अपनी तिजोरी को धन से भरना है तो बृहस्पतिवार को करें ये सरल उपाय
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू शास्त्र के अनुसार बृहस्पतिवार ‘धर्म’ का दिन माना जाता है। क्योंकि यह दिन देव गुरु ‘बृहस्पति’ को समर्पित माना गया है। बृहस्पति देव की उपासना जीवन में सुख एवं संपत्ति लाती है, इसलिए कहते हैं कि इस दिन भगवान बृहस्पति को प्रसन्न करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। किंतु कुछ शास्त्रीय उपायों की मदद से देव गुरु बृहस्पति को प्रसन्न कर, बृहस्पति ग्रह के बुरे प्रभाव को कम किया जा सकता है। तो आइए जानें क्या हैं वे उपाय, जो आपको प्रत्येक बृहस्पतिवार को करने चाहिए। ताकि भगवान बृहस्पति अपनी कृपा आप पर बनाए रखें।
उच्चतम ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सौरमंडल में उपस्थित हर एक ग्रह किसी ना किसी देव को समर्पित होता है। यह ग्रह हमारी कुंडली से जुड़े होते हैं और हम जो भी कर्म करते हैं, उन्हीं के अनुसार हमें फल भी देते हैं। हमारी कुंडली में उपस्थित बृहस्पति ग्रह बहुत मजबूत एवं भाग्य बनाने वाला माना जाता है। यह ग्रह जिस भी जातक की कुंडली में बलि होता है, उसे जीवन में सब कुछ प्राप्त हो जाता है। पैसा, नाम, मान,सम्मान, सब कुछ उसको प्राप्त होता है। किन्तु बृहस्पति ग्रह निर्बली हो तो उसका सब कुछ छिन जाता है।
गुरूवार व्रत विधि
हर बृहस्पतिवार को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं या फिर कम से कम सूर्य उदय से पहले उठकर स्नान कर लें। स्नान के बाद भगवान विष्णु के समक्ष दीया जलाएं।
अपने माथे पर केसर का, चंदन का या फिर हल्दी का तिलक लगाएं। यह आपके ऊपर आने वाली शारीरिक एवं मानसिक कठिनाईयों से आपकी रक्षा करेगा।
कहा जाता है कि भगवान बृहस्पति को पीली वस्तुएं प्रिय होती हैं। इसलिए हर बृहस्पतिवार को पीले रंग की वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है। आप गरीबों में या फिर ज्ञानी ब्राह्मणों को पीले वस्त्र या खाद्य सामग्री दान कर सकतें हैं।
पीले वस्त्रों के अलावा पीला अनाज या फिर फल-सब्जी भी दान की जा सकती है। दान की मात्रा यथायोग्य स्थिति के अनुसार कर सकते हैं।
बृहस्पतिवार के दिन भगवान शिव को अपने हाथों से बने पीले लड्डू अर्पित करें। यदि आप स्वयं ना बना सकें तो बाजार से बने लड्डूओं का भोग लगा सकते हैं। यह उपाय आपके भाग्य को चमकाएगा।
यदि परिवार में किसी का स्वास्थ्य ठीक ना हो तो उन्हें बृहस्पतिवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करने को कहें। पीले रंग का प्रसाद एवं वस्त्र गरीबों में बांटने को कहें।
शास्त्रों के अनुसार बृहस्पतिवार के दिन किसी भी प्रकार की पीली वस्तु का दान शुभ माना गया है, किंतु केले का दान सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
बृहस्पतिवार के दिन मंदिर में जाकर भगवान विष्णु के मंत्र “ॐ नम: नारायण” का एक माला (108 बार) जाप करना और उन्हें पीले रंग के फूलों की माला अर्पित करना उचित रहता है।
बृहस्पतिवार के दिन पीले रंग के ही वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है। इस दिन काले, नीले या लाल वस्त्र को धारण करना निषेद होता है।
यदि संभव हो तो इस दिन भगवान बृहस्पति के लिए व्रत रखें। पूर्ण विधि अनुसार व्रत करें। इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते हैं। किंतु यदि आप व्रत नहीं भी कर सकतें हैं, तो शास्त्रों में दिए एक नियम का पालन करना आपको व्रत के बराबर फल प्रदान करता है। जिसके अनुसार अगर बृहस्पतिवार के दिन आप नमक का सेवन नहीं करें, तो गुरु देव बृहस्पति प्रसन्न होंगे।
लेकिन यदि आप व्रत कर सकते हैं तो हम आपको व्रत की विधि संक्षेप में बता रहें हैं। यह विशेष सरल उपाय है,
बृहस्पतिवार के दिन आपको सुबह समय से उठकर स्नान आदि करके भगवान बृहस्पति की पूजा करनी है।
बृहस्पति के बीज मंत्र का जाप करें। उनके चित्र के सामने सरसों के तेल का दीया जलाएं। पीले फूल, पीले अनाज, पीली वस्तुओं को ही अर्पित करें।
यदि संभव हो तो पूजा के अंत में दूध में केसर मिलाकर भगवान बृहस्पति का जलाभिषेक करें। इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते हैं।
बृहस्पतिवार के दिन पूजा एवं व्रत करने से व्यक्ति धन का सुख पाता है। जीवन में सुख आता है और दुखों का अंत होता है।
जिसका विवाह नहीं हो रहा, उन्हें भी यह व्रत करना चाहिए। संतान के अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी यह व्रत किया जाता है।
Created On :   28 Nov 2018 9:25 AM GMT