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दैनिक भास्कर हिंदी: जानें आखिर क्यों चढ़ाया जाता है हनुमानजी को सिंदूर ?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ये सर्वव्याप्त है कि हर युग में बजरंग बली की आराधना सभी कामनाओं को पूरा करने वाली माना गया है। हनुमानजी श्रीराम के अनन्य भक्त शिरोमणि हैं और जो लोग इन पर आस्था और विश्वास रखते हैं, उनके हनुमानजी सभी कष्ट दूर करते हैं। सिंदूर के श्रृंगार से बजरंगबलि की प्रतिमा आकर्षक दिखाई देती है। वैसे तो कई देवी-देवताओं जैसे गणेशजी, माताजी और भैरव महाराज को सिंदूर चढ़ाया जाता है, लेकिन हनुमानजी को मुख्य रूप से सिंदूर चढ़ाया जाता है। आज हम आपको बता रहें हैं कि आखिरकार हनुमानजी को सिंदूर क्यों चढ़ाया जाता है? इस चढ़े गए सिंदूर को यदि कोई व्यक्ति स्वयं के मस्तक पर लगाता है तो उसे क्या लाभ प्राप्त होता हैं ?
कारण
सामान्यत: हनुमानजी की प्रतिमा पत्थर की होती हैं। इन प्रतिमा का श्रृंगार सिंदूर से करने पर उनकी सुरक्षा बनी रहती है और सुंदरता भी बढ़ती है। और सिंदूर के श्रृंगार के कारण अधिक समय तक खंडित नहीं होती हैं। सिंदूर से श्रृंगारित प्रतिमा के दर्शन से भक्तों में विशेष भक्तिभाव उत्पन्न होता है।
प्रसंग
हालांकि बजरंग बली को सिंदूर क्यों लगाया जाता है? इस संबंध में रामायण में एक प्रसंग भी दिया गया है। प्रसंग के अनुसार एक बार हनुमानजी ने माता सीता को मांग में सिंदूर लगाते हुए देखा। तब उनके मन में जिज्ञासा हुई और यह प्रश्न उन्होंने सीता माता से पूछा की माता आप मांग में सिंदूर क्यों लगाती है? इसके उत्तर में सीताजी ने कहा कि वे अपने स्वामी श्रीराम की दीर्घ आयु और उत्तम स्वास्थ की कामना के लिए अपनी मांग में सिंदूर लगाती हूं।
जब सुहागन स्त्री मांग में सिंदूर लगाती है तो उसके पति की आयु में वृद्धि होती है वे सदा स्वस्थ रहते हैं। माता सीता का इस प्रकार उत्तर सुनकर हनुमानजी ने सोचा कि जब थोड़ा सा सिंदूर लगाने का इतना लाभ है तो वे पूरे शरीर पर सिंदूर लगाएंगे जिससे उनके प्रभु श्रीराम सदा के लिए अमर और यशस्वी हो जाएंगे। यह सोचकर उन्होंने अपनी पूरी देह पर सिंदूर लगाना प्रारंभ कर दिया। तब से बजरंग बली को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।
नकारात्मक शक्तियों से बचाव
यूं तो जीवन में समस्याएं बनी रहती हैं, लेकिन यदि किसी व्यक्ति के जीवन में अत्यधिक कष्ट उत्पन्न हो गए हैं और कोई उपाय नहीं मिल रहा है तो हनुमानजी की सेवा-भक्ति से बिगड़े कार्य बन जाते हैं। दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल सकता है। प्रतिदिन हनुमान के चरणों का सिंदूर अपने सिर या मस्तक पर लगाने से मानसिक शांति प्राप्त होती है और दिमाग में सकारात्मक विचार आते हैं। जीवन के अनेक कष्ट दूर हो जाते हैं। छोटे-छोटे बच्चों को हनुमानजी के चरणों का सिंदूर लगाने से उन्हें किसी की हाय या बुरी नजर नहीं लगती है। इस सिंदूर के प्रभाव से बच्चे नकारात्मक शक्तियों से बचे रहते हैं।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।