Nagpur News: टाइप-1 डायबिटीज़ बच्चों के लिए जीवनरेखा बने ड्रीम ट्रस्ट का गौरवशाली 30 वर्ष पूर्ण होने पर खास आयोजन

टाइप-1 डायबिटीज़ बच्चों के लिए जीवनरेखा बने ड्रीम ट्रस्ट का गौरवशाली 30 वर्ष पूर्ण होने पर खास आयोजन
  • गौरवशाली 30 वर्ष पूर्ण होने पर खास आयोजन
  • टाइप-1 बच्चे अपने टैलेंट का शानदार प्रदर्शन करेंगे

Nagpur News. ड्रीम ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. संकेत पेंडेसे की ओर से ट्रस्ट के गौरवशाली 30 वर्ष पूर्ण होने पर खास आयोजन किया जा रहा हैं। इस कार्यक्रम में डायबिटीज़ पर एक रोचक क्विज़ होगा। साथ ही टाइप-1 के उपचार को लेकर अनुभव साझा किए जाएंगे। इसके लिए सत्र रखा गया है। इस दौरान टाइप-1 बच्चे अपने टैलेंट का भी शानदार प्रदर्शन करेंगे। इस विशेष अवसर पर यूके के प्रसिद्ध और जुनूनी फिल्ममेकर रॉय डी बॉइस भी शिरकत करेंगे। वे ड्रीम ट्रस्ट के कार्यों पर आधारित एक लघु फिल्म बनाने नागपुर में आए हैं। कार्यक्रम शुक्रवार 21 नवंबर को दोपहर साढ़े 3 बजे सेटर पाइंट होटल में शुरु होगा। जहां बच्चों और उनके परिवारों को आने की अपील की गई है।


टाइप-1 डायबिटीज़ बच्चों के लिए जीवनरेखा बना ‘ड्रीम ट्रस्ट’

आपको बतादें ड्रीम ट्रस्ट पिछले कई वर्षों से टाइप-1 डायबिटीज़ से जूझ रहे बच्चों के लिए आशा की किरण बनकर सामने आया है। ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त इंसुलिन, ग्लूकोमीटर स्ट्रिप्स, सीरिंज और अन्य आवश्यक मेडिकल सामग्री उपलब्ध कराना है, जिससे उनकी दैनिक चिकित्सा जरूरतें बाधित न हों।

ट्रस्ट लड़कियों को प्राथमिकता देते हुए स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ शिक्षा को भी बढ़ावा देता है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आने वाले बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, जबकि स्कूल दूर होने पर कई बच्चों को मुफ्त साइकिल भी उपलब्ध कराई गई है।


(जरूरतमंदों का मदद की पहल शुरु करने वाले डॉक्टर शरद पेंडसे भले ही आज नहीं हैं, लेकिन उनके कार्यों से सैंकड़ों जरूरतमंद बच्चों के जीवन को नई आस मिली है, ऐसे डॉक्टर को आज भी भगवान का दूसरा रूप माना जाता है )

ड्रीम ट्रस्ट केवल स्वास्थ्य सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बच्चों और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वोकैशनल ट्रेनिंग भी प्रदान करता है। कई लाभार्थी आज स्क्रीन प्रिंटिंग, फल व्यवसाय और आर्टिफिशियल ज्वैलरी जैसे छोटे उद्यमों के माध्यम से आत्मनिर्भर बन चुके हैं। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर ट्रस्ट मोतियाबिंद सर्जरी, सुनने की मशीन और विशेष प्रॉस्थेटिक उपकरण भी प्रदान करता है।

फिलहाल ट्रस्ट द्वारा 1,300 से अधिक डायबिटिक बच्चों को सहायता दी जा चुकी है। संस्था समय-समय पर पर्यावरण और ऊर्जा संरक्षण पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी करती है, जिसमें बच्चों की सक्रिय भागीदारी देखी जाती है। धन्तोली पार्क स्थित कार्यालय से संचालित यह ट्रस्ट नागपुर ही नहीं, बल्कि पूरे विदर्भ में टाइप-1 डायबिटिक बच्चों के लिए महत्वपूर्ण सामाजिक मिशन निभा रहा है।


Created On :   20 Nov 2025 10:13 PM IST

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