‘मोहल्ला अस्सी’ पर सेंसर बोर्ड की पुनर्विचार याचिका खारिज, जल्द होगी रिलीज

Mohalla assi release : Delhi High Court dismiss censor board reconsideration petition
‘मोहल्ला अस्सी’ पर सेंसर बोर्ड की पुनर्विचार याचिका खारिज, जल्द होगी रिलीज
‘मोहल्ला अस्सी’ पर सेंसर बोर्ड की पुनर्विचार याचिका खारिज, जल्द होगी रिलीज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दिल्ली हाई कोर्ट ने लंबे समय से प्रदर्शन के लिए सेंसर सर्टिफिकेट का इंतजार कर रही फिल्म ‘मोहल्ला अस्सी’ के रिलीज की राह में रोडा बन रहे सेंसर बोर्ड को तगड़ा झटका दिया है। इससे पहले हाई कोर्ट ने 11 दिसंबर 2017 को सेंसर बोर्ड को एक कट के साथ फिल्म को प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया था। इस आदेश के खिलाफ सेंसर बोर्ड ने हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसे शुक्रवार को खारिज कर दिया गया है। इसी के साथ अब फिल्म के प्रदर्शन का रास्ता करीब-करीब साफ हो गया है। अब यदि बोर्ड फिल्म के प्रदर्शन के लिए जरुरी प्रमाणपत्र जारी नहीं करता है, तो उसे न्यायालय की अवमानना का भी सामना करना पड़ सकता है। बशर्ते बोर्ड हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती न दे।

फिल्म निर्माता और सेंसर बोर्ड के बीच तनातनी

उपन्यासकार डॉ काशीनाथ सिंह के सुप्रसिद्ध उपन्यास ‘काशी का अस्सी’ पर आधारित फिल्म मोहल्ला अस्सी में धार्मिक कुरीतियों को उजागर किया गया है। साथ ही पर्यटकों को अकर्षित करने के लिए आध्यात्मिक शहर काशी के बढते व्यावसायीकरण को दिखाया गया है। फिल्म के निर्माता और सेंसर बोर्ड के बीच उस समय से तनातनी शुरु हो गई थी, जब सेंसर बोर्ड की कमेटी ने फिल्म को सर्टीफिकेट देने से इंकार कर दिया था। यह तल्खी और बढ़ गई जब सेंसर बोर्ड की रिवाइजिंग कमेटी ने भी प्रमाणपत्र जारी करने में बेरुखी दिखाई।

इसके बाद मामला फिल्म सर्टिफिकेट ट्रिब्यूल में गया वहां पर भी फिल्म को प्रमाणपत्र नहीं मिला। ट्रिब्यूनल के आदेश को फिल्म निर्माता ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी। हाई कोर्ट ने एक कट के साथ सेंसर बोर्ड को इस फिल्म के लिए ए (केवल वयस्कों के लिए) सर्टिफिकेट देने का निर्देश दिया। हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सेंसर बोर्ड ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।

12 जनवरी तक प्रमाणपत्र नहीं मिला तो अवमानना याचिका 

हाई कोर्ट के इस फैसले से खुश इस फिल्म के निर्माता विनय तिवारी ने कहा कि फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। सेंसर बोर्ड इसे अपनी प्रतिष्ठा का विषय बना रहा है। इसलिए वह अदालत के निर्देश के तहत सर्टिफिकेट नहीं जारी कर रहा है। अब यदि 12 जनवरी तक प्रमाणपत्र नहीं जारी किया जाता तो हम न्यायालय की अवमानना की याचिका दायर करेंगे।

Created On :   5 Jan 2018 10:29 PM IST

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