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दैनिक भास्कर हिंदी: प्रदोष व्रत में क्यों की जाती है भगवान शिव की पूजा? जानिए पूजन विधि और इसका महत्व

डिजिटल डेस्क, भोपाल। सोमवार के दिन प्रदोष व्रत आने की वजह से इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस बार 25 जून 2018 को सोम प्रदोष है। सोमवार के दिन प्रदोष व्रत आरोग्य प्रदान करता है और मनुष्य की सभी इच्छाओं की पूर्ति करता है। संतानहीन दंपत्तियों के लिए इस व्रत पर घर में मिष्ठान या फल इत्यादि गाय को खिलाने से शीघ्र शुभ फलादी की प्राप्ति होती है। संतान की कामना हेतु प्रदोष व्रत करने का विधान हैं, एवं संतान बाधा में प्रदोष व्रत सबसे उत्तम मना गया है।
संतान की कामना हेतु प्रदोष व्रत के दिन पति-पत्नी दोनों प्रातः स्नान इत्यादि नित्य कर्म से निवृत होकर शिव, पार्वती और गणेश जी की एक साथ में आराधना कर किसी भी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक, पीपल की जड़ में जल चढ़ाकर सारे दिन निर्जल रहने का विधान हैं। प्रदोष काल में स्नान करके मौन रहना चाहिए, क्योंकि शिवकर्म सदैव मौन रहकर ही पूर्णता को प्राप्त करता है। इसमें भगवान सदाशिव का पंचामृतों से संध्या के समय अभिषेक किया जाता है।
ज्योतिष की दृष्टि से जो व्यक्ति चंद्रमा के कारण पीड़ित हो उसे वर्षभर उपवास रखना, लोहा, तिल, काली उड़द, शकरकंद, मूली, कंबल, जूता और कोयला आदि दान करने से शनि का प्रकोप भी शांत हो जाता है, जिससे व्यक्ति के रोग, व्याधि, दरिद्रता, घर की शांति, नौकरी या व्यापार में परेशानी आदि का स्वतः निवारण हो जाएगा।
प्रदोष का सबसे बड़ा महत्व है कि सोम (चंद्र) को, प्रदोषकाल पर्व पर भगवान शंकर ने अपने मस्तक पर धारण किया था। यह सोम प्रदोष के नाम से जाना जाता है।
उपासना करने वाले को एवं प्रदोष करने वाले को सोम प्रदोष से व्रत एवं उपवास प्रारंभ करना चाहिए। प्रदोष काल में उपवास में सिर्फ हरे मूंग का सेवन करना चाहिए, क्योंकि हरा मूंग पृथ्वी तत्व है और मंदाग्नि को शांत रखता है।
प्रदोष व्रत की विधि
- प्रदोष व्रत करने के लिए मनुष्य को त्रयोदशी के दिन प्रात: सूर्य उदय से पूर्व उठना चाहिए।
- नित्यकर्मों से निवृत्त होकर, भगवान श्री भोलेनाथ का स्मरण करें।
- पूरे दिन उपावस रखने के बाद सूर्यास्त से एक घंटा पहले, स्नान आदि कर श्वेत वस्त्र धारण किए जाते हैं।
- पूजा स्थल को गंगाजल या स्वच्छ जल से शुद्ध करने के बाद, गाय के गोबर से लीपकर, मंडप तैयार किया जाता है।
- अब इस मंडप में पांच रंगों का उपयोग करते हुए रंगोली बनाई जाती है।
- प्रदोष व्रत कि आराधना करने के लिए कुशा के आसन का प्रयोग किया जाता है।
इस प्रकार पूजन की तैयारियां करके उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें और भगवान शंकर की पूजा करना चाहिए। पूजन में भगवान शिव के मंत्र 'ऊँ नम: शिवाय' का जाप या रुद्राष्टक पड़ते हुए शिव को जल चढ़ाना चाहिए। ऊँ नमःशिवाय' मंत्र का एक माला यानी 108 बार जाप करते हुए हवन करना चाहिए। हवन में आहूति के लिए खीर का प्रयोग किया जाता है हवन समाप्त होने के बाद भगवान भोलेनाथ की आरती की जाती है और शान्ति पाठ किया जाता है अंत में दो ब्रह्माणों को भोजन या अपने सामर्थ्य अनुसार दान दक्षिणा देकर आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।
