अंतरराष्ट्रीय अपील: अफगान शरणार्थियों को संभालने को तैयार नहीं है कई देश -यूएनएचसीआर ने किया बड़ा दावा

- ईरान और पाकिस्तान से 23 लाख से अधिक अफगान शरणार्थी अफगानिस्तान लौटे
- लौटे हुए शरणार्थियों को मुश्किल दौर से गुजरना पड़ रहा है
- शरणार्थियों को बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए तत्काल अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान और पाकिस्तान से 23 लाख से अधिक अफगान शरणार्थी अफगानिस्तान लौट चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त ने इसकी जानकारी दी। यूएनएचसीआर एजेंसी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि लौटे हुए शरणार्थियों को मुश्किल दौर से गुजरना पड़ रहा है। एजेंसी ने कहा शरणार्थियों को बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए तत्काल अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है।
पाकिस्तान ने 1 सितंबर तक उन एक मिलियन से अधिक अफगानों को देश छोड़ने की आखिरी तारीख तय की है जिनकी अस्थायी निवास अनुमति खत्म हो चुकी है। इससे जबरन विस्थापन और बढ़ते मानवीय संकट को लेकर चिंताएं और गहरी हो गई हैं। यूएनएचसीआर ने पहले भी पाकिस्तान से आग्रह किया था कि वह कमजोर और संवेदनशील अफगान शरणार्थियों को निर्वासित न करे। महिलाओं, लड़कियों और बीमार लोगों की जबरन वापसी उनके मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के समान होगी। एजेंसी ने पाकिस्तान से छात्रों और चिकित्सा देखभाल की जरूरत वाले लोगों को निर्वासन से छूट देने की अपील की है। पाकिस्तान सरकार द्वारा एक महीने की मोहलत देने का एजेंसी ने स्वागत किया। यूएन एक्सपर्ट का कहना है कि शरणार्थियों को ऐसे देश भेजा जा रहा है जिसके शासकों पर मानवाधिकारों के व्यवस्थित उल्लंघन के आरोप हैं।
यूएनएचसीआर ने अफगान शरणार्थियों को लेकर कहा कई देश इनको संभालने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन दुनिया अब अफगानों से मुंह नहीं मोड़ सकती। मानवीय संगठनों ने चेतावनी दी है कि मजबूरन लौटे अफगान शरणार्थी गरीबी, बेरोज़गारी, आवास की कमी और शिक्षा तथा व्यक्तिगत आजादी कड़ी पाबंदियों जैसी समस्याओं से जूझेंगे।
Created On :   28 Aug 2025 6:16 PM IST