पत्रकारिता विश्वविद्यालय: हिमाचल प्रदेश में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर अयोग्य डॉ मोनिका वर्मा, मध्यप्रदेश में प्रोफेसर के योग्य कैसे? डॉ अभिषेक यादव ने एमसीयू की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रमुख पर लगाए गंभीर आरोप

- पत्रकारिता विश्वविद्यालय में मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभागों के नियमों की अनदेखी
- नियमों को ताक पर रखकर गैरमध्यप्रदेश के एचओडी बाहरी राज्यों के अतिथियों को दे रहे है प्राथमिकता
- इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से संबंधित नहीं है डॉ मोनिका की पीएचडी फिर भी संभाल रही है विभाग प्रमुख का पद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में अतिथि प्राध्यापक डॉ अभिषेक यादव ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग की प्रमुख डॉ मोनिका वर्मा पर जातिगत और क्षेत्रीय भेदभाव का आरोप लगाया है। डॉ यादव का कहना है कि मैं मध्यप्रदेश के ओबीसी वर्ग के होने नाते मुझे पर्याप्त क्लास नहीं दी जा रही है, जबकि अपने क्षेत्र के अयोग्य अतिथि प्राध्यापकों को विषय से हटकर भी पढ़ाने के लिए क्लास दे रही है। जबकि उनका चयन गलत व हेराफेरी करके हुए है।
सूची में 9 वें नंबर पर मोनिका वर्मा को एसोसिएट प्रोफेसर पद पर अयोग्य माना गया है।
डॉ अभिषेक ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग की प्रमुख डॉ मोनिका पर लगाए गंभीर आरोप
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग में चयनित अतिथि शिक्षक डॉ अभिषेक यादव ने विभाग की प्रमुख डॉ मोनिका वर्मा पर क्षेत्रीय, जातिगत भेदभाव व अयोग्यों को मौका देने का आरोप लगाया है। डॉ यादव का कहना है कि डॉ मोनिका वर्मा ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के लोगों को अपने विभाग में प्रमुखता से अवसर दिया है, और निरंतरता से अयोग्य होने के बाद भी साक्षात्कार सूची में हेरफेर कर वो ऐसा करती आई है। डॉ यादव ने मोनिका वर्मा की योग्यता पर सवाल उठाए है।
हिमाचल प्रदेश में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर अयोग्य, मध्यप्रदेश में प्रोफेसर के लिए योग्य कैसे?
उनका कहना है कि हिमाचल प्रदेश विश्व विद्यालय में डॉ मोनिका वर्मा को एसोसिएट प्रोफेसर के पद अयोग्य माना है, जबकि मध्यप्रदेश के पत्रकारिता विश्वविद्यालय एमसीयू में मोनिका को प्रोफेसर कैसे मान लिया है।
डॉ यादव ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग की एचओडी डॉ मोनिका की योग्यता पर सवालिया निशान लगाते हुए बताया है कि उनकी हाईस्कूल में 53.57 परसेंट, हायर सेकेंडरी में 49.5 परसेंट, स्नातक में 50.41 परसेंट जबकि स्नातकोत्तर (पीजी) में 60 फीसदी है। डॉ यादव ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग की प्रमुख डॉ मोनिका के पास मीडिया फील्ड में कोई विशेष अनुभव नहीं है, ना ही उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया फील्ड में पीएचडी की है। फिर भी डॉ मोनिका पर विश्वविद्याल की कृपा बनी हुई है।
Created On :   17 Aug 2025 11:47 AM IST