प्रदोष व्रत को लेकर पौराणिक कथा
पौराणिक कथानुसार चंद्र का विवाह दक्ष प्रजापति की 27 कन्या जो नक्षत्र हैं उनके साथ संपन्न हुआ। जिसमें रोहिणी बहुत खूबसूरत थीं एवं चंद्र का रोहिणी पर अधिक स्नेह देख शेष कन्याओं ने अपने पिता दक्ष से अपना दु:ख प्रकट किया। दक्ष तो स्वभाव से ही क्रोधी प्रवृत्ति के थे और उन्होंने क्रोध में आकर चंद्र को श्राप दे दिया कि तुम क्षय रोग से ग्रस्त हो जाओगे। उसके बाद से चन्द्र शनै: शनै: क्षय रोग से ग्रसित होने लगे और उनकी कलाएं क्षीण होना प्रारंभ हो गईं। यह देखकर नारदजी ने उन्हें मृत्युंजय भगवान आशुतोष की आराधना करने को कहा, तत्पश्चात चन्द्र और रोहणी दोनों ने भगवान आशुतोष की आराधना की।
चंद्र अंतिम सांसें गिन रहे थे, तभी भगवान शंकर ने प्रदोषकाल में चंद्र को पुनर्जीवन का वरदान देकर उसे अपने मस्तक पर धारण कर लिया अर्थात चंद्र मृत्युतुल्य कष्ट प्राप्त होते हुए भी मृत्यु को प्राप्त नहीं हुए। पुन: शनै: शनै: चंद्र स्वस्थ होने लगे और पूर्णमासी पर पूर्ण चंद्र के रूप में प्रकट हुए। चंद्र क्षय रोग से पीड़ित होकर मृत्युतुल्य कष्टों को भोग रहे थे।
'प्रदोष व्रत' इसलिए भी किया जाता है कि भगवान शिव ने उस दोष का निवारण कर उन्हें पुन: जीवन प्रदान किया अत: हमें उस शिव की आराधना करनी चाहिए जिन्होंने मृत्यु को पहुंचे हुए चंद्र को मस्तक पर धारण किया था।
भगवान शिव पंचमुखी होकर 10 भुजाओं से युक्त हैं एवं पृथ्वी, आकाश और पाताल तीनों लोकों के एकमात्र स्वामी हैं। शिव का एक रूप ज्योतिर्मय भी है और एक रूप भौतिकी शिव के नाम से जाना जाता है जिसकी हम सभी आराधना करते हैं। ज्योतिर्मय शिव पंचतत्वों से निर्मित हैं। भौतिकी शिव का वैदिक रीति से अभिषेक एवं मंत्रोच्चारण द्वारा पूजन किया जाता है। ज्योतिर्मय शिव के निकट साधक मौन अर्थात ध्यान कर अपना कर्म करता है।
ज्योतिर्मय शिव तंत्र विज्ञान द्वारा दर्शन देते हैं, किन्तु साधक को गुरु का पूर्ण मार्गदर्शन हो, क्योंकि तंत्र विज्ञान शिव का तेज है जिसे उनका तीसरा नेत्र भी माना जाता है। इस विज्ञान को समझने वाले जितने भी हुए और जिन्होंने भी शिव के इस रूप के दर्शन किए, सब ने इस ज्ञान को गोपनीय रखा।
यह सत्य है कि सत्यान्वेषी मनीषियों ने संपूर्ण ब्रह्मांड के दर्शन कर अपनी व्याख्याओं में अपने-अपने अनुभवों को अपनी भाषाओं में वर्णित कर समाज के सामने जितना प्रकट करना आवश्यक था उसका प्रचार-प्रसार किया है। तंत्र विज्ञान वास्तविकता के दर्शन कराता है।
इस शास्त्र को गोपनीय रखने के पीछे एक कारण यह भी है कि शिव के तत्वों का संपूर्ण रहस्य उजागर हो जाए तो इसका दुरुपयोग घातक सिद्ध हो सकता है।
एक विशेष बात यह है कि शिवलिंग के सामने सदैव नंदी देव विराजते हैं और शिव के दर्शन करने के पूर्व नंदी देव के सींगों के बीच में से शिव के दर्शन करते हैं, क्योंकि शिव ज्योतिर्मय भी हैं और सीधे दर्शन करने पर उनका तेज सहन नहीं कर सकते।
नंदी देव आकाश तत्व हैं। वे शिव के तेज को सहन करने की पूर्ण क्षमता रखते हैं।
