- Dainik Bhaskar Hindi
- Dharm
- Sun and Moon place in horoscope makes quarrels between couples
दैनिक भास्कर हिंदी: कुण्डली में सूर्य-चंद्र की स्थिति करवाती है पति-पत्नी में झगड़े, जानिए समाधान

डिजिटल डेस्क । पति-पत्नी में विवाद होना आम बात है, लेकिन कई दफा पति-पत्नी के बीच का विवाद हद से ज्यादा हो जाता है। समझ की कमी के चलते उनमें छोटी-छोटी बातों पर भी झगड़ा होने लगता है और फिर ये बड़ा रूप ले लेता है। जिसके बाद जीवन का हर सुख दुख में बदल जाता है। इसका प्रभाव परिवार के अन्य सदस्यों पर भी पड़ने लगता है और घर में कलह बनी रहती है। पति-पत्नी के बीच लड़ाई झगड़े की वजह सूर्य और चंद्र है। कुण्डली में सूर्य और चंद्र की स्थिति दम्पती में लड़ाई-झगड़े का करण बनाती है। आइए जानते हैं कि कैसे ये खुशहाल जोड़े को बर्बाद कर सकता है और इसके निराकरण के बारे में भी जानेंगे।
सूर्य-चंद्र के अशुभ योग के कारण पुरुष हो जाता है स्त्री से अपमानित
ज्योतिष में सूर्य को आत्मा कारक ग्रह माना गया है और चंद्र को मन का स्वामी माना गया है। यदि कुंडली के किसी भी भाव में सूर्य और चंद्रमा एक साथ हों तो ऐसे लोगों की कुंडली में अमावस्या का अशुभ योग बन जाता है। कुंडली में सूर्य और चंद्र की स्थिति से मालूम हो सकता है कि हमें कितना यश, मान-सम्मान मिलेगा। कुंडली में अगर सूर्य और चंद्र दोनों साथ होते हैं तो ऐसे लोगों को जीवन में बार-बार कई जगह अपमानित भी होना पड़ता हैं।
जानते इस योग के प्रभाव
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के पहले भाव में सूर्य और चंद्र की स्थित हो तो उसे माता और पिता से दुख मिलता है। वह पुत्र से दुखी और निर्धन होता है। चंद्रमा और सूर्य चौथे भाव में हो तो व्यक्ति को पुत्र और सुख से वंचित रहता है। ऐसा व्यक्ति मूर्ख और गरीब हो सकता है। कुंडली के सातवें भाव में सूर्य और चंद्रमा स्थित हो तो व्यक्ति जीवनभर पुत्र और स्त्रियों से अपमानित होता रहता है। ऐसे व्यक्ति के पास धन की भी कमी रहती है। सूर्य और चंद्रमा किसी व्यक्ति की कुंडली के दसवें भाव में स्थित हो तो वो सुंदर शरीर वाला, नेतृत्व क्षमता का धनी, कुटिल स्वभाव का और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने वाला होता है।
ऐसी स्थिति में कुछ साधारण ज्योतिषीय उपाय कर पति-पत्नी के विवाद को बहुत कुछ कम किया जा सकता है।
उपाय इस प्रकार हैं-
- पत्नी हर शुक्रवार को चावल की खीर बनाए और पहले इसका भोग भगवान को लगाए। बाद में पति-पत्नी साथ में बैठकर ये खीर खाएं। इससे वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।
- पति अधिक क्रोधी हो तो पत्नी रोज किसी शिव-पार्वती मंदिर में जाए और पार्वती जी को लाल फूल अर्पित करे।
- कनेर के फूल को पानी में पीसकर पति के माथे पर तिलक लगाने से भी पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है।
- पति-पत्नी रोज एक साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। इससे भी दांपत्य जीवन खुशहाल होता है
- पति-पत्नी दोनों प्रत्येक गुरुवार को भगवान विष्णु के मंदिर जाएं और पीले रेशमी वस्त्र, पीले फल और मिठाई अर्पित करें।
- पति-पत्नी रोज केले के पेड़ पर जल चढ़ाएं या केले की जड़ को पीले कपड़े में लपेटकर अपने सीधे हाथ में बाधें। ये भी वैवाहिक सुख पाने का विशेष उपाय है।
- कई बार घर में नकारात्मकता के कारण भी पति-पत्नी में विवाद होने लगते हैं। इसके लिए रोज घर में गोमूत्र का छिड़काव अवश्य करें।
सूर्य-चन्द्र कुण्डली में ठीक ना होने पर सूर्य-चंद्र के लिए ये कर सकते हैं ये उपाय
- प्रति दिन सूर्य को प्रातःकाल में जल चढ़ाएं।
- अधिक से अधिक हल्के और सफेद रंगों के वस्त्र धारण करें। गहरे रंग के वस्त्रों को धारण करने से बचें।
- सफेद रंग का रुमाल हमेशा अपने साथ रखें।
- प्रतिदिन केसर या चंदन का तिलक लगाएं।
- सूर्य एवं चंद्रमा से संबंधित वस्तुओं का दान करें।
- चंद्रमा के शुभ फल प्राप्त करने के लिए शिव जी और गणेश जी की आराधना अवश्य करें।
- पति-पत्नी दोनों प्रदोष व्रत अवश्य करें और शिव मंदिर में अभिषेक कराते रहें।
- मंदिर ना जा पाने की स्थिति में घर में ही शिवलिंग स्थापित कर प्रदोष और सोमवार को अभिषेक अवश्य करें।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
खबरें और भी हैं...
दैनिक भास्कर हिंदी: आशा दशमी व्रत: क्या है इसकी कथा व्रत विधि और लाभ
दैनिक भास्कर हिंदी: शिव चतुर्दशी 11 जुलाई, जानिए क्या है इस व्रत का महत्व
दैनिक भास्कर हिंदी: भौम (मंगल) प्रदोष व्रत का महत्व,कथा,फल,एवं पूजा विधि, उद्यापन विधि
दैनिक भास्कर हिंदी: जानिए कब है निर्जला एकादशी व्रत और क्या है इसका महत्व