डिजिटल डेस्क । अगर सूर्य नीच स्थान पर है और सूर्य ग्रह के कारण आपके जीवन में कुछ उथल-पुथल हो रही है तो आप कुछ आसान से उपाय अपना सकते हैं। वैसे सूर्य को कुंडली में उपस्थित सभी ग्रहों का स्वामी कहा जाता है। ज्योतिष में सूर्य ही सभी नौ ग्रहों का प्रधान होता है। आइए जानते है कि आपकी कुंडली और जीवन में सूर्य क्या भूमिका निभाता है? मान्यता है कि अगर कुंडली में सूर्य सही और फलदायक स्थिति में है तो बहुत शुभ होता है और दूसरे ग्रह भी इसी के अनुरूप फल देते हैं, लेकिन जिस तरह घर के मुखिया के कमजोर होने पर घर की स्थिति भी कमजोर होती है उसी तरह कुंडली में सूर्य के कमजोर होने पर अन्य ग्रह भी अच्छे फल नहीं देते।
1/2 सूर्य के उपाय
- कुंडली में यदि सूर्य प्रथम भाव में नीचा यानि उचित फल देने वाला ना हो तो जातकों को पैतृक घर में हैंडपंप लगाने और दिन के समय स्त्री से सहवास करने से बचने की सलाह दी जाती है?
- दूसरे भाव में सूर्य ग्रह के उत्तम फल पाने के लिए नारियल, सरसों और बादाम का दान देना चाहिए। ऐसी स्थिति में चावल, चांदी या दूध का दान लेने या स्वीकार करने से बचना चाहिए।
- तृतीय भाव में सूर्य ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए माता को प्रसन्न रखना चाहिए और दूध तथा चावल का दान देना चाहिए।
- चौथे भाव में बैठे सूर्य के कारण आपको कष्ट हो रहा है तो आपको योग्य पात्र को भोजन या भोजन सामग्री बांटना चाहिए।
- पंचम भाव में सूर्य की पीड़ा शांत करने के लिए जातक को रसोई घर के पूर्व दिशा में बनाने की सलाह दी जाती है|
- छठे भाव में सूर्य ग्रह के शुभ फल पाने के लिए जातक को हमेशा घर में गंगाजल रखने की सलाह दी जाती है। साथ ही ऐसे लोगों को अपने रीति रिवाजों से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए।
2/2 सूर्य के अन्य उपाय
- सातवें भाव में अगर सूर्य ग्रह से आपको हानि हो रही हो तो जातकों को खाने में नमक कम करने की सलाह दी जाती है। आठवें भाव में सूर्य ग्रह के अशुभ परिणामों को कम करने के लिए दक्षिणमुखी घर में ना रहने की सलाह दी जाती है। साथ ही किसी भी नए काम पर जाने से पहले कुछ मीठा खाकर निकलने की सलाह दी जाती है।
- नौवें भाव में सूर्य ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए या इनके दुष्परिणामों से बचने के लिए जातक को दान या तोहफे के रूप में चांदी ना लेने की सलाह दी जाती है।
- दसवें भाव में सूर्य ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए नीला और काला कपड़ा ना पहनने की सलाह दी जाती है। साथ ही जातक को मांस और मदिरा से दूर रहने को भी कहा जाता है।
- ग्यारहवें भाव में सूर्य ग्रह है और जातक को कष्टों का सामना करना पड़ रहा है तो उन्हें मांस-मदिरा से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
- बारहवें भाव में बैठे सूर्य ग्रह की पीड़ा या अशुभ फलों को कम करने के लिए घर में सदा एक चक्की रखने की सलाह दी जाती है।