दुनिया देखेगी इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की ताकत, भारत का पहला वर्चुअल स्टूडियो स्थापित

The world will see the power of the Indian film industry, Indias first virtual studio established
दुनिया देखेगी इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की ताकत, भारत का पहला वर्चुअल स्टूडियो स्थापित
पहला वर्चुअल प्रोडक्शन स्टूडियो दुनिया देखेगी इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की ताकत, भारत का पहला वर्चुअल स्टूडियो स्थापित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। के सेरा सेरा और विक्रम भट्ट ने मुंबई के दहिसर हाईवे पर स्थित भारत का पहला वर्चुअल प्रोडक्शन स्टूडियो खोला है, जो 50,000 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें चार मंजिलें हैं, जहां एक समय में चार फिल्मों की शूटिंग आसानी से की जा सकती है।

प्रोजेक्ट को लेकर विक्रम भट्ट ने कहा, फिल्म जुदा होके भी हमारे लिए वर्चुअल प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी यानी एलईडी का एक टेस्ट था। हम पूरी फिल्म को 60 गुणा 60 वाली मंजिल पर शूट करने में सफल रहे। हमारे लिए सबसे बड़ी जीत यह है कि फिल्म पिछले हफ्ते रिलीज हुई और दुनिया भर में लाखों लोगों ने इसे देखा।

उन्होंने कहा, हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि दर्शकों ने हमारी वर्जुअल टेक्नोलॉजी से बने सीन को सराहा और इनकी जमकर तारीफें की। इसे हम अपनी जीत मानते हैं, क्योंकि जो हमने बनाया, वह दर्शकों के दिलों को छू गया। हमने यह टेस्ट पास कर लिया।

टेक्नोलॉजी के फायदों के बारे में बताते हुए, भट्ट ने कहा कि वर्चुअल फिल्म टेक्नोलॉजी की मदद से बनाए गए सीन ज्यादा शानदार और प्रभावशाली होते हैं। अब बॉलीवुड फिल्ममेकर्स हमारे साथ जुड़कर ग्लोबल बन सकते हैं और रिजनल फिल्ममेकर्स इसे नेशनल लेवल पर बड़ा बना सकेंगे। कम इन्वेस्टमेंट में हम ज्यादा विजुअलाइजेशन देते है। यानी अगर आप किसी प्रोजेक्ट में 5 करोड़ रुपये का इन्वेस्ट करते हैं, तो हमारा स्टूडियो वर्चुअल वल्र्ड इसे 30 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट जैसा बना देगा।

प्रोजेक्ट के ग्लोबल विजन के बारे में बोलते हुए, के सेरा सेरा के मालिक सतीश पंचरिया ने कहा, वर्जुअल प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी के साथ, हमने न केवल भारतीय सिनेमा, बल्कि वर्ल्ड सिनेमा को भी पूरा करने का फैसला किया है। इसलिए हम भारत में केवल 6,000 या 7,000 सिनेमा स्क्रीन को लक्षित नहीं कर रहे हैं। हम दुनिया भर में 1.5 लाख स्क्रीन और ग्लोबल लेवल पर संचालित होने वाले 150 ओटीटी/सैटेलाइटप्लेटफॉर्म को लक्षित कर रहे हैं। हम अपनी फिल्में अंग्रेजी, हिंदी और यहां तक कि स्पेनिश में बनाने के इच्छुक हैं ताकि हम दुनिया भर के दर्शकों तक पहुंच सकें।

उन्होंने आगे कहा, अब हमारी फिल्में घटिया नहीं लगेंगी, मेकर्स को ऐसा नहीं लगेगा कि उन्हें अधिक बजट की आवश्यकता है, क्योंकि वुर्जअल प्रोडक्शन की टेक्नोलॉजी हमें शानदार तस्वीरे देने में मदद करेगी, जैसा हम हमेशा से चाहते हैं।

पंचरिया ने कहा, इस टेक्नोलॉजी के चलते फिल्ममेकर्स को अब भारी-भरकम बजट नहीं रखना पड़ेगा। यह बजट का 40-50 प्रतिशत हिस्सा आसानी से बचा देगी। यह सुविधा उनके लिए सुनहरा मौका है, जो बड़ी फिल्म की तरह अपने प्रोजेक्ट को बनाना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए उनके पास बजट नहीं होता।

पंचरिया ने कहा, एक रिजनल फिल्म, जो पंजाब में शूट की जा रही है और उसके कुछ सीन ऑस्ट्रेलिया में शूट किए जाने हो, इसके लिए अब जरूरी नहीं कि फिल्म की टीम को ऑस्ट्रेलिया जाना होगा, मेकर्स अपने बजट के तहत उस सीन को इस टेक्नोलॉजी की मदद से मुंबई में शूट कर सकते हैं।

फिल्म निर्माता महेश भट्ट ने कहा, जो अब तक आप बड़ी फिल्मों में सीन देखते आए हैं, उन्हीं सीन को आप अपने प्रोजेक्ट के लिए आसानी से शूट कर सकते हैं। इसलिए हम सभी को इस टेक्नोलॉजी के लिए आमंत्रित करते हैं। हम चाहते हैं सभी इसकी सेवा जरुर लें। हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि वे हमसे संपर्क कर अपनी फिल्मों को ऐसा बना सकते हैं, जैसे वे हमेशा चाहते हैं।

महेश भट्ट ने कहा, हम न केवल हिंदी फिल्म निमार्ताओं को आमंत्रित कर रहे हैं, बल्कि हम छोटे निर्माता, बड़े निमार्ता, क्षेत्रीय फिल्म निर्माता को भी आमंत्रित कर रहे हैं कि वे इस टेक्नोलॉजी का हिस्सा बनें और इस इंडस्ट्री को मजबूत बनाएं।

पंचारिया ने कहा, इस टेक्नोलॉजी से हम हमारी इंडियन फिल्म इंडस्ट्री को अपनी ताकत दिखा सकते हैं। इस लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के जरिए हम दुनिया के सामने विराट स्वरूप के रूप में खड़े हो सकते हैं और कह सकते हैं कि आखिरकार, हम यहां हैं, विश्व सिनेमा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।

 

आईएएनएस

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Created On :   22 July 2022 9:00 AM GMT

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