पाक ने कहा- जाधव के लिए आर्मी एक्ट में बदलावों की खबर झूठी, कानूनी विकल्पों पर कर रहे विचार

Considering various legal options for review of Kulbhushan Jadhav case says Pakistan Army
पाक ने कहा- जाधव के लिए आर्मी एक्ट में बदलावों की खबर झूठी, कानूनी विकल्पों पर कर रहे विचार
पाक ने कहा- जाधव के लिए आर्मी एक्ट में बदलावों की खबर झूठी, कानूनी विकल्पों पर कर रहे विचार

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सेना पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव मामले की समीक्षा और पुनर्विचार के विभिन्न कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है। इसके अलावा, सेना ने उन रिपोर्टों का खंडन किया, जिसमें कहा जा रहा था कि पाकिस्तान ICJ के फैसले को लागू करने के लिए आर्मी एक्ट में बदलाव करने जा रही है।

पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने एक ट्वीट कर कहा, "कुलभूषण जाधव को लेकर दिए गए ICJ के फैसले को लागू करने के लिए पाक सेना अधिनियम में संशोधन की अटकलें गलत हैं। मामले की समीक्षा और पुनर्विचार के विभिन्न कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। फाइनल स्टेटस समय आने पर साझा किया जाएगा।"

समाचार एजेंसी पीटीआई ने बुधवार को इस्लामाबाद के रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया था कि सरकार अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के 17 जुलाई के फैसले को लागू करने के लिए आर्मी एक्ट में बदलाव के एक ड्राफ्ट पर काम कर रही है। इस एक्ट में बदलाव के बाद पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी को नागरिक अदालत में अपनी सजा के खिलाफ अपील दायर करने का अधिकार मिल जाएगा।

गौरतलब है कि कुलभूषण जाधव जाधव मार्च 2016 से पाकिस्तान की जेल में हैं। जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुंच के पाकिस्तान के इनकार के बाद भारत ने मई 2017 में ICJ का रुख किया था। भारत ने 48 वर्षीय कुलभूषण जाधव के खिलाफ पाकिस्तान की सैन्य अदालत में "फार्सिकल ट्रायल" को भी चुनौती दी थी। इसके बाद 21 जुलाई को आईसीजे ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया था।

कोर्ट ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाने के साथ ही भारत को कॉन्सुलर एक्सेस भी दिया था। ICJ में 15-1 से भारत के पक्ष में ये फैसला सुनाया गया था। कोर्ट ने कहा था कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव से संपर्क करने और उनके लिए कानूनी प्रतिनिधित्व की व्यवस्था करने के अधिकार से भारत को वंचित किया। यह विएना संधि के तहत कॉन्सुलर रिलेशन नियमों का उल्लंघन है। 

 

 

 

Created On :   13 Nov 2019 4:23 PM GMT

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