समझौतों और चिंता: भारत के साथ मौजूदा रक्षा समझौतों में संशोधन की तैयारी में मालदीव

- संशोधनों से सुनिश्चित करेंगा संप्रभुता और स्वतंत्रता
- पिछले साल भारत के साथ हुए समझौते के तहत वापस भेजे थे सैनिक
- मालदीव में कोई भी भारतीय सैनिक तैनात नहीं- रक्षा मंत्री मौमून
डिजिटल डेस्क, माले। मालदीव भारत के साथ मौजूदा रक्षा समझौतों में संशोधन करने के मूड़ में है। खबरों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों देशों के बीच के रक्षा समझौतों को लेकर मालदीव ने आज मंगलवार को कहा कि भारत के साथ मौजूदा रक्षा समझौतों में संशोधन किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मालदीव की संप्रभुता और स्वतंत्रता प्रभावित नहीं हो।
सरकारी समचारा एजेंसी पीटीआई भाषा से मिली जानकारी के अनुसार रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून ने संसद के सदस्यों को यह भी बताया कि मालदीव में तैनात 74 भारतीय सैनिक, जिन्हें पिछले साल भारत के साथ हुए समझौते के तहत वापस भेजा था, मालदीव में रहने के दौरान वे निहत्थे थे। रक्षा मंत्री मौमून का यह बयान मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू द्वारा 15 घंटे की मैराथन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह कहने के कुछ दिनों बाद आया है कि भारत सहित अन्य देशों के साथ पिछली सरकार द्वारा किए गए समझौतों को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है।
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक मुइज्जू की टिप्पणियों की विपक्षी नेता ने आलोचना की थी, जिन्होंने भारत जैसे देशों के साथ समझौतों के बारे में 2023 के चुनावी अभियान के दौरान झूठे दावे करने के लिए उनसे माफी की मांग की थी।
न्यूजपोर्टल ‘एडिशन. एमवी. की रिपोर्ट के हवाले से, मंगलवार को सांसदों की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए मौमून ने कहा कि दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे घनिष्ठ संबंधों के तहत भारत के साथ किए गए समझौतों में संशोधन किया गया है या किया जा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे मालदीव की संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा करें।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘पब्लिक सर्विस मीडिया’ (पीएसएम न्यूज) ने मंत्री ने कहा कि 1965 में मालदीव को आजादी मिलने के बाद से भारत के साथ 100 से अधिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए और उनमें से चार रक्षा मंत्रालय से संबंधित हैं।
पीएसएम खबर ने कहा कि समीक्षाधीन प्रमुख समझौतों में से एक भारत की सहायता से उथुरु थिलाफाल्हू में एक नौसैनिक ‘डॉकयार्ड’ के विकास से संबंधित है। वर्ष 2023 के चुनाव से पहले विपक्ष में रहने के दौरान मुइज्जू के नेतृत्व वाली पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) ने उथुरु थिलाफाल्हू समझौते के पहलुओं की आलोचना की थी, जिसमें दावा किया गया था कि कुछ प्रावधानों का राष्ट्रीय नीति के साथ टकराव है।
एडिशन. एमवी.’ के मुताबिक, मंत्री ने कहा कि ऐसे खंडों में अब करेक्शन किया जा रहा है, लेकिन उन्होंने इससे अधिक कोई विवरण साझा नहीं किया। चीन समर्थक राष्ट्रपति मुइज्जू के नवंबर 2023 में पदभार ग्रहण करने के बाद से मालदीव और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों में गिरावट देखी गई। शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने अपने देश से भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस भेजे जाने की मांग की थी। इसके बाद, मार्च और 10 मई के बीच आपसी सहमति से भारतीय सैन्यकर्मियों की जगह आम नागरिकों को नियुक्त किया गया। मालदीव में भारतीय सैन्यकर्मियों से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री मौमून ने मंगलवार को पुष्टि की कि वर्तमान में देश में कोई भी भारतीय सैनिक तैनात नहीं है। वर्ष 2024 के जून में विदेश मंत्री एस जयशंकर की पहली आधिकारिक यात्रा और अक्टूबर 2024 में मुइज्जू की भारत यात्रा के बाद, दोनों देशों ने संबंधों को फिर से सुधारने की कोशिश की है।
Created On :   6 May 2025 7:39 PM IST