बीएचयू में छात्र नहीं उनके शिक्षक भी करेंगे रिसर्च, होगा ट्रांस-डिसिप्लिनरी अनुसंधान

In BHU, not the students, their teachers will also do research, there will be trans-disciplinary research
बीएचयू में छात्र नहीं उनके शिक्षक भी करेंगे रिसर्च, होगा ट्रांस-डिसिप्लिनरी अनुसंधान
उत्तर प्रदेश बीएचयू में छात्र नहीं उनके शिक्षक भी करेंगे रिसर्च, होगा ट्रांस-डिसिप्लिनरी अनुसंधान

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने विषय वार रिसर्च को लेकर एक महत्वपूर्ण योजना बनाई है। खास बात यह है कि बीएचयू में यह रिसर्च छात्र नहीं बल्कि उनके शिक्षक करेंगे।इस योजना से विभिन्न विषयों के शिक्षकों को अध्ययन व अनुसंधान के नए क्षेत्रों पर काम करने के लिए साथ आने का अवसर प्राप्त होगा। साथ ही ऐसे संकाय सदस्यों का एक नेटवर्क तैयार करने में मदद मिलेगी, जिसमें मानविकी, सामाजिक विज्ञान, संस्कृति, विधि, कला के शिक्षक विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विषयों में कार्यरत संकाय सदस्यों के साथ जुड़े हुए हों।

शिक्षकों के लिए बीएचयू में विविध विषयों में विषयेतर (ट्रांस डिसीप्लिनरी) रिसर्च को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक नई योजना विषयेतर अनुसंधान प्रोत्साहन योजना की शुरूआत की गई है। बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधार कुमार जैन ने कहा कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस (उत्कृष्टता संस्थान) का दर्जा प्राप्त काशी हिन्दू विश्वविद्यालय अंतर्वैषयिक तथा विषयेतर अनुसंधान के लिए उत्तम स्थान है, क्योंकि यहां भारतीय प्राचीन ज्ञान व्यवस्था के विषयों से लेकर आधुनिक विज्ञान व प्रौद्योगिकी तक के विषयों में शिक्षा व शोध के अवसर उपलब्ध हैं। प्रो. जैन ने भी इस बात पर बल दिया है कि इंटर-डिसिप्लिनरी तथा ट्रांस-डिसिप्लिनरी अनुसंधान के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय सबसे बेहतर संस्थान है।

विविध विषयों के संकाय सदस्यों, शोधार्थियों व विद्यार्थियों के मध्य अधिक शैक्षणिक व शोध केन्द्रित संवाद व विचार-विमर्श की जरूरत महसूस करते कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन की अध्यक्षता में हुई इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस बीएचयू, की गवनिर्ंग बॉडी की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई। योजना के तहत एक से अधिक संकायों के शिक्षकों द्वारा ऐसे संयुक्त अनुसंधान प्रस्तावों को अनुदान दिया जाएगा, जो किसी एक विषय तक सीमित न रह कर नई खोज, अध्ययन व नवाचार पर केन्द्रित हों।

इस योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रो. रमेश चंद, कृषि विज्ञान संस्थान, के संयोजन में एक समिति गठित की गई है, जिसमें प्रो. मधुलिका अग्रवाल, विज्ञान संस्थान, तथा डॉ. गगनप्रीत सिंह, इतिहास विभाग, सदस्य बनाए गए हैं। विषयेतर अनुसंधान प्रोत्साहन योजना से अध्ययन के ऐसे नए क्षेत्रों की पहचान की उम्मीद है जिनसे अंतर-वैषयिक तथा विषयेतर अनुसंधान की दिशा में उल्लेखनीय लाभ मिल सकेंगे। यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के भी अनुरूप है, जिसमें बहुविषयी शिक्षा व शोध की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है।

 

सोर्स- आईएएनएस

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Created On :   14 Jun 2022 10:31 AM GMT

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