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Nagpur News: बाल चिकित्सा में एंडोक्राइन विकार व हार्मोनल असंतुलन बड़ी समस्या

Nagpur News बाल चिकित्सा में एंडोक्राइन विकार जैसे टाइप वन डायबिटीज, थायरॉइड समस्याएं, हड्डियों के विकास संबंधी रोग और अन्य हार्मोनल असंतुलन की समस्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में चिकित्सकों का नवीनतम चिकित्सा ज्ञान से अपडेट रहना बेहद आवश्यक है। इसी उद्देश्य से आयोजित यह सतत चिकित्सा शिक्षा, वैज्ञानिक सत्र और हैंड्स ऑन कार्यशाला डॉक्टरों को आधुनिक उपचार पद्धतियों से परिचित कराती है। वहीं बच्चों की स्वास्थ्य सेवा को अधिक सटीक, सुरक्षित और प्रभावी बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस मंच के माध्यम से बाल एंडोक्राइन स्वास्थ्य से जुड़े सभी चिकित्सकों को प्रमाणित, व्यावहारिक और अत्याधुनिक जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। ऐसा इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. वसंत खलतकर ने कहा।
तीन दिवसीय सम्मेलन में बाल चिकित्सा पर मंथन : इंडियन सोसाइटी ऑफ पीडियाट्रिक एंड अडोलेसेंट एंडोक्राइनोलॉजी (आईएसपीएई) की नौवीं द्विवार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन का नागपुर में आयोजन किया गया। तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में देश-विदेश के बाल एवं किशोर एंडोक्राइन स्वास्थ्य विशेषज्ञ सहभागी हुए। सम्मेलन में बाल चिकित्सा में आम तौर पर पाए जाने वाले एंडोक्राइन रोग टाइप वन डायबिटीज़, थायरॉइड विकार, हड्डियों से संबंधित समस्याएं और विभिन्न हार्मोनल बीमारियों पर आधारित सतत चिकित्सा शिक्षा, वैज्ञानिक सत्र और हैंड्स ऑन कार्यशालाएं आयोजित की गईं।
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने दिया प्रशिक्षण : मुख्य सम्मेलन से पहले प्रशिक्षु बाल एंडोक्राइनोलॉजिस्टों के लिए तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूके और स्विट्जरलैंड के विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण दिया। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. वसंत खलतकर ने की। उन्होंने नवजात स्क्रीनिंग, विशेषकर जन्मजात हाइपोथायरॉइड की जांच को अधिक व्यापक बनाने पर जोर दिया। शिशु रोग विशेषज्ञ और आईएपी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. उदय बोधनकर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. अहिला अय्यावू और सचिव डॉ. हरी मंगतानी को आयोजन के लिए बधाई दी।
देश-विदेश से 350 प्रतिनिधियों की उपस्थिति : महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के प्रशासक डॉ. विंकी रुघवानी ने भी कार्यक्रम में भाग लेकर समिति की सराहना की। सम्मेलन के दौरान बाल एंडोक्राइनोलॉजी क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. पी. रघुपथी तथा डॉ. पी.एस.एन. मेनन को आईएसपीएई लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। वैज्ञानिक समिति के अध्यक्ष और आईएसपीएई के पूर्व अध्यक्ष डॉ. वामन खडिलकर ने वैज्ञानिक कार्यक्रम का नेतृत्व किया।
हैंड्स ऑन वर्कशॉप्स में ग्रोथ असेसमेंट, बोन हेल्थ, तथा टाइप वन डायबिटीज़ से पीड़ित बच्चों के लिए इंसुलिन डिलीवरी सिस्टम जैसे महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया। सम्मेलन में 350 से अधिक बाल रोग विशेषज्ञ और एंडोक्राइनोलॉजी प्रशिक्षु शामिल हुए। प्रशिक्षु डॉक्टरों ने 132 शोध कार्य प्रस्तुत किए, जो अब तक सर्वाधिक संख्या है। सम्मेलन में प्रमुख रुप से डॉ. रवीन्द्रकुमार, दिल्ली डॉ. अनुराग बाजपेयी समेत देश-विदेश के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे। यह सम्मेलन बाल एवं किशोर एंडोक्राइन स्वास्थ्य के क्षेत्र में नवीनतम शोध, तकनीक और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए महत्वपूर्ण व उपयोगी बताया गया।
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Created On :   21 Nov 2025 3:39 PM IST














