Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि के दूसरे दिन इस विधि से करें पूजा, प्रसन्न होंगी मां ब्रह्मचारिणी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। शारदीय नवरात्रि (Chaitra Navratri) की शुरुआत इस वर्ष 22 सितंबर से हो चुकी है और आज 23 सितंबर को दूसरा दिन है। यह दिन माता ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) को समर्पित होता है। देवी के इस स्वरूप को तपश्चारिणी, अपर्णा और उमा के नाम से भी जाना जाता है। माता की पूजा से भक्तों में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवी के इस स्वरूप की पूजा करने से कुंडली में मंगल दोष दूर होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके अलावा मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से कार्यों में आ रही रुकावटें, बाधाएं दूर हो जाती हैं और विजय की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस दिन मां सरस्वती की भी पूजा भी की जा सकती है। आइए जानते हैं मां के स्वरूप और पूजा विधि के बारे में...
स्वरूप
शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्मचारिणी शब्द का अर्थ है तप की चारिणी अर्थात् तप का आचरण करने वाली मां। मां का ब्रह्मचारिणी रूप बेहद शांत, सौम्य और मोहक है। माता के सीधे हाथ में जप की माला और उल्टे हाथ में कमण्डल है। ऐसा माना जाता है कि, देवी की पूजा करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है जिससे वह बिना घबराए जीवन की समस्त चुनौतियों का सामना कर सकता है।
इस विधि से करें माता की पूजा
- शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लें।
- अपने हाथों में एक फूल लेकर उनका ध्यान करें और प्रार्थना करें।
- इसके बाद देवी को पंचामृत स्नान कराएं।
- इसके बाद अलग-अलग तरह के फूल,अक्षत, कुमकुम, सिन्दुर, अर्पित करें।
- देवी को सफेद और सुगंधित फूल चढ़ाएं।
- कमल का फूल भी देवी मां को चढ़ाएं।
- माता को उनका मनपसंद भोग लगाएं।
- माता को पंचामृत, मिठाई और फल का भोग लगाएं।
- मां ब्रह्मचारिणी की कथा का पाठ करें।
इस मंत्र का करें जाप
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
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Created On :   23 Sept 2025 2:28 PM IST