माता गौरी अग्नि तत्व की प्रधानता लिए हुए हैं। इनका वाहन सिंह है।
कार्तिकेय वायु तत्व हैं। इनका वाहन मयूर है।
श्री गणेश पृथ्वीर तत्व है, मूषक इनका वाहन है।
शिव परिवार इस समस्त चराचर के स्वामी हैं। इन्हीं की माया एवं कृपा से हम सभी संचालित हैं।
शिवपुराण में उल्लेख मिलता है कि शिव के एक अंग से श्री हरि विष्णु, एक अंग से श्री ब्रह्माजी और श्री शिव के मस्तकरूपी तीसरे नेत्र से महेश, इस प्रकार से इन सबको अपना-अपना कार्य सौंपकर स्वयं भगवान भभूती (राख) लपेटे ध्यान में मग्न रहते हैं। भगवान शिव रिद्धि-सिद्धि, सुख-समृद्धि के दाता हैं। ऐसे शिव को बारंबार प्रणाम।
क्लोजिंग बेल: गिरावट पर बंद हुआ बाजार, सेंसेक्स 100 अंक लुढ़का, निफ्टी भी फिसला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश का शेयर बाजार कारोबारी सप्ताह के दूसरे दिन (05 जुलाई 2022, मंगलवार) गिरावट के साथ बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान पर रहे। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 100.42 अंक यानी कि 0.19% नीचे 53,134.35 के स्तर पर बंद हुआ।
वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 24.50 अंक यानी कि 0.15% की गिरावट के साथ 15,810.85 के स्तर पर बंद हुआ।
जबकि बैंक निफ्टी में 125 अंक की हानि रही एवं इसने 33815.90 पर सत्र की समाप्ति दी। रुपया ने कल के 78.95 के स्तर की तुलना आज डॉलर के मुकाबले नया नीचा स्तर 79.37 बनाया। इसने भी बाजार की भावना नकारात्मक करने में बड़ी भूमिका निभाई। क्षेत्र विशेष में आईटी, ऑटो तथा मीडिया में बिकवाली का दबाव दिखा जबकि एनर्जी, फार्म एवं मेटल में खरीदारी दिखी। निफ्टी के शेयरों में हिंडाल्को, अपोलो हॉस्पिटल, श्री सीमेंट, सन फार्म तथा पावर ग्रिड में सर्वाधिक बढ़त रही जबकि आईटीसी, एचडीएफसी लाइफ, विप्रो तथा ब्रिटानिया सबसे अधिक हानि में रहे।
तकनीकी आधार पर ,निफ्टी में राइजिंग वेज फार्मेशन की ऊपरी सीमा छू वहां से बिकवाली का दबाव देखा है जो दुर्बलता का संकेत है। इसके अतिरिक्त निफ्टी ने दैनिक चार्ट पर बियरिश कैंडल बनाया है जो मंडी के रुख का संकेत है। निफ्टी ने 200 एचएमए पर दबाव देखा है एवं इसके नीचे बंदी दी है जो आनेवाले सत्र में दुर्बलता का ही संकेत है। निफ्टी का सपोर्ट 15650 है जबकि 16000 एक तात्कालिक अवरोध है। 16000 के ऊपर बंदी होने पर ही अच्छी तेजी का रुख बन सकता है। बैंक निफ्टी का सपोर्ट 33400 है जबकि 34500 अवरोध है।
वैश्विक बाजारों में दुर्बलता के कारण भी आज भारतीय बाजार में तेजी का रुख टिक नही पाया। कुल मिला कर बाजार नीचे का रुख दिखा सकते हैं,15650 टूटने पर अधिक बिकवाली दिख सकती है। 16000 एक बड़ा अवरोध है। वैश्विक बाजारों से सहयोग मिलने पर भारतीय बाजार वर्तमान स्तरों से अच्छी तेजी दिखा सकते हैं परन्तु ऊंचे क्रूड मूल्य तथा बढ़ती ब्याज दरों के कारण बड़ी उछालों पर बेचना ही श्रेयष्कर है।
पलक कोठारी
रीसर्च एसोसिएट
चॉइस ब्रोकिंग
Source: Choice India
