बाल दिवस : अपने स्कूली दिनों की यादों में लौटे टीवी सितारे

Childrens Day: TV stars return to memories of their school days
बाल दिवस : अपने स्कूली दिनों की यादों में लौटे टीवी सितारे
बाल दिवस : अपने स्कूली दिनों की यादों में लौटे टीवी सितारे
हाईलाइट
  • बाल दिवस : अपने स्कूली दिनों की यादों में लौटे टीवी सितारे

मुंबई, 14 नवंबर (आईएएनएस)। टेलीविजन के कलाकारों ने शनिवार को बाल दिवस के अवसर पर अपने स्कूली दिनों के कार्यक्रमों को याद किया कि कैसे वे इस खास दिन को मनाते थे।

प्रयागराज के रहने वाले अभिनेता अभिषेक निगम ने साझा किया कि वह आम तौर पर हर साल 14 नवंबर की शाम को शहर के ऐतिहासिक हाउस म्यूजियम आनंद भवन जाते थे।

उन्होंने कहा, चूंकि बाल दिवस पंडित जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है, इसलिए हम आमतौर पर वहां जाते रहते थे। हम स्कूल में भी जश्न मनाया करते थे। मुझे आज भी याद है, बाल दिवस पर हमें मिठाइयां मिलती थीं। हमें हमेशा सुबह की प्रार्थना के बाद दो लड्डुओं का एक पैकेट दिया जाता था और फिर हमारे क्लास टीचर हमें समोसा पार्टी देते थे।

अभिनेत्री भाविका शर्मा के लिए यह दिन कम पढ़ाई करने और मस्ती ज्यादा करने वाला दिन हुआ करता था। अभिनेत्री ने कहा, मुझे याद है कि हम स्कूल में उत्सव का आधा दिन नृत्य और खाने के साथ बिताते थे। इसलिए, मैं बहुत डांस करती थी, क्योंकि मुझे डांसिंग बहुत पसंद है। मैं फिर से बच्चा बनना चाहती हूं, क्योंकि वह जीवन बिना तनाव के है, किसी भी चीज के बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। बचपन एक ऐसा दौर होता है, जब आपको सिर्फ मौज-मस्ती, खेल और थोड़ी पढ़ाई करनी होती है। मैं बचपन में थोड़ी पढ़ाकु थी, लेकिन अगर मुझे फिर से बच्चा बनने का मौका मिलता है, तो मैं निश्चित रूप से इस बार बहुत शरारती बनने वाली हूं।

अभिनेत्री गुल्की जोशी ने कहा, मुझे लगता है कि बाल दिवस मुझे स्कूल के दिनों में वापस ले जाता है जब इस एक दिन हमें मिठाई, अच्छा खाना मिलता था और शिक्षक हमारे साथ वास्तव में अच्छा व्यवहार करते थे। वो कुछ मजेदार दिन थे और मुझे लगता है कि मेरे अंदर अभी भी एक बच्चा है और मैं इसे कभी बड़ा नहीं होने दूंगी। इससे पहले मैं बाल दिवस पर वंचित बच्चों के लिए एनजीओ में जाती थी और उनके साथ समय बिताती थी, लेकिन टाइट शूट शेड्यूल के कारण, मुझे अब ऐसा करने का समय नहीं मिलता है।

वहीं अभिनेत्री आशी सिंह ने कहा, यह दिन काफी मजेदार हुआ करता था, क्योंकि सभी शिक्षक बहुत लाड़ प्यार करते थे। मुझे उन दिनों में वापस जाना और फिर से बच्चा बनना है। अगर मुझे एक दिन के लिए भी फिर से बच्चा बनने का मौका मिलता है, तो मैं जरूर बनना चाहूंगी।

एमएनएस/जेएनएस

Created On :   14 Nov 2020 2:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story