अस्पताल में रिमोट से चलने वाली ट्राली मरीजों को पहुंचाती है दवा और खाना-पानी

Remotely operated trolley delivers medicines and food to the hospital
अस्पताल में रिमोट से चलने वाली ट्राली मरीजों को पहुंचाती है दवा और खाना-पानी
अस्पताल में रिमोट से चलने वाली ट्राली मरीजों को पहुंचाती है दवा और खाना-पानी

नई दिल्ली, 16 मई(आईएएनएस)। कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों के बार-बार संपर्क में आकर डॉक्टर और नर्स कहीं खुद संक्रमित न हो जाएं, इसके लिए छत्तीसगढ़ के डॉक्टरों ने बायोमेडिकल इंजीनियर्स के साथ मिलकर रिमोट आधारित ट्राली बनाई है। जिसका नाम है भीम ट्राली।

रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल हास्पिटल में यह ट्राली खुद घूम-घूमकर कोविड 19 वार्ड में मरीजों को खाना, पानी और दवाई पहुंचाती है। खास बात है कि ट्राली में टैब और 3 डी कैमरा भी लगा है। जिससे मरीज अपने बिस्तर से ही चैंबर में बैठे डॉक्टर से संपर्क कर अपनी समस्या बता सकते हैं। यह ट्राली अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनीत जैन के निर्देशन में तैयार हुई है।

छत्तीसगढ़ काडर की 2009 बैच की आईएएस अफसर और विशेष सचिव स्वास्थ्य डॉ. प्रियंका शुक्ला ने इस पहल की सराहना की है। उन्होंने आईएएनएस से कहा कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने लीक से हटकर कुछ सोचा है, इससे दूसरों को भी प्रेरणा मिलती है। अब अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी कहीं ज्यादा आसानी से मरीजों की सेवा कर सकेंगे।

अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनीत जैन ने आईएएनएस को बताया, अस्पताल के कोरोना वार्ड के लिए यह ट्राली बनाई गई है। दरअसल मरीजों को दवा, खाना, पानी आदि उपलब्ध कराने के दौरान बार-बार होने वाले संपर्क से स्टाफ के भी संक्रमित होने का खतरा होता है। अगर स्टाफ संक्रमित होता है तो फिर उसे क्वारंटीन होने के लिए ड्यूटी से बाहर कर दिया जाता है। इससे स्टाफ की समस्या खड़ी होने से मरीजों के इलाज में दिक्कत होती है। लिहाजा हमने कुछ ऐसा तरीका अपनाने का विचार किया, जिससे कि मरीजों से कम से कम संपर्क हो सके।

डॉ. विनीत जैन ने आईएनएस से कहा, अस्पताल के बायोमेडिकल इंजीनियर्स की मदद से रिमोट कंट्रोल आधारित ट्राली बनाई गई। 50 किलो तक वजन यह ढो सकती है। इस ट्राली के जरिए हम चैंबर में बैठे-बैठे ही पूरे कोविड 19 वार्ड की देखभाल कर सकते हैं। साथ ही मरीजों तक दवाई और खाना-पानी आदि जरूरी सामान पहुंचा सकते हैं। कैमरा और टैब फिट होने के कारण चैंबर से ही डॉक्टर मरीज से बातकर उनकी समस्या जान सकते हैं। ट्राली का ट्रायल सफल रहा है। ट्राली बैट्री से चलता है। इसे चार्ज किया जा सकता है। इसकी तकनीक बच्चों के गाड़ी वाले खिलौने की तरह है, जिसे रिमोट के जरिए आप इधर-उधर किसी भी दिशा में भेज सकते हैं।

Created On :   16 May 2020 7:00 PM IST

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