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Nagpur News: निर्मल को-ऑपरेटिव में करोड़ों की अनियमितता, सीबीआई करेगी जांच

Nagpur News बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने निर्मल को-ऑपरेटिव सोसायटी में करोड़ों रुपये की कथित अनियमितताओं के मामले में सीबीआई को एफआईआर दर्ज कर निष्पक्ष जांच करने के आदेश दिए हैं। न्यायमूर्ति अनिल पानसरे और न्यायमूर्ति राज वाकोड़े की पीठ ने गुरुवार को निर्मल को-ऑपरेटिव सोसाइटी, नागपुर की महाप्रबंधक नंदा बांते की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किए।
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मामले यह है : निर्मल को-ऑपरेटिव सोसाइटी, नागपुर की महाप्रबंधक नंदा बांते ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सरकार और पुलिस पर राजनीतिक दबाव डालने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि कई जांच में कोई गड़बड़ी नहीं मिली, फिर भी पुलिस बार-बार रिकॉर्ड मांग कर दबाव बना रही है। याचिका में पुलिस आयुक्त के 29 जून 2023 के पत्र को रद्द करने और सोसाइटी के खिलाफ किसी भी जबर्दस्ती कार्रवाई को रोकने की मांग की गई है।
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सोसायटी दिवालिया होने की कगार पर : पिछली सुनवाई के दौरान बताया गया था कि पुलिस आयुक्त, नागपुर ने 29 जून 2023 को केंद्रीय रजिस्ट्रार को पत्र भेजकर सोसायटी द्वारा किए गए करोड़ों रुपये के कथित अनियमितताओं की जानकारी दी थी। इस पत्र में एमपीआईडी अधिनियम की धारा 3 और 4, भारतीय दंड संहिता और एमएससीएस अधिनियम, 2002 के तहत कार्रवाई करने की सिफारिश की गई थी। यह भी कहा गया था कि सोसायटी दिवालिया होने की कगार पर है, जिससे जमाकर्ताओं को भारी नुकसान हो सकता है। सुनवाई में यह भी बताया गया कि अब तक इस पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसके बाद अदालत ने केंद्रीय सहकारी सोसायटी रजिस्ट्रार, नई दिल्ली को मामले में प्रतिवादी बनाते हुए 13 नवंबर तक विस्तृत जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था।
कार्रवाई नहीं करने पर आश्चर्य : इसके बाद आदेश के अनुपालन में केंद्रीय सहकारी सोसायटी रजिस्ट्रार ने शपथ पत्र दायर करते हुए अदालत को बताया कि पुलिस आयुक्त को पहले ही सूचित किया गया था कि निर्मल को-ऑपरेटिव सोसायटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। मल्टी-स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी एक्ट, 2002 के तहत ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। इसके बावजूद पुलिस आयुक्त द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने पर अदालत ने आश्चर्य व्यक्त किया था। गुरुवार को हुई सुनवाई में अदालत ने निर्मल को-ऑपरेटिव की अनियमितताओं पर सीबीआई को जांच करने के आदेश दिए। साथ ही, सोसायटी पर प्रशासक नियुक्ति की मांग को अस्वीकार करते हुए उचित फोरम के पास जाने को कहा। केंद्रीय सहकारी सोसायटी रजिस्ट्रार की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ फिरदोस मिर्जा और एड. निरजा चौबे, राज्य सरकार की ओर से एड. संजय डोईफोडे और याचिकाकर्ता की ओर से एड. भूषण डाफले ने पैरवी की।
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Created On :   21 Nov 2025 12:15 PM IST












