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हिन्दुओं पर बुलडोज़र चला और ‘ज़ाकिर’ को छोड़ दिया गया? क्या है इस खबर की पूरी सच्चाई, यहां जानिए
![Hindus were bulldozed and Zakir was released? Times Now Hindi did communal reporting Hindus were bulldozed and Zakir was released? Times Now Hindi did communal reporting](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2022/04/hindus-were-bulldozed-and-zakir-was-released-times-now-hindi-did-communal-reporting_730X365.jpg)
डिजिटल डेस्क, भोपाल। दिल्ली में हनुमान जयंती के दिन निकाली गई शोभा यात्रा के दौरान भड़की हिंसा के बाद दिल्ली नगर निगम ने हिंसा भड़कने वाली जगह जहांगीरपुरी में अवैध अतिक्रमण को लेकर कई मकानों, घरों को बुलडोजर के जरिए जमींदोज कर दिया।
इसके बाद सोशल मीडिया पर अलवर में हटाए गए अवैध अतिक्रमण की घटना के वीडियो शेयर करते हुए दिल्ली में एक मस्जिद हटाने के बदले की भावना, विरोध और प्रतिक्रिया के तौर पर प्रचारित कर झूठा दावा किया गया। एक चैनल ने इस दावे को प्रमुखता से चलाया था, इस मामले पर ऑल्ट न्यूज़ ने छानबीन तब पता चला कि दोनों स्थानों पर हुई कार्रवाई अलग अलग तारीख में हुई। राजस्थान के अलवर में प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई 17 और 18 अप्रैल को की थी, जबकि जहांगीरपुरी में बुलडोज़र 20 अप्रैल को चला था। एक टीवी वक्ता ने दावा किया कि राजस्थान के अलवर में भंवरी देवी का घर तोड़ दिया गया, लेकिन बगल में ही मौजूद ‘ज़ाकिर खान मोटर्स’ नाम की दुकान पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। सुशांत सिन्हा ने कार्रवाई को लेकर प्रशासन पर सांप्रदायिक रूप से भेदभाव करने का आरोप लगाया।
एक वेबसाइट पर प्रसारित इस 8 मिनट 49 सैंकड के वीडियों में दावा किया कि ‘ज़ाकिर खान मोटर्स’ नाम की दुकान को छोड़कर उसके आस-पास की हिन्दू व्यक्तियों की दुकानें तोड़ दी गयी।
इस वीडियो ट्वीट करते हुए भाजपा आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने अशोक गहलोत की सरकार पर सांप्रदायिक एक्शन का आरोप लगाया।
अलवर से बीजेपी सांसद योगी बालकनाथ ने भी ये वीडियो ट्वीट किया। और आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने भेदभाव करते हुए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की है
अलवर, राजस्थान में सौ सौ फुट दोनों तरफ हिंदुओं के मकान दुकान तोड़ दिए गए पर बीच में बीस फुट की ज़ाकिर खान की दुकान की कील तक नहीं चटकाई, इसको कहते हैं कांग्रेसी सेक्युलेरिज्म वाली इस्लामी सरकार ... pic.twitter.com/O2fA0dOUJ3
— Yogi Balaknath (@MahantBalaknath) April 26, 2022
बीजेपी वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने भी फ़ेसबुक पेज पर वीडियो को पोस्ट किया है
फ़ेसबुक से लेकर ट्विटर पर ये वीडियो इसी दावे के साथ खूब वायरल किया जा रहा है।
वीडियो की सच्चाई
जब वीडियो की जांच पड़ताल हुई तब पता चला कि टाइम्स नाउ नवभारत की रिपोर्ट में ‘ज़ाकिर खान मोटर्स’ दुकान का बोर्ड दिखता है। बोर्ड पर 3 मोबाइल नंबर हैं। इन नंबर्स पर कॉल करने पर ज़ाकिर खान से बात हुई। जाकिर खान ने दुकान को खुद का न बताते हुए उसे सिर्फ किराएदार बताया। ज़ाकिर ने आगे कहा, “इस दुकान के मालिक ने 2007 का एक नोटिस दुकान के बाहर चिपका रखा था। इसमें कलेक्टर के आदेश से बताया गया है कि ये अतिक्रमण नहीं है। और इसी वजह से इस दुकान को नहीं तोड़ा गया। उन्होंने मीडिया के साथ सोशल मीडिया पर साझा की जा रही खबरों को झूठा बताते हुए मानसिक रूप से परेशान होने की बात कही।
इस दुकान के मालिक पेशे से वकील मनीष दीक्षित से भी बात की गई, मनीष दीक्षित ने दुकान को पैतृक संपत्ति बताया, आगे उन्होंने कहा 2005 में भी शासन ने अतिक्रमण हटाने को लेकर कार्रवाई की थी, उस वक़्त भी प्रशासन ने कई दुकानें तोड़ी, लेकिन हमारी दुकान अतिक्रमण में न होने के कारण नहीं तोड़ी गई। दीक्षित ने आगे कहा कि हमने ये ज़मीन कस्टोडियन डिपार्ट्मन्ट से खरीदी थी। इस संबंध में उनके पास राजगढ़ कोर्ट का जजमेंट भी दिखाया। जिसमें ये दुकान अतिक्रमण में नहीं है। कोर्ट का ये ऑर्डर आज भी प्रभावी है
कुल मिलाकर, राजस्थान के अलवर में अतिक्रमण हटाए जाने की ये घटना कई मीडिया चैनल ने बिना जांच पड़ताल के ये खबर चलाई है।
Created On :   30 April 2022 1:00 PM GMT