- दिल्ली: संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। सिंघू बॉर्डर से किसानों की ट्रैक्टर रैली यहां पहुंची थी।
- बैरीकेड हटा कर, युवा किसानों ने किया दिल्ली में प्रवेश, देश में पहली बार गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड
- पेट्रोल, डीजल के दाम में बड़ी वृद्धि, दिल्ली में 86 रुपए लीटर हुआ पेट्रोल, मध्यप्रदेश में 94 रुपए लीटर
- 7 महीनों में भारत में कोविड के सबसे कम 9 हजार मामले दर्ज
- यूपी: नई आबकारी नीति 1 अप्रैल से होगी लागू, घर में रख सकेंगे शराब की 12 बोतल
IIT-मद्रास अव्वल, विश्वविद्यालयों में बेंगलुरु टॉप, JNU दूसरे नंबर पर

हाईलाइट
- आईआईटी-मद्रास अव्वल, विश्वविद्यालयों में बेंगलुरु टॉप, जेएनयू दूसरे नंबर पर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने उच्च शिक्षा संस्थानों की 10 श्रेणियों में इंडिया रैंकिंग 2020 जारी की है। ओवरऑल रैंकिंग में आईआईटी-मद्रास ने पहला स्थान प्राप्त किया। बेंगलुरु का आईआईएससी दूसरे स्थान पर और आईआईटी-दिल्ली तीसरे नंबर पर है।
विश्वविद्यालयों की कैटेगरी में आईआईएससी-बेंगलुरु टॉप पर है। तमाम आंदोलनों और हिंसापूर्ण घटनाओं के बावजूद जेएनयू (दिल्ली) दूसरे स्थान पर है। तीसरे नंबर पर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय यानी बीएचयू है। इंजीनियरिंग संस्थानों की सूची में भी आईआईटी-मद्रास ने पहला स्थान प्राप्त किया।
मेडिकल संस्थानों में दिल्ली स्थित एम्स सर्वश्रेष्ठ मेडिकल संस्थान है। पीजीआई-चंडीगढ़ दूसरे और बेंगलुरु का क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज तीसरे नंबर पर है। डेंटल कॉलेजों की कैटेगरी में दिल्ली का मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज पहले स्थान पर है। फार्मेसी संस्थानों की सूची में दिल्ली का जामिया हमदर्द पहले स्थान पर है।
आर्किटेक्चर संस्थानों में आईआईटी-खड़गपुर को पहला स्थान प्राप्त हुआ। दूसरे स्थान पर आईआईटी-रुड़की व तीसरे स्थान पर आईआईटी-कालीकट है। लॉ संस्थानों में नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु को पहला और दिल्ली को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
कॉलेजों की श्रेणी में दिल्ली विश्वविद्यालय का मिरांडा हाउस पहले स्थान रहा है। लेडी श्रीराम कॉलेज दूसरे और हिंदू कॉलेज को तीसरा स्थान मिला है। कॉलेजों की श्रेणी में प्रथम तीन आने वाले ये तीनों ही कॉलेज दिल्ली के हैं।
प्रबंधन संस्थानों की श्रेणी में आईआईएम-अहमदाबाद प्रथम आया है। दूसरे स्थान पर आईआईएम-बेंगलुरु रहा। तीसरा स्थान आईआईएम-कोलकाता को मिला है।
फॉर्मेसी रैंकिंग में जामिया हमदर्द (दिल्ली) पहले नंबर पर है। पंजाब यूनिवर्सिटी दूसरे और मोहाली का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फर्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च तीसरे स्थान पर है।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।