पीएम को काला झण्डा दिखाने वाली रीता यादव की गोली मारकर हत्या का दावा निकला फर्जी, जानें क्या है सच?

The claim of killing Rita Yadav, who showed the black flag to the PM, turned out to be fake, know what is the truth?
पीएम को काला झण्डा दिखाने वाली रीता यादव की गोली मारकर हत्या का दावा निकला फर्जी, जानें क्या है सच?
फर्जी खबर पीएम को काला झण्डा दिखाने वाली रीता यादव की गोली मारकर हत्या का दावा निकला फर्जी, जानें क्या है सच?

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। सुल्तानपुर की रीता यादव पिछले कुछ दिनों से खबरों की सुर्खियों में बनी रही हैं। बता दें कि सुल्तानपुर रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काला झण्डा दिखाने की वजह से वे खबरों की सुर्खियों में आ गई थी। जिसकी वजह से उन्हें दो दिन की सजा भी हुई थी। लेकिन कुछ दिन बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों द्वारा रीता यादव की गोली मारकर हत्या कर देने का दावा किया जा रहा है। आइए जानते हैं हकीकत?

कौन है रीता यादव?

रीता यादव उत्तरप्रदेश के समाजवादी पार्टी की सदस्य रह चुकी है। लेकिन सपा में खुद को उपेक्षित महसूस कर रही रीता ने 17 दिसंबर 2021 को अमेठी में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता हासिल कर ली थी। तब से वह जिले में सक्रिय राजनीति करने लगीं। लम्भुआ विधानसभा से वह टिकट की दावेदारी भी पेश कर रहीं है। अब वे कांग्रेस पार्टी की एक नेता है। 

लोगो के मन में उठ रहे हैं सवाल

सुल्तानपुर रैली में पीएम को काला झण्डा दिखाने की वजह से वे खबरों की सुर्खियों में आ गई थीं, खैर इसके लिए उन्हें 2 दिन की सजा भी हुई थी। इस घटना के कुछ ही दिनों बाद ही रीता यादव को कुछ बदमाशों द्वारा गोली मारी गई। लेकिन हाल ही में कुछ चैनलों और सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि रीता यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। तो क्या यह दावा सच है? इस दावे को लेकर लोगों के मन में इस तरह के कई सवाल उठ रहे हैं। 

सोशल मीडिया पर किया गया दावा 

रीता यादव की गोली मारकर हत्या का दावा सोशल मीडिया पर भी लगातार किया गया। इस दावे को कई यूजर्स ने सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए व्यंग्य भी कसे। इस दावे के साथ एक ट्विटर यूजर ने वायरल तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “सुल्तानपुर रैली में पीएम मोदी को काला झंडा दिखाने वाली महिला रीता यादव की गोली मार कर हत्या कर दी गई। ये तो सिर्फ एक है ना जाने और कितनों की जान जाएगी।” 

जानें क्या है असलियत?

इस घटना की छीन बीन करने के बाद यह निष्कर्ष निकला कि रीता यादव की गोली मारकर हत्या करने का दावा पूर्णतः गलत है। यह सत्य है कि उन्हें गोली लगी थी पर वे अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक 3 जनवरी को रीता यादव पोस्टर-बैनर बनवाने गई थीं और वहां से अपने घर लौट रही थीं। तभी रास्ते में कुछ अज्ञात बदमाशों ने उनकी गाड़ी को रोका और उनके पैर में गोली मार दी। रीता यादव को गोली लगने पर उनका इलाज सुल्तानपुर जिला अस्पताल में हुआ था। इसके बाद 6 जनवरी को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। लेकिन इस पूरी  रिपोर्ट में कहीं पर भी रीता यादव की मौत का जिक्र नहीं है। इससे यह पता चलता है कि रीता यादव की गोली मारकर हत्या का दावा पूरी तरह से गलत है। 
 

Created On :   10 Jan 2022 5:52 PM GMT

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