फिल्म ठाकरे के डायलॉग्स पर इस स्टार ने जताई नाराजगी, सेंसर बोर्ड ने की मॉडिफिकेशन की मांग
डिजिटल डेस्क,मुंबई । शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की जिंदगी पर बनी फिल्म का ट्रेलर बुधवार को लॉन्च किया गया। इस ट्रेलर को देख कर साफ नजर आ रहा है कि शिवसेना फॉलोअर्स को फिल्म बहुत पसंद आएगी। बाल ठाकरे का किरदार नवाजुद्दीन सिद्दीकी निभा रहे हैं। दो भाषाओं (हिंदी और मराठी ) में जारी ट्रेलर के सामने आते ही एक बार फिर से दिवंगत बाल ठाकरे को लेकर चर्चा शुरू हो गई। फिल्म रंग दे बसंती में आमिर खान के साथ काम कर चुके टॉलीवुड और बॉलीवुड स्टार सिद्धार्थ ने ट्रेलर को लेकर नाराजगी जताई है। उन्होंने इसके जरिए नफरत फैलाने का आरोप लगाए। एक्टर का कहना है कि फिल्म के मराठी ट्रेलर में बाल ठाकरे बने नवाजुद्दीन एक रैली में दक्षिण भारत के लोगों के लिए saale andu-gundu कहते दिख रहे हैं। वो ये भी कहते हैं कि Uthao lungi, bajao pungi।
The conveniently un-subtitled #Marathi trailer of #Thackeray. So much hate sold with such romance and heroism (Music, tiger roars, applause, jingoism). No solidarity shown to millions of South Indians and immigrants who make #Mumbai great. #HappyElections! https://t.co/F13jMcIRle
— Siddharth (@Actor_Siddharth) December 27, 2018
बताते चलें कि अपनी राजनीति की शुरुआत में बाल ठाकरे ने मुंबई में मराठी मानुष को लेकर दक्षिण भारतीयों के खिलाफ आंदोलन चलाया था। Uthao lungi, bajao pungi (उठाओ लुंगी, बजाओ पुंगी) उसी आंदोलन का नारा था। मराठी ट्रेलर का विरोध करते हुए सिद्धार्थ ने ये भी कहा, "ये भाषा नफरत फैलाने वाली है। ट्रेलर में रोमांस और हिरोइज्म के जरिए निगेटिव चीजों को फैलाया गया है।"
बताते चलें कि हिंदी और मराठी में ठाकरे के दो ट्रेलर जारी किए गए हैं। आमतौर पर कई भाषाओं में जारी ट्रेलर में सिर्फ भाषा का अंतर होता है, बाकी सारी चीजें एक जैसी होती हैं। ये फर्क भी फिल्म के विषय के संदेश को आसानी से लोगों तक पहुंचाने की वजह से किया जाता है, लेकिन ठाकरे के दोनों ट्रेलर देखे जाएं तो वे अलग अलग हैं। दोनों के डायलॉग में अंतर है। ऐसे ही एक-दो डॉयलाग्स पर सिद्धार्थ ने आपत्ति की है।
ठाकरे ने चलाई थी दक्षिण भारतीय और मुस्लिमों के खिलाफ मुहिम
दरअसल, 1960 के दशक में ठाकरे ने दक्षिण भारतीय लोगों को निशाना बनाते हुए उन पर स्थानीय मराठी लोगों की नौकरियां छीनने का आरोप लगाया था। उन्होंने दक्षिण भारतीय लोगों के खिलाफ एक अभियान चलाया था जिसके लिए ये उनका नारा था। ठाकरे के राज के दौरान शिवसेना कार्यकर्ता दक्षिण भारतीय फिल्मों की स्क्रीनिंग तक का विरोध करते थे। ठाकरे मुस्लिमों के खिलाफ अपने मुहिमों के लेकर वो हमेशा सुर्खियों में रहे। "ठाकरे" फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के रोल में दिखाई देंगे। फिल्म को शिवसेना सांसद संजय राउत ने लिखा और प्रोड्यूस किया है।
सेंसर बोर्ड से विवाद
वैसे ट्रेलर रिलीज के पहले रिपोर्ट थी कि फिल्म के कुछ संवादों सीन्स पर सेंसर बोर्ड ने आपत्ति की है। हालांकि सेंसर बोर्ड के आधिकारिक सूत्रों ने कहा भी कि "हमने ठाकरे फिल्म के मराठी ट्रेलर में बदलाव करने को कहा है। हमें इस ट्रेलर के दो ऑडियो पर ऑब्जेक्शन थे और हमने उसी के संदर्भ में बदलाव के लिए कहा है। कोई भी वीडियो कट नहीं है। ये फैसला फिल्ममेकर और सेंसर बोर्ड की सहमति से लिया गया है। दो ऑडियो मोडिफिकेशन के अलावा कोई भी वीडियो कट नहीं।"
कोई भी "ठाकरे" पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता
उधर, बाल ठाकरे के जीवन पर फिल्म की पटकथा लिखने और प्रोड्यूस करने वाले राजनेता संजय राउत ने बुधवार को कहा था, "कोई भी फिल्म पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता। फिल्म पर आपत्ति उठाने वाली केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) शिवसेना के संस्थापक के दृष्टिकोण को समझेगी।" ट्रेलर लांच के मौके पर राउत ने मीडिया से ये भी कहा, "हमने बाला साहब को ठीक वैसे ही पेश किया है जैसे वो हैं, जैसे उन्होंने अपने लोगों और राजनीतिक स्थिति पर विचार रखें हैं।
Created On :   28 Dec 2018 9:43 AM IST