कान्हा जन्मोत्सव : घंटे-घड़ियालों के बीच जन्माष्टमी का जश्न, वीआईपी भी पहुंचे मथुरा
डिजिटल डेस्क, मथुरा। जगतगुरु श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव मंगलवार देर रात तक चला। लाखों की संख्या में श्रद्धालु मथुरा के मंदिर पहुंचे। घंडे-घड़ियालों के बीच के जय श्रीकृष्ण की गूंज सुनाई दी।
हर साल की तरह इस बार भी मथुरा में तीन दिन पहले से ही भक्तों का आगमन शुरू हो गया था। जन्माष्टमी की सुबह से ही उत्सव का माहौल अलग ही नजर आने लगा। योगीराज के दर्शनों के लिए आम और खास एक ही कतार में खड़े नजर आए। मथुरा में कन्हैया के जन्म उत्सव में शामिल होने लगभग देश भर के वीआईपी भी मथुरा में ही दिखाई दिए।
केंद्रीय मंत्री भी पहुंचे
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर दर्शन किए। इस दौरान वे महंत नृत्य गोपालदास से मिले और उनका आशीर्वाद लिया। उनके साथ अन्य नेता भी मौजूद रहे।
इसके बाद देर रात प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा भी जन्मस्थान के भागवत भवन मंदिर में पहुंचे। श्रीकांत शर्मा मथुरा से ही भारतीय जनता पार्टी के विधायक भी हैं। इसके बाद समाजवादी पार्टी के नेता भी भगवान के दर्शन के लिए पहुंचे।
33 कोटि देवताओं का आह्वान
भागवत भवन में कार्यक्रम रात 11 बजे शुरू हुआ। कमल पुष्पों से कन्हैया का सहस्रार्चन किया गया। रजत निर्मित कामधेनु का पूजन और 33 कोटि देवताओं का आह्वान किया गयाए जिससे वे गौ के शरीर मे विराजमान होकर स्वयम ठाकुर जी का अभिषेक करें। इस दौरान दृश्य अति आलौकिक नजर आया।
झूम उठे भक्त
पब्लिक की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान रखते हुए पुलिस-प्रशासन ने यहां अच्छा-खासा इंतजाम कर रखा था। रात 12 बजे जैसे ही कन्हैया का जन्म हुआ भक्त भजनों की धुन पर नृत्य करने लगे। 5 हजार साल बाद सभी ने एक बार फिर कन्हैया के अवतरण परंपरा की एक-दूसरे को बधाई दी। प्रसाद वितरण के बाद घंटों जन्मोत्सव मनाया गया।
मटकी फोड़
मथुरा के साथ मुंबई, महाराष्ट्र की मटकी फोड़ या दही हांडी प्रतियोगिताएं भी दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। जन्माष्टमी पर यहां भव्य आयोजन जगह-जगह किए जाते हैं। युवाओं के धमाल के साथ ही मटकी फोड़ इतने बड़े स्तर पर किया जाता है कि इनमें शामिल होने फिल्मी कलाकार तक पहुंचते हैं। जन्माष्टमी से करीब 3 दिनों बाद तक ये कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
Created On :   16 Aug 2017 2:34 AM GMT