AISECT: सेक्ट कॉलेज बी.एड. उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन बी.एड. के नियमित सत्र 2022-24 के विद्यार्थियों के लिए स्वागत सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती पूजन से हुई। इसके पश्चात विद्यार्थियों को कॉलेज के नियमों की जानकारी दी गई और पिछली उपलब्धियों को विद्याथियों के समक्ष बतलाया गया। साथ ही स्कोप परिसर में होने वाले दूसरे पाठ्यक्रमों की जानकारी भी दी।
महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. नीलम सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी भविष्य में शिक्षक बनने वाले हैं और एक शिक्षक को समय की पाबंदी और अनुशासन का हमेशा ध्यान रखना चाहिए और अपनी आंतरिक क्षमताओं का विकास करते हुए सार्थक जीवन की ओर अग्रसर होना चाहिए। इस अवसर पर बारी-बारी से सभी विद्याथियो ने आपना परिचय दिया और अपनी शैक्षिणक योग्यता और रूचियों के बारे में बतलाया। विद्याथियों को बी.एड. पाठ्क्रम के बारे मेचारों सेमेस्टरों में होने वाली गतिविधियों की जानकारी दी गई।
सभी शिक्षकों ने विद्याथियों के समक्ष अपने-अपने विषय के पाठ्क्रम से अवगत कराया और सम्पूर्ण कोर्स की विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। कुछ विद्याथियों द्वारा मधुर गीतों की प्रस्तुति दी गई। अंत मे सभी विद्याथियों को पाठ्क्रम और वार्षिक योजना की प्रति उपलब्ध कराई गई।
मूवर्स और पैकर्स: कैसे एश्योरशिफ्ट ने भारत में स्थानांतरण के अनुभव को बेहतर बनाया है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश में बढ़ती जनसंख्या, शैक्षिक प्रगति और मूल तोर से नौकरी के अवसर के कारण, देश के अंदर और विदेश के कई शहरों में, प्रवास करने वाले अन्य शहरों के लोगों की संख्या उल्लेखनीय मत्रा से वृद्धि पाई है।
इस कारण से स्थानांतरण सेवा के मांग में तेजी से वृद्धि हुई। कई पैकर्स एंड मूवर्स कंपनियों की स्थापना भी हुई है जो घर, कार्यालयों के सामना, कार, बाइक, आदि को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक सेवाएं प्रदान करती हैं। हालांकि, किसी भी नए उत्पाद के साथ, कई नकली और गैर-पेशेवर चलती कंपनि स्थापित होते हैं। धीरे-धीरे भारतीय स्थानांतरण बाजार में इस तरह के कंपनि आकर बेहद कम लागत वाली कोटेशन की पेशकश करके निर्दोष ग्राहकों का शिकार करना शुरू कर दिया। वे गुणवत्ता सेवाओं, अतिरिक्त सहायता आदि जैसे कई वादे करते हैं, लेकिन अंत में अक्सर ग्राहकों के पैसे और सामान लूट लेते हैं।
स्व-चलन के साथ आने वाली कठिनाइयों और जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, पेशेवर स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं को नियुक्त करने की सलाह दी जाती है लेकिन कंपनी के इतिहास और पृष्ठभूमि की जांच कर लेने के बाद। आपको एक पैकर्स मूवर्स कंपनी के पंजीकरण दस्तावेजों और पहले के ग्राहकों की कई समीक्षाएं पढ़ कर, उनका व्यापक शोध करना चाहिेए। लेकिन सामान्य ज्ञान के अनुसार, दस्तावेज़ीकरण, कंपनी विवरण, कार्यालय स्थान आदि की पुष्टि करना आसान काम नहीं है और पहली बार जांच करने वाले के लिए अत्यधिक समय लग सकता है।
प्रत्येक ग्राहक पहली कोशिश में अपने निकट के ईमानदार पैकर्स एंड मूवर्स कंपनी से संपर्क कर रहा है और बाजार में धोखाधड़ी सेवा प्रदाताओं का खात्मा हो रहा है, यह सुनिश्चित करने के लिए एश्योरशिफ्ट की स्थापना की गई थी।
