिलाती है फाल्गुनी अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
व्रत: पितरों को मोक्ष दिलाती है फाल्गुनी अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू वर्ष के अंतिम माह फाल्गुन में पड़ने वाली अमावस्या को फाल्गुन या  फाल्गुनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए वैसे तो प्रत्येक मास की अमावस्या का बहुत महत्व होता है, लेकिन फाल्गुनी अमावस्या का अपना ही एक विशेष माहात्म्य है। यह हिंदू वर्ष की आखिरी अमावस्या होती है। इस साल फाल्गुन अमावस्या 23 फरवरी 2020 रविवार, को पड़ रही है। फाल्गुन अमावस्या पितरों को मोक्ष दिलाने वाली होती है। इस दिन गंगा स्नान बहुत ही शुभ माना जाता है। 

अमावस्या के दिन इन आत्माओं के वंशज, सगे-संबंधी या कोई परिचित उनके लिये श्राद्ध, दान और तर्पण करके उन्हें आत्मशांति दिला सकते हैं। अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए किए जाने वाले दान,तर्पण, श्राद्ध आदि के लिए यह दिन बहुत ही भाग्यशाली माना जाता है।

Tips: रविवार को करें ये 10 उपाय, समस्याएं होंगी खत्म, आएगी खुशहाली

शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि आरंभ- 22 फरवरी शाम 7:04:19 बजे  
अमावस्या तिथि समाप्त- 23 फरवरी रात 9:03:12 बजे  

महत्व और मान्यता
मान्यता है कि जो मृत्यु पर्यन्त मृत आत्माएं पितृ लोक पंहुचती हैं। यह उनका एक प्रकार से अस्थाई निवास होता है और जब तक उनके भाग्य का अंतिम निर्णय नहीं होता उन्हें वहीं रहना पड़ता है। इस अवधि में उन्हें भूख और प्यास की अत्यंत पीड़ा सहन करनी पड़ती है क्योंकि वे स्वयं कुछ भी ग्रहण करने में समर्थ नहीं होते। उनकी इस पीड़ा का निवारण तभी होता है जब भू लोक से उनके सगे-संबंधि, परिचित या कोई भी उन्हें मानने वाला उनके लिए श्राद्ध दान तर्पण करता है। वैसे श्राद्ध पक्ष में हमेशा उसी तिथि को श्राद्ध किया जाता है जिस तिथि को दिंवगत आत्मा इस लोक से पर लोक गमन करती है, लेकिन यदि यह संभव न हो और किसी कारण वह तिथि मालूम न हो तो प्रत्येक मास में आने वाली अमावस्या को यह किया जा सकता है।

महादेव की पूजा के लिए सोमवार क्यों है विशेष दिन? जानें कारण

धार्मिक तीर्थों पर आयोजन
साल में 12 अमावस्याएं आती हैं यदि निरंतरता में प्रत्येक अमावस्या को आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो कुछ अमावस्याएं विशेष तौर पर सिर्फ श्राद्ध कर्म के लिये शुभ मानी जाती हैं। फाल्गुन मास की अमावस्या उन्हीं में से एक है। कालसर्प दोष के निवारण के लिए पूजा भी अमावस्या के दिन विशेष रूप से की जाती है। फाल्गुनी अमावस्या पर कई धार्मिक तीर्थों पर फाल्गुन मेलों का आयोजन भी होता है।

Created On :   22 Feb 2020 9:39 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story