हिंदी साहित्य जगत की प्रख्यात कथाकार पद्मश्री उषा किरण खान का सम्मान समारोह एवं कहानी–पाठ का भव्य आयोजन हुआ

Honor ceremony and story-recitation of eminent story writer of Hindi literary world Padmashree Usha Kiran Khan was organized
हिंदी साहित्य जगत की प्रख्यात कथाकार पद्मश्री उषा किरण खान का सम्मान समारोह एवं कहानी–पाठ का भव्य आयोजन हुआ
पद्मश्री उषा किरण खान सम्मान हिंदी साहित्य जगत की प्रख्यात कथाकार पद्मश्री उषा किरण खान का सम्मान समारोह एवं कहानी–पाठ का भव्य आयोजन हुआ

डिजिटल डेस्क, भोपाल। विश्व रंग 2022" के अंतर्गत वनमाली सृजन पीठ, मानविकी एवं उदार कला संकाय, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी साहित्य जगत की प्रख्यात कथाकार पद्मश्री उषा किरण खान के सम्मान समारोह एवं कहानी–पाठ का भव्य आयोजन स्कोप कैम्पस सभागार, मिसरोद, भोपाल में हुआ। सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा सरस्वती जी की मूर्ति पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों द्वारा पद्मश्री उषा किरण खान को प्रतीक चिन्ह, शॉल एवं श्रीफल भेंटकर अलंकृत किया गया।

इस अवसर पर पद्मश्री उषा किरण खान ने अपने उद्बोधन में कहा कि "मेरे जीवन और लेखन में मनुष्यता के आपसी रिश्तों का बहुत गहरा महत्व है। इन संबंधों में कुछ सही या गलत होता है तो उसकी कोई न कोई वजह जरूर होती है। मैंने इतिहास पढ़ा है और पढ़ाया है। जो इतिहास पढ़ता है और पढ़ाता है, वह इतिहास और जीवन में घटित होती घटनाओं की वजह को जरूर तलाशता है। मेरी कहानियाँ समाज में घटित भयावह सत्य को उजागर करती है। कारणों की पड़ताल करती है। मैं हिंदी पट्टी की गाँव की बात कहने वाली लेखिका हूँ। कोसी नदी के दोनों किनारों पर जीवन बसर करने वाले गरीब दलित लोगों के सुख–दुःख क्या है, इनसे सभी का परिचय होना जरूरी है।"

डिजिटल डेस्क, भोपाल। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवि–कथाकार, निदेशक, विश्व रंग एवं रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलाधिपति संतोष चौबे ने कहा कि उषा किरण जी की कहानियों में भारतीय ग्रामीण समाज बहुत शिद्दत से उपस्थित रहता है। वे अपनी रचनाएँ सरल, सरस, सहज ग्राह्य भाषा में बहुत सहजता के साथ लिखती है। वे बहुत छोटे–छोटे वाक्यों में रचनात्मक संवाद शैली में कहानियों की रचना करती है। उषा किरण जी यथार्थवाद की सशक्त प्रतिनिधि कथाकार है। उनकी रचनाएँ हमें अपनी स्मृतियों में ले जाती है।

वरिष्ठ कथाकार शशांक ने अपने उद्बोधन ने कहा कि वास्तविक प्रेम की आदिम इच्छाओं को बचाएं रखने का बड़ा काम उषा किरण जी ने अपनी रचनाओं के माध्यम से किया है। कहानी की परंपरा उषा जी की कहानियों में मिलती है।

वरिष्ठ कथाकार, वनमाली कथा पत्रिका के प्रधान संपादक एवं वनमाली सृजन पीठ, भोपाल के अध्यक्ष मुकेश वर्मा ने कहा कि उषा जी हिंदी और  मैथिली में समान रूप से कहानियां लिखती है। वे सामाजिक कार्य भी करती है। उनके लेखन में सामाजिक कार्य और बिहार के मिथिलांचल की सौंधी माटी की महक अपनी स्थानीयता के साथ उपस्थित है।

वरिष्ठ कथाकार डॉ. उर्मिला शिरीष ने कहा कि उषा किरण खान नई पीढ़ी के रचनकारों की पुस्तकों को पढ़कर व्यक्तिगत रूप से रचनाकार को न सिर्फ बधाई देती है वरन अपने लिखित विचार भी प्रेषित करती है। उषा जी के द्वारा नये रचनकारों को प्रोत्साहित करना उन्हें विशिष्टता प्रदान करता है।

विश्व रंग आयोजन समिति के सदस्य एवं वरिष्ठ कवि बलराम गुमास्ता ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उषा जी का सान्निध्य हमें अनवरत मिल रहा है। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। उनकी रचनाओं में बिहार का जनजीवन अपनी पूरी जीवटता के साथ पाठक को अपना बना लेता है। पाठक उनकी रचनकारों को अपने बहुत निकट पाता है।

वरिष्ठ कथाकार पंकज सुबीर ने पद्मश्री उषा किरण खान के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर विचार रखते हुए उनका परिचय प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम का सफल संचालन युवा आलोचक अरुणेश शुक्ल ने किया।

पद्मश्री उषा किरण खान की कहानी का बहुत सुंदर पाठ प्रशांत सोनी द्वारा किया जाएगा।

इस अवसर पर उषा जी को आईसेक्ट पब्लिकेशन द्वारा अट्ठारह खंडों में प्रकाशित कथादेश कोश, वनमाली श्रृंखला की पुस्तकें, वनमाली कथा, रंग संवाद एवं सफह पर आवाज भेंट स्वरूप प्रदान की गई।

वनमाली सृजन पीठ हजारीबाग के अध्यक्ष, श्री मनोहर बाथम, डॉ. राघव, डॉ. सत्येन्द्र खरे, टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केन्द्र के निदेशक विनय उपाध्याय, आईसेक्ट पब्लिकेशन के प्रबंधक महीप निगम, युवा कवि, मोहन सगोरिया, वनमाली पत्रिका के संपादक युवा कथाकार कुणाल सिंह, सह संपादक ज्योति रघुवंशी, डॉ. मोनिका सिंह, डॉ. उषा वैद्य, डॉ. सावित्री सिंह परिहार, लघुकथा केंद्र की निदेशक कांता राय, डॉ. मौसमी परिहार, सहित कई युवा रचनाकारों, साहित्यप्रेमियों एवं आईसेक्ट स्कोप कैम्पस फेकल्टी सदस्यों ने अपनी रचनात्मक उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम का संयोजन वनमाली सृजन पीठ के संयोजक संजय सिंह राठौर ने किया।

 

Created On :   19 Aug 2022 9:24 AM GMT

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