चीन अपनी सेना पर खर्च के मामले में अमेरिका के बाद दूसरे पायदान पर है। स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट (एसआईपीआर) के अनुमान के मुताबिक चीन ने पिछले साल अपनी सेना पर 250 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च किए थे। अमेरिकी सेना में 13 लाख जवान, अफसर हैं। चीन ने पिछले साल अपनी सेना पर करीब 650 अरब डॉलर खर्च किए थे जो चीन की तुलना में ढाई गुना से ज्यादा है। जानकारी अनुसार चीन के पास करीब 280 परमाणु हथियार हैं, जबकि अमेरिका के पास 6450 और रूस के पास 6850 परमाणु हथियार हैं।
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चीन घर बैठे 30 मिनट में इस मिसाइल से अमेरिका में मचा सकता है तबाही, जानें क्या है खासियत

हाईलाइट
- चीन ने सैन्य परेड में एयरक्राफ्ट कैरियर, सुपरसॉनिक मिसाइलों का प्रदर्शन किया
- चीन ने कम्युनिस्ट शासन के 70 साल पूरे होने पर दूनिया को दिखाई ताकत
डिजिटल डेस्क बीजिंग। चीन ने धरती की सबसे शक्तिशाली मानी जाने वाली मिसाइल डीएफ-41 को लॉन्च किया है। इस अंतर-महाद्वीपीय मिसाइल की रेंज 15 हजार किलोमीटर तक है, जो अब तक मौजूद मिसाइलों में सबसे ज्यादा है। यह महज 30 मिनट में अमेरिका को अपना निशाना बना सकती है
दरअसल, चीन ने कम्युनिस्ट शासन के 70 साल पूरे होने पर मंगलवार को विशाल सैन्य परेड के साथ-साथ अपने घातक हथियारों, मिसाइलों का प्रदर्शन किया। चीन के इस परेड को दुनिया के सामने शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। खासतौर पर उसकी मिसाइलें दुनिया को हैरान कर रही हैं। चीनी मिसाइलों में इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइलें डोंगफेंग-41 और डोंगफेंग-17 भी शामिल थीं, जो 15 हजार किलोमीटर दूरी तक मार कर सकती हैं। डीएफ-41 दुनिया की सबसे दूरी तक मार करने वाली मिसाइल मानी जाती है। चीन ने पहली बार इस मिसाल को परेड में दिखाया।
बता दें कि चीन में गृहयुद्ध के बाद 1 अक्टूबर 1949 को माओत्से तुंग ने पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना की घोषणा की थी। चीन में कम्युनिस्ट शासन की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर मंगलवार को नेशनल डे परेड के मौके पर इसे पेश किया गया। इसी कार्यक्रम में डीएफ-41 मिसाइल के साथ कई नए सैन्य उपकरण भी पेश किए गए।
परेड में इनका भी प्रदर्शन
सैन्य परेड में चीन ने अपने आधुनिक और शक्तिशाली हथियारों का प्रदर्शन किया। इन हथियारों में फाइटर प्लेन, एयरक्राफ्ट कैरियर, सुपरसॉनिक मिसाइल और न्यूक्लियर क्षमता से लैक पनडुब्बियों का प्रदर्शन किया गया। सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के मिसाइल डिफेंस प्रोजेक्ट के मुताबिक इस परमाणु मिसाइल के जरिए एक साथ 10 अलग-अलग निशाने लगाए जा सकते हैं। परेड में करीब 15 हजार जवानों ने अपने अनुशासन का परिचय दिया। करीब 160 हेलीकॉप्टर भी परेड में शामिल किए गए। हेलीकॉप्टर के जरिए आसमान में चीनी झंडे को लहराया गया। पूरे कार्यक्रम में एक लाख से ज्यादा कलाकारों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा भारी-भरकम टैंक और अन्य भारी हथियारों को भी पेश किया गया।
ध्वनि से भी तेज दौड़ने वाले ड्रोन
नेशनल डे परेड में चीन ने पारंपरिक ड्रोन के अलावा पानी के भीतर काम करने वाले वाहन और बेहद तेज माने जाने वाले ड्रोन डीआर-8 को भी दिखाया गया। माना जा रहा है कि यह ड्रोन ध्वनि से भी पांच गुना तेज गति से दौड़ सकेगा। चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना है। यही नहीं उसके पास तीसरी सबसे बड़ी वायुसेना भी है।


चीन पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि चीन इस सैन्य प्रदर्शनी के जरिए अमेरिका को अपनी ताकत का प्रदर्शन करना चाहता है। एशियाई क्षेत्र में चीन अपनी असीमित ताकत का प्रदर्शन करने के साथ ही साउथ चाइना सी और पूरे एशिया में खुद को सबसे ताकतवर साबित करने की कोशिश कर रहा है।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तियानमेन चौक से अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि कोई भी व्यक्ति चीनी नागरिकों को जबरन रोक नहीं सकता और चीन तेजी से आगे बढ़ रहा है। चीन के सर्वोच्च नेता के रूप में चौथी बार जिनपिंग इस परेड का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
डीएफ 41 में यह है खासियत
15000 किलोमीटर दूरी तक मारक क्षमता
इस मिसाइल से अमेरिका पर 30 मिनट में वार कर सकता है चीन
एक साथ 10 अलग.अलग निशाने लगाने में सक्षम
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।