Russia-India Deal: भारत में ही बनाया जाएगा सिविल एयरक्राफ्ट, रूस के साथ डील हुई फिक्स

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और रूस के संबंधों में लगातार मजबूती आ रही है। भारत-रूस संबंध और स्वदेशी एविएशन क्षेत्र में नया अध्याय जुड़ने वाला है। स्वदेशी सरकारी एविएशन कंपनी के साथ सुखोई सुपरजेट (एसजे-100) यात्री विमान बनाने की बात कही है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के सीएमडी डीके सुनील की मौजूदगी में मंगलवार को मॉस्को में इस एग्रीमेंट पर साइन किए हैं।
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एचएएल के अधिकारी ने जारी किया बयान
एचएएल ने आधिकारिक बयान भी दिया है। उन्होंने कहा है कि, इन एसजे-100 विमानों का इस्तेमाल उड़ान स्कीम के तहत छोटी दूरी की कनेक्टिविटी के लिए ही किया जाएगा। एचएएल ने ये साफ नहीं किया कि भारत में कितने विमान बनाए जाएंगे और कब से मैन्यूफैक्चरिंग शुरू होगी। लेकिन एविएशन कंपनी की तरफ से ये जरूर साफ किया गया है कि, उड़ान स्कीम के तहत इस समय देश में करीब 200 विमानों की जरूरत है।
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रूस-भारत का पहला समझौता
टू-इन इंजन वाले एसजे-100 विमान को रूस की सरकारी कंपनी, पब्लिक ज्वाइंट स्टॉक कंपनी यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन बनाती है। रूस में इस तरह के करीब 200 विमानों का इस्तेमाल करती है। एचएएल के मुताबिक, कम दूरी की उड़ानों के लिए एसजे-100 एक अच्छा कदम हो सकता है। एचएएल और यूएसी की पार्टनरशिप एक दूसरे पर भरोसे का संकेत है। एचएएल भारतीय वायुसेना के लिए रूस से लाइसेंस की मदद से 250 सुखोई लड़ाकु विमान और 600 मिग-21 फाइटर जेस्ट भी देश में ही बनाएं हैं। लेकिन रूस और भारत का सिविल एयरक्राफ्ट बनाने का ये पहला समझौता है।
Created On :   28 Oct 2025 6:09 PM IST












