India-US Defense Deal: तनातनी के बीच भारत-अमेरिका ने रक्षा के क्षेत्र में की बड़ी डील, 10 सालों तक साझा होगी ये तकनीक

तनातनी के बीच भारत-अमेरिका ने रक्षा के क्षेत्र में की बड़ी डील, 10 सालों तक साझा होगी ये तकनीक
दोनों देशों ने रक्षा के क्षेत्र में 10 साल के लिए अहम समझौता कर लिया है। इस डिफेंस डील पर मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने साइन भी किए हैं।

डिजिटल डेस्क, कुआलालंपुर। भारत और अमेरिका की तनातनी के बीच अच्छी खुशखबरी निकलकर आई है। दोनों देशों ने रक्षा के क्षेत्र में 10 साल के लिए अहम समझौता कर लिया है। इस डिफेंस डील पर मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने साइन भी किए हैं। इस समझौते को लेकर पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में बैठक की थी। इसके बाद इसे आगे बढ़ाया गया है।

इस समझौते के तहत दोनों देशों की सेनाओं में नई तकनीकी और रणनीतिक में सहयोग मिलेगा। ताकि भारत की रक्षा इंडस्ट्री के खेमें में ग्रोथ करने का मौका मिल सके।

ग्लोबल चुनौतियों पर गहन चर्चा

इस मीटिंग के कुछ दिन पहले भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो के बीच व्यापर बातचीत हुई थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय मुद्दों और ग्लोबल चुनौतियों पर गहन चर्चा की गई थी।

इस मुलाकात के बाद पेंटागन ने एक बयान जारी किया था और इस डील के बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि भारत इस डील के तहत अपने घरेलू रक्षा उत्पादन को आगे बढ़ाएगा। जिसमें 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत जीई एयरोस्पेस का एफ-404 इंजन और हिदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की डिलीवरी को भी शामिल किया है।

अमेरिका ने साझा की जानकारी

अमेरिकी रक्षा सचिव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए लिखा कि उनकी भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात हुई। इस दौरान हम दोनों ने 10 साल के लिए एक नया रक्षा समझौते पर साइन किए, ताकि दोनों देशों की रक्षा साझेदारी को मजबूती मिलेगी। उनका आगे कहना है कि इस समझौते की वजह से क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा दोनों देशों ने अपनी सुचनाए साझा करना, समन्वय और तकनीकी सहयोग को भी बढ़ाने का निर्णय लिया है। उन्होंने आगे कहा कि अब तक दोनों देशों के रक्षा संबंध पहले से अधिक मजबूत हुए हैं।

इस बैठक के दौरान एफ-404 इंजन की डिलीवरी में आई देरी का भी मुद्दा उठा, जो तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) के लिए बेहद जरुरी है। आई इस देरी की वजह से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को भारतीय वायुसेना के लिए तय किए गए समय पर विमानों की आपूर्ति में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

इस समझौते से भारत को कैसी मिलेगी मदद

  • अमेरिका से भारत को अत्याधुनिक हथियार, हेलिकॉप्टर, ड्रोन जैसी नई तकनीक मिलेगी।
  • इंडो-पैसिफिक में चीन पर पलटवार करने के लिए भारत और अमेरिका की साझेदारी को मजबूती मिलेगी।
  • इस समझौते के तहत अमेरिकी कंपनियां भारत में निवेश कर पाएगी, ताकि तेजी से डिलीवरी की जाए।
  • इसके तहत हेलीकॉप्टर, एयरक्राफ्ट समेत कई अन्य हथियार भारत में बनाए जाएंगे। इससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा।

दोनों देशों के क्या है फायदे?

  • भारत के रक्षा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और इसके साथ ही आत्मनिर्भर भी बनेगा।
  • अमेरिका को रक्षा सौदों के लिए ऑर्डर दिए जाएंगे। इसके साथ ही रणनीतिक साझेदारी भी।
  • इसके तहत क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूती मिलेगी और जानकारी साझा करने में आसानी और तेजी आएगी।
  • चीन जैसे देशों को सामूहिक दबाव का सामने करना पड़ेगा।

Created On :   31 Oct 2025 5:47 PM IST

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