काबुल बम विस्फोट के बाद बाइडेन पर उठने लगी उंगलियां !

After the Kabul bombing, fingers started pointing at Biden
काबुल बम विस्फोट के बाद बाइडेन पर उठने लगी उंगलियां !
Kabul bombing काबुल बम विस्फोट के बाद बाइडेन पर उठने लगी उंगलियां !
हाईलाइट
  • काबुल बम विस्फोट के बाद बाइडेन पर उठने लगी उंगलियां !

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। काबुल एयरपोर्ट में हमला हुआ, लेकिन कौन है जिम्मेदार.. ? अल जजीरा के अनुसार, बम विस्फोटों में मारे गए लोगों में 28 तालिबान सदस्यों सहित 70 से अधिक अफगान शामिल थे।

एक विश्लेषक ने इंडिया नैरेटिव को बताया, काबुल विस्फोटों के साथ, उनके (बाइडेन) हाथ में एक कठिन काम होगा (स्थिति को स्थिर करने में), खासकर जब उनके लोगों से उम्मीदें अधिक थीं (पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को हराने के बाद)। अफगानिस्तान की हार से पता चलता है कि ना तो उनके पास अपने घरेलू मोर्चे हैं और ना ही वैश्विक समुदाय को खुश रखने में कामयाब रहे।

नई दिल्ली, जो अमेरिका के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रही थी, हाल की घटनाओं के मद्देनजर अपनी वाशिंगटन नीति को धीरे-धीरे फिर से शुरू कर सकती है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने भयानक हमलों के बाद एक प्रेस वार्ता में आतंकवादियों से बदला लेने का वादा किया। उन्होंने बम विस्फोटों के बाद व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, मैं अपने हितों और अपने लोगों की हर उपाय के साथ रक्षा करूंगा।

विश्लेषक ने कहा, हालांकि इस पर अमेरिकी शायद उनके शब्दों पर भरोसा करने को भी तैयार नहीं हैं।

अफगानिस्तान से बाहर निकलने का फैसला करने वाले बाइडेन को अमेरिकियों का पूरा समर्थन प्राप्त था, लेकिन उस फैसले का असफल होना क्षमा ना करने योग्य है।

जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में राजनीति और पत्रकारिता पढ़ाने वाले स्टीवन रॉबर्ट्स ने ब्रूकिंग्स द्वारा प्रकाशित एक लेख में लिखा, अब समय आ गया है कि बाइडेन ईमानदार हो जाएं। वह हमारे सैनिकों, हमारे सहयोगियों और अमेरिकी लोगों के लिए ऋणी हैं।

इस बीच ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) ने कहा कि दुनिया भर में सुरक्षा के गारंटर के रूप में अमेरिका की विश्वसनीयता और विश्वसनीयता को लेकर चिंता है।

ओआरएफ पेपर में कहा गया है, बाहरी प्रतिबद्धताओं पर अमेरिकी विश्वसनीयता को एक दिए गए रूप में लेना मूर्खता होगी। यूरोप और नाटो के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धताओं के बारे में कम संदेह है, लेकिन इंडो-पैसिफिक में ढीली व्यवस्था कई सवाल खड़े करती है।

 

आईएएनएस

Created On :   28 Aug 2021 1:30 AM IST

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