जासूसी और तोड़फोड़ में फांसी: ईरान ने इजराइल के लिए जासूसी करने के आरोपी और एक अन्य को तोड़फोड़ की साजिश में दी फांसी

ईरान ने इजराइल के लिए जासूसी करने के आरोपी और एक अन्य को तोड़फोड़ की साजिश में दी फांसी
  • इजराइल के हमलों में मारे गए एक परमाणु वैज्ञानिक के बारे में जानकारी दी थी
  • ईरान के महत्वपूर्ण और संवेदनशील संगठनों में करता था काम
  • सीरिया और इराक में सैन्य प्रशिक्षण लेने के बाद ईरान में की थी अवैध एंट्री

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान ने आज दो लोगों को फांसी दी, इसमें एक इजराइल के लिए जासूसी करता था, दूसरे ने तोड़फोड़ की। तोड़फोड़ करने वाला आरोपी ने सीरिया और इराक से सैन्य प्रशिक्षण लेकर ईरान में अवैध तरीके से एंट्री ली। सरकारी मीडिया ने इसकी जानकारी दी।

ईरानी न्यायपालिका के न्यूज आउटलेट मिज़ान की रिपोर्ट के मुताबिक, रूज़बेह वादी ने कथित तौर पर इस्लामिक गणराज्य पर जून में इजराइल के हमलों में मारे गए एक परमाणु वैज्ञानिक के बारे में जानकारी दी थी। मिज़ान ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी व्यक्ति को बुधवार को फांसी दे दी गई , इसके समाचार में ये भी बताया गया है कि वह ईरान के "महत्वपूर्ण और संवेदनशील संगठनों" में से एक में काम करता था।

मिज़ान ने बताया कि वादी ने देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के विरुद्ध कई तरह के अपराध किए हैं, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था में गंभीर व्यवधान उत्पन्न हुआ है। कथित तौर पर वादी को ऑनलाइन भर्ती किया गया था । वादी ने ऑस्ट्रिया के वियना में इजराइली खुफिया सेवा मोसाद के अधिकारियों से 5 बार मुलाकात की थी।

आपको बता दें ईरान के शीर्ष जनरलों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाकर जून में 12 दिनों तक इजराइल ने ईरान पर हवाई हमले किए थे। ईरान ने भी इजराइल हमलों के जवाब में कार्रवाई की थी। ईरान ने युद्ध के बाद से इजराइल के साथ सहयोग करने के संदेह में अरेस्ट किए गए लोगों पर तुरंत केस चलाने का वादा किया है।

मिज़ान की रिपोर्ट के मुताबकि ईरान ने बुधवार को आईएसआईएस (आईएसआईएस) समूह के एक सदस्य को तोड़फोड़ की साजिश रचने के आरोप में फांसी दे दी। समाचार साइट की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने मेहदी असगरजादेह पर उस समूह का सदस्य होने का आरोप लगाया, जिसने चार सदस्यीय टीम के साथ अवैध रूप से ईरान में प्रवेश करने से पहले सीरिया और इराक में सैन्य प्रशिक्षण में भाग लिया था, जो ईरानी सुरक्षा के साथ लड़ाई में मारे गए थे।

मिज़ान के मुताबिक ईरान के शीर्ष कोर्ट ने निचली अदालतों की सजा को बरकरार रखा और दोनों व्यक्तियों को फांसी देने से पहले पूरी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया।

Created On :   17 Sept 2025 6:17 PM IST

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