Shardiya Navratri 2025: मां कात्यायनी की पूजा से नकारात्मक ऊर्जा होगी दूरी, इन चीजों का जरूर लगाएं भोग

डिजिटल डेस्क, भोपाल। नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है और ऐसे में देशभर में माता के भक्तों की धूम है। पांच दिन निकल चुके हैं और छठवां दिन मां कात्यानी (Maa Katyayani) को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि, माता के इस स्वरूप की पूजा करने से रोग-दोषों से मुक्ति मिलती है। माता अपने भक्तों के लिए उदार भाव रखती हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं।
माता को शहद का भोग लगाना चाहिए, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही किसी भी प्रकार की भय और नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है। इसके अलावा माता के इस स्वरूप की पूजा करने से विवाह में आने वाली रुकावटें दूर करती हैं। आइए जानते हैं माता के इस स्वरूप और पूजा विधि के बारे में...
मां कात्यानी का स्वरूप
देवी मां इस स्वरूप में सिंह पर विराजमान हैं। उनका ये स्वरूप अत्यंत चमकीला और भास्वर है। माता की चार भुजाएं हैं, इनमें से दाहिनी तरफ का ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में है। वहीं नीचे वाला हाथ वरमुद्रा में है। जबकि, बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प है।
पूजा विधि
- पूजा के दौरान ईशान कोण में चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर मां कात्यायनी की मूर्ति रखें।
- इसके बाद गंगाजल से पूजा घर और घर के बाकी स्थानों को पवित्र करें।
- अपने हाथ में एक फूल लेकर मां कात्यायनी का ध्यान करें
- पूजा में गंगाजल, कलावा, नारियल, कलश, चावल, रोली, चुन्नी, अगरबत्ती, शहद, धूप, दीप और घी का प्रयोग करें।
- मां को लाल फूल, अक्षत, कुमकुम और सिंदूर अर्पित करें।
- माता को उनका प्रिय भोग और खास तौर पर शहद जरूर अर्पित करें। इसके अलावा माता को पीली मिठाई और पीले फल विशेष प्रिय है।
- देवी कात्यायनी की पूजा करते समय मंत्र का जप करें।
- इसके बाद उनके समक्ष घी अथवा कपूर जलाकर आरती करें।
इस मंत्र का करें जाप
कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी.
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः.
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Created On :   27 Sept 2025 5:22 PM IST