इजराइल-हमास युद्ध: हिंद महासागर में इजराइली जहाज पर ड्रोन से हमला, नुकसान की खबर नहीं, जांच में जुटी आईडीएफ

हिंद महासागर में इजराइली जहाज पर ड्रोन से हमला, नुकसान की खबर नहीं, जांच में जुटी आईडीएफ
  • इजराइल-हमास में जंग जारी
  • युद्ध में अब तक हजारों लोगों की मौत

डिजिटल डेस्क, येरुशलम। इजराइल और हमास के बीच ढाई महीने से युद्ध चल रहा है। इस जंग में अब तक हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। इस बीच इजराइल से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। खबरें हैं कि, हिंद महासागर में इजराइली जहाज को निशाना बनाया गया है। न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घटना को अंजाम शनिवार यानी 23 दिसंबर को एक संदिग्ध ड्रोन से दिया गया। जिस जहाज को निशाना बनाया गया है वो व्यापारिक जहाज है जो घटना के बाद पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। लेकिन अभी तक किसी की हताहत होने की खबर नहीं है।

हमले को लेकर क्या जानकारी?

ब्रिटिश सेना की यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस और समुद्री सुरक्षा फर्म एंब्रे का इस पूरे मामले पर बयान सामने आया है। उनका कहना है कि एक इजरायली व्यापारिक जहाज पर हमला हुआ है यह घटना भारत के वेरवल के पास हुई है। जहाज पर हमला ड्रोन से किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, जहाज पर ड्रोन से हमला करने की वजह से चारों तरफ आग लग गई। जानकारी के लिए बता दें कि, पिछले महीने भी हिंद महासागर में एक इजराइली जहाज को ड्रोन से ही निशाना बनाया गया था। जिसको लेकर अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया था कि यह हमला ईरानी ड्रोन से हुआ है।

हूती विद्रोहियों पर शक

पिछले महीने ही यमन के हूती विद्रोहियों ने इजरायली-लिंक्ड मालवाहक जहाज को अपने कब्जे में ले लिया था, जो लाल सागर शिपिंग मार्ग से भारत के लिए रवाना हुआ था। इसके अलावा विद्रोहियों ने जहाज के चालक दल के साथ 25 सदस्यों को भी बंधक बना लिया था। टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, इस घटना को भी इजरायली अधिकारी हूती विद्रोहियों से जोड़कर देख रहे हैं।

हमास के लड़ाकों के साथ हूती विद्रोही

जानकारी के लिए बता दें कि, यमन के अधिकांश इलाकों पर ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों का कब्जा है। इजराइल-हमास जंग में ये हमास के लड़ाकों का जमकर समर्थन कर रहे हैं। हूती विद्रोही पहले ही एलान कर चुके हैं कि लाल सागर से गुजरने वाले जितने भी इजराइली मालवाहक होंगे उन पर रॉकेट या ड्रोन से हमला किया जाएगा। खतरे को देखते हुए कई बड़ी कंपनियां इस रास्ते से न जाने की घोषणा कर चुकी हैं। ये वो कंपनियां हैं जो जहाजों के माध्यम से एक देश से दूसरे देश समान ले जाने और ले आने का काम करती हैं।

Created On :   23 Dec 2023 11:48 AM GMT

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