सुशांत मामला: कोरोना, मीडिया को दूर रखने के लिए वीडियो-लिंक से सुनी जाएंगी रिमांड की दलीलें

Sushant case: Corona, remand arguments to be heard through video-link to keep media away
सुशांत मामला: कोरोना, मीडिया को दूर रखने के लिए वीडियो-लिंक से सुनी जाएंगी रिमांड की दलीलें
सुशांत मामला: कोरोना, मीडिया को दूर रखने के लिए वीडियो-लिंक से सुनी जाएंगी रिमांड की दलीलें
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मुंबई, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। एस्प्लेनेड कोर्ट में मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत (सीएमएम) ने सोमवार को यहां एक महत्वपूर्ण आदेश देते हुए कहा कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में गिरफ्तार किए गए किसी भी आरोपी को रिमांड के लिए उसके समक्ष केवल वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश किया जाएगा।

अदालत ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए यह आदेश जारी किया है।

मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट तेजली टी. डांडे ने रविवार (छह सितंबर) को अपने आदेश में कहा है कि महामारी की मौजूदा स्थिति और पूर्व के अनुभव को ध्यान में रखते हुए तथा कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सुशांत मामले से संबंधित किसी भी आरोपी को रिमांड के लिए केवल वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ही पेश किया जाएगा।

कार्यवाहक सीएमएम डांडे ने अपने आदेश में कहा, तत्काल प्रभाव से, सुशांत सिंह राजपूत मामले से संबंधित किसी भी आरोपी को केवल वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया जाएगा।

सुशांत मामले में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील सतीश मानशिंदे ने मीडिया के व्यवहार को भयावह करार देते हुए इस आदेश का स्वागत किया।

उन्होंने कहा कि मामले से संबंधित गोवा के एक आरोपी को कोविड पॉजिटिव पाया गया है। वकील ने कहा कि यहां तक कि अगर किसी भी व्यक्ति को मामले में आरोपी नहीं बनाया गया है या उसे गंभीर आरोपों का सामना नहीं करना पड़ रहा है, तो भी उसके कोरोनावायरस संक्रमित होने की संभावनाएं हैं।

कार्यवाहक सीएमएम ने आदेश दिया है कि ऐसे मामलों में वीडियो-लिंक सीएमएम कार्यालय द्वारा बनाया जाएगा, जिसे संबंधित जांच एजेंसी के साथ गोपनीय रूप से साझा किया जाएगा।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और कोई अन्य जांच एजेंसी सुचारू वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक हार्डवेयर और इंटरनेट कनेक्शन की व्यवस्था करेगी।

वीडियो-लिंक सार्वजनिक अभियोजकों और बचाव पक्ष के वकीलों को प्रदान किए जाएंगे, जो इनका खुलासा नहीं करेंगे।

हालांकि, अगर सरकारी वकील या आरोपी के वकील व्यक्तिगत रूप से पेश होने का फैसला करते हैं, तो केवल दो जूनियर्स को उनके साथ जाने की अनुमति होगी।

कार्यवाहक सीएमएम ने यह भी निर्देश दिया कि सभी रिमांड केस के कागजात व्यक्तिगत या ईमेल के माध्यम से ऑनलाइन प्रस्तुत किए जा सकते हैं।

आदेश में कहा गया है कि एनसीबी और किसी भी अन्य एजेंसी को आपराधिक प्रक्रिया संहिता के अनुसार आरोपी व्यक्तियों की सुरक्षित अभिरक्षा से संबंधित सभी मानदंडों और मानक संचालन प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करना होगा। इसमें कहा गया है कि एनसीबी या किसी अन्य जांच एजेंसी को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने कार्यालय परिसरों में आरोपियों की कोविड-19 परीक्षण करने की व्यवस्था करें।

सीएमएम कार्यालय ने बॉम्बे हाईकोर्ट, पुलिस आयुक्त मुंबई, एनसीबी जोनल निदेशक और अन्य शीर्ष अधिकारियों को भी अपने फैसले के संबंध में सूचित किया है।

एकेके/एएनएम

Created On :   7 Sept 2020 10:00 PM IST

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