इजराइल -ईरान जंग: अमेरिकी सेना की ईरान पर कार्रवाई पश्चिम एशिया में बढ़ा रहा है तनाव-अल्बानीज

- इजराइल ने ईरान पर किया हमला
- अल्बानीज ने कहा बातचीत करने की जरूरत
- अमेरिका ने UNSC से की शांति वार्ता की अपील
डिजिटल डेस्क, तेहरान। इजराइल -ईरान जंग के बीच में अमेरिकी सेना का ऑपरेशन मिडनाइट हैमर पश्चिम एशिया के पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ा रहा है। ट्रंप प्रशासन ईरान के परमाणु ठिकानों को तबाह करने का दावा कर रहा है। इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ईरान पर अमेरिकी ताबड़तोड़ हवाई हमलों को अभूतपूर्व कार्रवाई बताया। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से सद्भावना से शांति वार्ता करने का आह्वान किया है। अमेरिकी राजदूत डोरोथी शीया ने यूएनएससी की बैठक में ईरान में परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ अमेरिकी सैन्य कार्रवाई का बचाव किया।
यूएनएससी की इमरजेंसी मीटिंग में पश्चिम एशिया के तनाव पर चिंता जताई गई। इजराइल ने एक बार फिर ईरान के छह सैन्य ठिकानों पर एक साथ हमला किया है। आईडीएफ ने कहा कि केरमानशाह क्षेत्र में 15 से अधिक लड़ाकू विमानों के साथ ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण स्थलों को निशाना बनाकर हमले किए। दूसरी तरफ ईरान की संसद में होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने संबंधी प्रस्ताव पारित होने की खबर है।
रूस के पूर्व राष्ट्रपति और राष्ट्रपति पुतिन के खास दिमित्री मेदवेदेव ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर एक और युद्ध शुरू करने का गंभीर आरोप लगाया। मेदवेदव ने एक पोस्ट में लिखा कि ट्रंप शांतिदूत बनकर आए थे, लेकिन उन्होंने अमेरिका को एक नई जंग में झोंक दिया है। मेदवेदेव ने ये भी लिखा कि कई देश हैं, जो अपने परमाणु हथियार ईरान को देने के लिए तैयार हैं। हालांकि मेदवेदेव ने उन देशों का नाम नहीं लिया।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने अमेरिका के ईरानी परमाणु स्थलों पर हवाई हमले किए जाने के बाद क्षेत्र में किसी भी तरह की वृद्धि को रोकने के लिए बातचीत और कूटनीति का आह्वान किया। अल्बानीज ने ईरान से बातचीत के लिए आगे आने का आह्वान किया।
अल्बानीज ने कहा कि ईरान बातचीत की मेज पर नहीं आया, क्योंकि वह बार-बार अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन करने में नाकाम रहा है। हम बातचीत और कूटनीति का आह्वान करना जारी रखते हैं। हम कूटनीति, संवाद और तनाव में कमी देखना चाहते हैं। क्षेत्र में किसी भी तरह की वृद्धि को लेकर हम बहुत चिंतित हैं। दुनिया लंबे समय से इस बात पर सहमत है कि ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। और हम इसे रोकने के लिए कार्रवाई का समर्थन करते हैं।
Created On :   23 Jun 2025 12:45 PM IST