दीक्षारंभ 2025: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हर्षोल्लासपूर्वक प्रारंभ हुआ दीक्षारंभ 2025, नवप्रवेशी विद्यार्थियों का हुआ भव्य स्वागत

रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हर्षोल्लासपूर्वक प्रारंभ हुआ दीक्षारंभ 2025, नवप्रवेशी विद्यार्थियों का हुआ भव्य स्वागत
  • उच्च शिक्षा डिग्री नहीं, व्यक्तित्व और मूल्यों के निर्माण की प्रक्रिया है: प्रो. गोवर्धन दास
  • अनुशासन, टीमवर्क और सतत सीखना ही सफलता की कुंजी: डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स
  • ज्ञान के साथ नैतिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारी को अपनाएं: कुलपति प्रो. (डॉ.) आर. पी. दुबे

भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में नवप्रवेशी विद्यार्थियों के लिए नवप्रवेशी छात्र परिचय कार्यक्रम “दीक्षारंभ-2025” का भव्य आयोजन किया गया। दीक्षारंभ-2025 ने नवप्रवेशी विद्यार्थियों को न केवल विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों से परिचित कराया बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और प्रेरणा से भी भर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और पुष्प स्वागत से हुआ। इस अवसर पर विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की जानकारी देने के लिए आरएनटीयू फिल्म प्रदर्शित की गई।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. गोवर्धन दास, निदेशक, भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, भोपाल (IISER) भोपाल उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, प्रो-चांसलर, प्रो. (डॉ.) आर. पी. दुबे, कुलपति, डॉ. संजीव कुमार गुप्ता, प्रो-वाइस चांसलर और डॉ. संगीता जौहरी, कुलसचिव रजिस्ट्रार विशेष रूप से उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि प्रो. गोवर्धन दास ने अपने संबोधन में कहा कि उच्च शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो व्यक्ति के सोचने के दृष्टिकोण, व्यक्तित्व और जीवन मूल्यों को आकार देती है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपने समय का सही उपयोग करें और शोध, नवाचार तथा रचनात्मक कार्यों में सक्रिय रहें। प्रो. दास ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे कठिनाइयों को अवसर में बदलना सीखें और समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता पाने के लिए आत्मअनुशासन, दृढ़ संकल्प और निरंतर सीखने की प्रवृत्ति जरूरी है। अंत में उन्होंने नवप्रवेशी विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स ने कहा कि आज का युग ज्ञान, कौशल और नवाचार का है, जिसमें लगातार सीखते रहना ही सफलता की कुंजी है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय का वातावरण उनका दूसरा घर है, जहां वे न केवल अकादमिक ज्ञान बल्कि जीवन जीने की कला भी सीखेंगे। डॉ. वत्स ने कहा कि अनुशासन, धैर्य और टीमवर्क जैसे गुण करियर और जीवन दोनों में सहायक होते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे चुनौतियों से डरें नहीं बल्कि उनसे सीखें और आगे बढ़ें। अंत में उन्होंने सभी को अपने सपनों को पूरा करने के लिए ईमानदार प्रयास करने का संदेश दिया।

कुलपति प्रो. (डॉ.) आर. पी. दुबे ने कहा कि रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए शिक्षा, शोध, खेल और नवाचार के असीम अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे उपलब्ध संसाधनों का पूरा उपयोग करते हुए अपनी क्षमता का विकास करें। प्रो. दुबे ने कहा कि विश्वविद्यालय का लक्ष्य केवल ज्ञान देना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना जगाना है। उन्होंने बताया कि यहां की शैक्षणिक नीतियां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं। अंत में उन्होंने सभी नवप्रवेशी छात्रों का विश्वविद्यालय परिवार में हार्दिक स्वागत किया।

प्रो-वाइस चांसलर डॉ. संजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि विद्यार्थी जीवन का हर क्षण सीखने का अवसर होता है, जिसे गंवाना नहीं चाहिए। उन्होंने छात्रों को पाठ्यपुस्तक के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान, शोध और सामाजिक सेवा में सक्रिय भागीदारी करने की सलाह दी। डॉ. गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अंतर्गत स्किल डेवलपमेंट, इंटर्नशिप और उद्यमिता जैसी गतिविधियां छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेंगी।

वहीँ डॉ. संगीता जौहरी ने कहा कि रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय का उद्देश्य छात्रों का सर्वांगीण विकास करना है ताकि वे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकें। उन्होंने बताया कि यहां न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाती है बल्कि सांस्कृतिक, खेल और रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से छात्रों की प्रतिभा को निखारा जाता है। डॉ. जौहरी ने छात्रों को विश्वविद्यालय के नियमों और अनुशासन का पालन करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय हमेशा विद्यार्थियों की प्रगति और कल्याण के लिए समर्पित है। अंत में उन्होंने सभी छात्रों को नई यात्रा की शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

कार्यक्रम में विभाग परिचय सत्र के तहत इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट, कॉमर्स, ह्यूमैनिटीज एवं लिबरल आर्ट्स, साइंस, एग्रीकल्चर, मेडिकल साइंस, लॉ, एजुकेशन, इंटरनेशनल स्टूडेंट्स अफेयर्स और स्टूडेंट वेलफेयर के डीन ने छात्रों को विभागीय जानकारी दी।

इसके बाद विद्यार्थियों को परीक्षा विभाग के नियम, एबीसी/ डीजी लाकर, कोर रिसर्च ग्रुप एवं सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस, एनपीटीईएल एवं एसडब्लूएवाईएएम् (SWAYAM), अकादमिक रेगुलेशंस एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) क्रियान्वयन, स्किल कोर्सेज एवं एकेडेमीज़ तथा एआईसी-आरएनटीयू के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए अलग-अलग प्रोजेक्ट्स भी नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए डिस्प्ले में रखे गए थे। यह दीक्षारम्भ 14 अगस्त तक चलेगा। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. प्रतीक निगम, एचओडी, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक विभाग, सह समन्वयक डॉ जितेंद्र अहीर, असिस्टेंट प्रोफेसर, मंच संचालन डॉ नाईस जमीर एचओडी विधि विभाग, डॉ नीता घांग्रेकर, असिस्टेंट प्रोफेसर मैनेजमेंट विभाग, डॉ कंचन माठनकर, असिस्टेंट प्रोफेसर ह्यूमैनिटीज विभाग, डॉ शशिकांत सोनी, असिस्टेंट प्रोफेसर इंजीनियरिंग विभाग, सुश्री सान्या, असिस्टेंट प्रोफेसर ह्यूमैनिटीज विभाग ने बखूबी की।

Created On :   12 Aug 2025 8:36 PM IST

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