AssureShift Packers and Movers एक मानक बन गया है यह भारत का सबसे अच्छी ऑनलाइन पैकर्स और मूवर्स निर्देशिका है, जिसमें 25 से अधिक शहरों के शीर्ष पैकर्स और मूवर्स की सूची है। 2017 की शुरुआत में लॉन्च होने के बाद से, एश्योरशिफ्ट ने देश भर में 50,000 से अधिक परिवारों और व्यक्तियों को सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया है। हमारे पार्टनर पैकर्स और मूवर्स के पास पर्याप्त अनुभव है और वे घरेलू सामान पैकिंग और मूविंग, कार ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज, बाइक शिफ्टिंग सर्विसेज, ऑफिस शिफ्टिंग आदि जैसे सभी प्रकार के सामानों को स्थानांतरित करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। हम सुनिश्चित करते हैं इस दौरान हमारी पार्टनर कंपनियां उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं, किफायती शुल्क, समय पर घर से पिकअप और डिलीवरी, पेशेवर व्यवहार जैसे पूर्ण ग्राहक सहायता का आश्वासन दे रही हैं।
एक बार जब ग्राहक पूछताछ फॉर्म भरते हैं, तो मुश्किल से 10 क्लिक के भीतर, एश्योरशिफ्ट निर्दिष्ट स्थानांतरण आवश्यकताओं के अनुसार ग्राहक के निकटतम 3 शीर्ष पैकर्स एंड मूवर्स कंपनियों को संदर्भित करता है। ग्राहक सटीक स्थानांतरण शुल्क प्राप्त करने के लिए प्री-मूव सर्वेक्षण कर सकते हैं और दरों, प्रोफाइल, समीक्षाओं और रेटिंग की तुलना करके सबसे उपयुक्त पैकर्स और मूवर्स कंपनी के साथ सौदा कर रहे हैं।
एश्योरशिफ्ट का 4-चरणीय तरीका एक सुनिश्चित स्थानांतरण के लिए
#1 पूर्ण तरह से बैकग्राउंड की जांच
एक पैकर्स और मूवर्स कंपनी की विश्वसनीयता साबित करने वाले मुख्य कागज-पत्र में से एक यह है कि उनके पास सरकार द्वारा दिए गए आवश्यक पंजीकरण दस्तावेज होना चाहिए। एश्योरशिफ्ट निम्न प्रकार से जाँच करके स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं की पूरी गहराई से पृष्ठभूमि का सत्यापन करता है:
- कंपनी जीएसटी पंजीकरण,
- कार्यालय सेटअप, स्थान और प्रमाण,
- ओनर आईडी प्रूफ,
- संपर्क विवरण,
- ग्राहक प्रतिक्रिया के साथ पूर्व कार्य अनुभव,
- Google रेटिंग और समीक्षाएं।
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों को परेशानी मुक्त और विश्वसनीय पैकिंग मूविंग सेवाएं प्रदान करने और उनके स्थानांतरण के अंत में 100% संतुष्टि की सुनिश्चित करता है।
#2 बजट के अनुकूल दरों पर सर्वोत्तम मिलान वाली सेवाएं
हमारे पार्टनर पैकर्स एंड मूवर्स के पास रिलोकेशन सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शन करने का अच्छा अनुभव है और ग्राहकों की आवश्यकता के अनुसार किसी भी आइटम को स्थानांतरित करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। वे शुरू से अंत तक पूरी प्रक्रिया को संभालने में सक्षम हैं, यानी, एक अच्छी तरह से नियोजित रणनीति तैयार करना, पैकिंग, लोडिंग, पूरी सुरक्षा के साथ वस्तुओं का परिवहन, और गंतव्य पर अनलोडिंग और अनपैकिंग करना।
युक्ति: भारत में सबसे सटीक पैकर्स और मूवर्स शुल्क प्राप्त करने के लिए (किसी भी आइटम को देश में किसी भी स्थान पर ले जाने के लिए), हमेशा एक भौतिक प्री-मूव सर्वेक्षण अनुरोध करें। जब मूवर्स व्यक्तिगत रूप से वस्तुओं का सर्वेक्षण करते हैं, तो उन्हें सटीक आवश्यकताओं का बेहतर विचार मिलता है और वे स्थानांतरण लागत की अधिक सटीक गणना करने में सक्षम होते हैं।
