गणेश चतुर्थी पर न देखें चांद, नहीं तो उठाना होगा ये कष्ट

डिजिटल डेस्क, भोपाल। देशभर में गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाई जाती है। 10 दिन तक चलने वाला ये त्यौहार 13 सितम्बर से शुरू हो रहा है, जो 23 सितंबर तक चलेगा। गणेश उत्सव भाद्र पद की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होता है, क्योंकि इस दिन गणेश जी का जन्म हुआ था। इस दिन पूरी श्रद्धा से गणपति जी की पूजा करने पर इनकी कृपा मिलती है। गणेश चतुर्थी पर अगर आप बप्पा को प्रसन्न करना चाहते हैं तो उन्हें मोदक, लड्डू का भोग अवश्य लगाएं। विधि-विधान से पूजा करें, लेकिन इन सब में जो सबसे ज्यादा जरूरी है वह ये है कि इस दिन चांद के दर्शन नहीं करना चाहिए। जो भी ऐसा करता है उसे भारी कष्टों का सामना करना पड़ता है। आज हम आपको एक ऐसी ही मान्यता के बारे में बताने जा रहे हैं।

चंद्रदेव को हंसता देख बप्पा गुस्से में आ गए। क्रोध में आकर उन्होंने चंद्रदेव को श्राप दे दिया कि जो भी उन्हें देखेगा उस पर चोरी का कलंक लग जाएगा। तब से इसी मान्यता का चलन है कि जो भी चतुर्थी को चांद देखेगा उसे कष्टों का सामना करना पड़ेगा।

एक बार गणेश जी को चंद्रलोक से भोज का आमंत्रण आया। गणेश जी को मोदक प्रिय है इसलिए उनका ध्यान मोदक पर ही था। बप्पा ने वहां जी भर कर मोदक खाए और लौटते वक्त बहुत से मोदक साथ भी ले आए। मोदक बहुत ज्यादा थे जो उनसे नहीं संभल पाए। मोदकों के गिरते ही चंद्रदेव गणपति पर हंस पड़े।

भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन जो भी व्यक्ति चांद के दर्शन करता है उस पर झूठा आरोप लगता है। इसलिए भादों महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को चांद के दर्शन नहीं करना चाहिए।
Created On :   23 Aug 2017 12:32 PM IST