चीन: शी जिनपिंग ने एशिया-प्रशांत में समावेशी विकास के लिए पांच सूत्रीय योजना पेश की

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एशिया-प्रशांत में समावेशी विकास के लिए पांच सूत्रीय योजना पेश की है, उन्होंने ये सब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की केंद्रीय समिति का चौथा पूर्ण अधिवेशन खत्म होने के बाद किया है। आपको बता दें चीन के आला नेता और अधिकारियों की बंद दरवाजों के पीछे ये बैठक कई दिनों तक चली। मीाटिंग का मुख्य मकसद अगले पांच साल के लिए देश के सामाजिक और आर्थिक विकास की योजना तैयार करना है। अब आपको बता दें मौजूदा समय में चीन की अर्थव्यवस्था कई ढांचागत समस्याओं से जूझ रही है, जिन पर चीन को ध्यान देने की जरूरत है।
चीन के नीति-निर्माता एक कठिन संतुलन बनाने में जुटे हैं। साथ ही दुनिया की महाशक्ति बनने के लिए अमेरिका को भी पछाड़ना है। अमेरिका को चुनौती देने के लिए चीन के सामने दो बड़ी चुनौतियां है। चीन को एक तरफ उपभोक्ता खर्च बढ़ाना है, और दूसरी ओर उच्च तकनीक वाले उद्योगों के विकास को प्रोत्साहित कर विकास दर को बरकरार रखना है। चीनी नेतृत्व के लिए सेमीकंडक्टर जैसी हाई-टेक इंडस्ट्री बनाना एक भू-राजनीतिक प्राथमिकता भी है। यहीं शी जिनपिंग की योजना है।
डीडब्ल्यू की खबर के अनुसार दशकों से, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन को एक्सपोर्ट व्यापार और बुनियादी ढांचे के निवेशों से गति मिलती रही है, जबकि, तीसरे स्तंभ यानी घरेलू खपत को नजरअंदाज किया गया है, जैसे-जैसे निर्यात और बुनियादी ढांचे के निवेश पर आधारित विकास की रफ्तार धीमी पड़ रही है, घरेलू खपत को प्रोत्साहित करने की जरूरत बढ़ती जा रही है।
डीडब्ल्यू ने अपनी खबर में बर्लिन स्थित थिंक टैंक मर्केटर इंस्टिट्यूट ऑफ चाइना स्टडीज (एमईआरआईसीएस) में चीनी मामलों के विश्लेषक अलेक्जेंडर ब्राउन के हवाले से बताया हैं, कि चीन में परिवारों और उपभोक्ताओं के बीच गहरी निराशा छाई हुई है, उनका मनोबल इस समय बहुत गिरा हुआ है, फिर भी, मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को देखते हुए, बीजिंग अपना पैसा मुख्य रूप से औद्योगिक पॉलिसी पर खर्च करेगा। बीजिंग के सामने अमेरिका सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। एडवांस सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी तक पहुंच सुनिश्चित करना, यह तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर आधारित रणनीतिक उद्योगों को चलाने के लिए अहम है।
सबसे एडवांस सेमीकंडक्टर चिप का निर्माण अभी भी मुख्य रूप से एनवीडिया जैसी अमेरिकी कंपनियां करती हैं। चीन के बाजार में प्रोसेसिंग पावर वाली चिप्स की बिक्री पर कभी हरी झंडी, तो कभी लाल झंडी दिखाने की नीति है। सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में चीन को आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है। जबकि वॉशिंगटन लगातार अमेरिका के नेतृत्व वाले हाई-टेक ईकोसिस्टम से चीन को अलग करने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में बीजिंग के लिए भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा, अर्थव्यवस्था से जुड़ी संरचनात्मक समस्याओं से कहीं ज्यादा चिंता का विषय है। पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने चीन से इम्पोर्ट सामानों पर अधिक टैरिफ लगाने की धमकी दी, क्योंकि बीजिंग ने संकेत दिया था कि वह रेअर अर्थ मिनरल्स के निर्यात को अधिंक कंट्रोल कर सकता है।
Created On :   31 Oct 2025 9:57 AM IST