#3 लाइटनिंग-फास्ट रिस्पांस और एंड-टू-एंड सपोर्ट
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों के किसी भी प्रश्न का तुरंत जवाब देकर आपके हर कदम को परेशान मुक्त बनाने के लिए निरंतर काम करता है।
- फॉर्म जमा करते ही ग्राहकों को तुरंत रेफर किए गए मूवर्स की पूरी जानकारी मिल जाएगी।
- हमारे मूवर्स भी जल्दी से स्थानांतरण लागत का अनुमान लगाते हैं या भौतिक पूर्व-चाल सर्वेक्षण के लिए घर भी आ सकते हैं।
- एश्योरशिफ्ट के उपयोग सेआसान इंटरफेस के साथ, कई मूवर्स के विवरणों की तुलना कम समय में आसानी से की जा सकती है (जैसे, चेकिंग शुल्क, सेवाओं की पेशकश, रेटिंग, समीक्षा, आदि)।
साथ ही, एश्योरशिफ्ट सुनिश्चित करता है कि ग्राहकों को पूरी स्थानांतरण प्रक्रिया के दौरान आवश्यक समर्थन मिले, यानी अनुरोध जमा करने के समय से लेकर सामान की अंतिम डोरस्टेप डिलीवरी तक।
# 4 नियमित प्रतिक्रिया और गुणवत्ता संरक्षण
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों की पूर्ण संतुष्टि सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। ग्राहकों से नियमित फीडबैक लेने से संभावित ग्राहकों को अच्छी तरह से सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है और साथ ही साथ हर दिन काम करने की प्रक्रिया में सुधार होता है। एश्योरशिफ्ट को ग्राहकों द्वारा सामना की स्थानांतरण के समय आने वाली विभिन्न समस्याओं जैसे कि अचानक मूल्य वृद्धि, सामान का नुकसान, स्थानांतरण के दौरान मूवर्स के अनैतिक व्यवहार पता चलता रहता है।
प्राप्त शिकायतों की गंभीरता के आधार पर, एश्योरशिफ्ट सेवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई करता है, :जैसे
- गैर-पेशेवर मूवर्स और पैकर्स को अस्थायी रूप से निलंबित या वेबसाइट से उनके व्यावसायिक प्रोफाइल को स्थायी रूप से हटाकर दंडित करना, साथ ही साथ
- लिस्टिंग में उच्च रैंक मैं रख के शीर्ष प्रदर्शन करने वाली कंपनियों को पुरस्कृत करना ।
निष्कर्ष के तौर पर
एश्योरशिफ्ट समझती है कि कई सारे सामान ले जाना जोखिम भरा हो सकता है और वित्तीय, मानसिक और शारीरिक दबाव पैदा कर सकता है, खासकर बिना किसी पूर्व अनुभव से किया गया हो तो। इसके अलावा, बहुत से ग्राहक वास्तव में भरोसेमंद स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं को किराए पर लेने का सही तरीका भी नहीं जानते हैं। और तो और क्योंकि वर्तमान समय में कई धोखाधड़ी करने वाली कंपनियां भी बाजार में स्थापित हैं।
धोखेबाज पैकर्स और मूवर्स को खत्म करने के मिशन के साथ, एश्योरशिफ्ट ने स्थानांतरण कंपनियों के काम काज़ की प्रक्रिया में सुधार लाई हे, और इसके परिणामस्वरूप, भारत में पैकिंग और स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव आया है। एश्योरशिफ्ट के माध्यम से जाने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि भरोसेमंद पैकर्स और मूवर्स ढूंढना आसान हो जाता है, और बजट के अनुसार सही कंपनी मिनटों के अंदर मिल जाता है।