सीजफायर समझौता खत्म!: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव जारी, काबुल इस्लामाबाद को सिखाएगा सबक

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव जारी, काबुल इस्लामाबाद को सिखाएगा सबक
काबुल ने इस्लामाबाद को एक बार फिर चेतावनी दी है। तालिबान का कहना है कि पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया जाएगा, जिसे अभी तक किसी दूसरे देश ने नहीं सिखाया होगा।

डिजिटल डेस्क, काबुल। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर हुए समझौते के बीच भी मामला तनातनी का बना हुआ है। इसी बीच, काबुल ने इस्लामाबाद को एक बार फिर चेतावनी दी है। तालिबान का कहना है कि पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया जाएगा, जिसे अभी तक किसी दूसरे देश ने नहीं सिखाया होगा। यह धमकी अफगान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल मतीन कानी ने एक इंटरव्यू के दौरान दी है।

संघर्ष के दौरान अफगान के नागरिक डट कर रहे खड़े

मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि हमारे पार भले ही परमाणु हथियार नहीं है। इसके बावजूद अमेरिका से अफगानिस्तान में 20 साल तक मुकाबला किया था। क्योंकि नाटो के पास भी परमाणु हथियार थे? अमेरिका के पास भी थे? उन्होंने संघर्ष के दौरान सभी प्रकार के हथियारों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के पास भी हथियार है, कम भी हो सकते हा या फिर ज्यादा भी। इसके बावजूद भी आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि अफगानिस्तान के लोग हर मुश्किल घड़ी में डट कर खड़े रहे हैं।

दोनों देशों के बीच हुई युद्धविराम को लेकर वार्ता

गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच सीजफायर की शुरुआत इसी साल अक्टूबर के शुरुआत में हुई थी। यह फैसला तब लिया गया था, जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान स्थित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के कई कैंपों पर हवाई हमाले किए थे, इन हमलों में कई दर्जन नागरिक मारे गए थे। इसके बाद 19 अक्टूबर को कतर के दोहा में पहली की बातचीत की गई थी, जहां पर दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने तुरंत युद्धविराम पर सहमति जताई थी। और तनाव को कम करने का वादा किया था। इसके बाद 25 से 28 अक्टूबर तक तुर्की के इस्तांबुल में वार्ता हुई थी, लेकिन यह पूरी तरह से विफल साबित हुई। क्योंकि इस दौरान कोई मजबूत समझौता नहीं हुआ था।

इन कारणों से शांति वार्ता रही विफल

इन वार्ता के दौरान पाकिस्तान ने तालिबान सरकार से टीटीपी जैसे आतंकी संगठनों पर कड़ा एक्शन लेने की बात कही थी। इसके साथ ही उनके कैंपों को पूरी तरह से तबाह करने के लिए लिखित में गारंटी की मांग की गई थी। इसके साथ ही पाकिस्तान ने कोई ठोस सबूत पेश नहीं किए थे। इन्हीं मांगों को अफगान ने असंभव बताया है और कहा कि उनके पास पूरा नियंत्रण नहीं है। उसने आगे कहा कि पाकिस्तान तीसरे देशों से ड्रोन हमलों की शिकायत कर रहा है। इन्हीं बातों को टालते हुए अफगान ने पाकिस्तान पर दोष मढ़ दिया है। जिसके चलते दोनों देशों के बीच की वार्ता पटरी से निचे उतर गई थी।

Created On :   29 Oct 2025 5:32 PM IST

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