आजादी और देशभक्ति की कहानियां बयां करती ये बेहतरीन फिल्में
डिजिटल डेस्क,भोपाल। देश आज आजादी की 71वीं सालगिरह मना रहा है। इतने बरसों में देश और देश भक्ति से सजी कई कहानियां बॉलीवुड ने दर्शकों को दिखाई हैं। लगभग हर दशक में ऐसी फिल्में बनीं है जिनमें देशभक्ति जगाने की ताकत रहीं हैं। आज हम ऐसी कुछ फिल्मों के बारे बात करेंगे जिसे हर हिंदुस्तानी को जरूर देखना चाहिए।
हकीकत- 1964
1964 में आई फिल्म ‘हकीकत’ ऐसे सैनिकों की टुकड़ी की कहानी थी, जो लद्दाख में भारत-चीन युद्ध के दौरान सोचते हैं कि उनकी मौत निश्चित है लेकिन उनमें से कुछ सैनिकों को कैप्टन बहादुर सिंह (धर्मेंद्र) बचाने में सफल हुए थे।इस फिल्म को आज की पीढ़ी को इसलिए बी देखना चाहिए, क्योंकि भारत-चीन जमीन को लेके एक बार आमने सामने हैं। और नई पीढ़ी ने 1962 के युद्ध के बारे में सिर्फ किताबों में ही पढ़ा है।
शहीद- 1965
"शहीद" भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित फिल्म थी. भगत सिंह के जीवन पर 1965 में बनी ये देशभक्ति की सर्वश्रेष्ठ फिल्म थी। जिसकी कहानी स्वयं भगत सिंह के साथी बटुकेश्वर दत्त ने लिखी थी। इस फिल्म में अमर शहीद राम प्रसाद "बिस्मिल" के गीत थे। मनोज कुमार ने इस फिल्म में शहीद भगत सिंह का जीवन्त अभिनय किया था। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित यह अब तक की सर्वश्रेष्ठ प्रामाणिक फिल्म है।
उपकार- 1967
1967 में आई फिल्म ‘उपकार’देशभक्ति से ओतप्रोत फिल्म है, जिसे बनाने का उद्देश्य था ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा बुलंद करना. फिल्म की कहानी राधा (कामिनी कौशल) और उसके दो पुत्रों भारत (मनोज कुमार) व पूरन (प्रेम चोपड़ा) की कहानी है. राधा ग्रामीण महिला है जो अपने परिवार को खुशहाल देखना चाहती है. उसकी इच्छा अपने पुत्रों को पढ़ा-लिखा कर बड़ा आदमी बनाने की है. परन्तु वह दोनों की पढ़ाई का भार वहन नहीं कर पाती है.
गांधी- 1982
"गांधी" 1982 में बनी मोहनदास करमचंद गांधी के वास्तविक जीवन पर आधारित फिल्म थी. फ़िल्म का निर्देशन रिचर्ड एटनबरोघ द्वारा किया गया है और इसमें बेन किंग्सले गांधी की भूमिका में है. इस फिल्म के लिए दोनों को अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
बॉर्डर- 1997
फिल्म "बॉर्डर" 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित थी। इस फिल्म की कहानी एक सत्य घटना से प्रेरित थी। इस फिल्म में भारत-पाक युद्ध के समय लड़े गए लोंगेवाला युद्ध को डिटेल में समझाया गया है। फिल्म की कहानी 1971 मे हुए भारत-पाकिस्तान की लड़ाई से प्रभावित है, जहां राजस्थान में 120 भारतीय जवान सारी रात पाकिस्तान की टांक रेजिमेंट का सामना करते थे।
द लेजेंड ऑफ भगत सिंह- 2002
2002 में राजकुमार संतोषी की फिल्म ‘द लेजेंड ऑफ भगत सिंह’ में अजय देवगन भगत सिंह का किरदार निभाते नजर आए. फिल्म भगत सिंह की जिंदगी पर आधारित थी जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी. ‘द लेजेंड ऑफ भगत सिंह’ हमें विस्तार मे यह बताता है कि कैसे भगत सिंह ने ब्रितिश राज के खिलाफ और भरतीय स्वतंत्रता के प्रति अपने विचार और रुचि को विकसित किया.
लगान-2001
लगान आजादी से पहले अंग्रेजों के जुल्मों की कहानी बताती है। अंग्रेज उस वक्त भारतीयों को एक-एक दाने के लिए तरसाते थे और कर्ज के बोझ तले किसानों को दबा देते थे। लगान मूवी में अंग्रेजो के जरिए टैक्स (लगान) वसूल के तरीकों को बताया गया। फिल्म में लगान माफ करने के लिए गांव का एक लड़का भुवन अंग्रेजों से क्रिकेट मेच खेलने की शर्त लगा लेता है और जीत जाता है।
मंगल पांडे: द राइजिंग- 2005
फिल्म ‘मंगल पांडे: द राइजिंग’ क्रांतिकारी मंगल पांडे की जिंदगी और उनके संघर्षों के इर्द-गिर्द घूमती है। मंगल पांडे को 1857 में ब्रिटिश ऑफीसरों पर हमले के लिए जाना जाता है और इसे अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई का आगाज भी माना जाता है। फिल्म में दर्शाया गया विद्रोह "भारतीय स्वतंत्रता के प्रथम संग्राम, "या" सिपाही विद्रोह के रूप में जाना जाता है।
रंग दे बसंती-2006
रंग दे बसंती फिल्म उन युवाओं की कहानी है जिनमें देशभक्ति खत्म हो गई है।वो बस मौज-मस्ती रहना चाहाते हैं और देश के लिए कुछ भ ना करने की ठान लेते हैं। लेकिन उनका एक दोस्त वायुसेना के विमान दुर्घटना में शहीद हो जाता हैं। उसके बाद उनमें देश हालात पर गुस्सा आता है और वो सिस्टम को सुधारन के लिए निकल पड़ते हैं।
Created On :   15 Aug 2017 12:30 PM IST